फरवरी १९४२ में मैक्सिकन किसान डायोनिसियो पुलिडो उसने सोचा की मके के खेत से कुछ गड़बड़ाहट सुनाई दे रही है. हालाँकि आवाज आसमान से नहीं आ रही थी . उसका स्त्रोत एक बड़ा धूम्रपान करनेवाला ,गैस उत्सर्जित करता और चट्टानों से बाहर निकल रहा था| और यह ज्वालामुखी के नाम से जाना जायेगा , और अगले 9 वर्षों में, इसका लावा और राख 200 वर्ग किमी में फैली होगी। लेकिन यह नया ज्वालामुखी कहां से आया, और आखिर इसके विस्फोट का कारन क्या है ? किसी भी ज्वालामुखी की कहानी मैग्मा से शुरू होता है। अक्सर, यह पिघला हुआ चट्टान बनाता है उन क्षेत्रों में जहाँ समुद्र का पानी पृथ्वी के आवरण में जाने में सक्षम है और परत के गलनांक को कम करें। परिणामस्वरूप मैग्मा आम तौर पर बना रहता है पृथ्वी की सतह के नीचे तीन भूवैज्ञानिक कारकों का धन्यवाद नाजुक संतुलन के लिए । पहला लिथोस्टाटिक दबाव है। यह पृथ्वी की पपड़ी का वजन है जो नीचे मेग्मा पर धक्का दे रहा है। एक जादुई दबाव के कारन मैग्मा नीचे धकेला जाता है । इन बलों के बीच की लड़ाई तीसरे कारक को तनाव देता है: यह पृथ्वी की पपड़ी को मजबूत करता है । आमतौर पर, चट्टान काफी मजबूत होती है और काफी भारी होती है। और मैग्मा जगह पर रखने के लिए पर्याप्त होती है । लेकिन जब इस संतुलन को तोड़ दिया जाता है, परिणाम विस्फोटक हो सकते हैं। सबसे आम कारणों में से एक क विस्फोट का कारन है मैगमास्टेटिक दबाव में वृद्धि । मैग्मा में विभिन्न तत्व और यौगिक होते हैं, जिनमें से कई भंग हो जाते हैं पिघले हुए चट्टान में। उच्च पर्याप्त सांद्रता में, यौगिक पानी या गंधक की तरह अब नहीं घुलते हैं, और इसके बजाय एक तरह के उच्च दबाव गैस बुलबुले बन जाते है । जब ये बुलबुले सतह तक पहुँचते हैं, एक बंदूक की गोली के बलसमान फट सकते है । और जब लाखों बुलबुले एक साथ विस्फोट करते है, उसकी ऊर्जा राख के ढेर भेज सकती है पुरे समताप मंडल में। फुटनेसे पहले एक हिलाए हुए सोडा में C02 के बुलबुले की तरह लगते । उनकी उपस्थिति मैग्मा के घनत्व, को कम करती है, और बल को बढ़ाके पपड़ी को ऊपर की तरफ धकेलती है| इसी प्रक्रिया को कई भूवैज्ञानिक मेक्सिको मे हुए विस्फोट का कारन मानते है दो ज्ञात प्राकृतिक कारण हैं इन बुलबुलों के लिए। कभी कभी नया गहरा भूमिगत मैग्मा अतिरिक्त गैसिक यौगिकों का मिश्रण बनता है । लेकिन जब मैग्मा ठंडा होने लगे बुलबुले भी बन सकते हैं। पिघली हुई अवस्था में, मैग्मा मिश्रण है घुलित गैसों और पिघले हुए खनिजों का । जैसा कि पिघला हुआ चट्टान कठोर होता है, उनमें से कुछ खनिज क्रिस्टल में जम जाते हैं। इस प्रक्रिया मे कई घुली हुई गैसेस शामिल नहीं होती है , परिणामस्वरूप योगिकोंकी उच्च एकाग्रता होती है और विस्फोटक बुलबुलों का निर्माण होता है । बढ़ता मैग्मास्टेटिक दबाव सभी विस्फोटों का कारन नहीं होता ---- कभी-कभी चट्टान का वजन ऊपर खतरनाक रूप से कम हो सकता है। भूस्खलन से भारी मात्रा में मैग्मा चेंबर के ऊपर से चट्टान हट सकती है , जिससे लिपोस्टैटिक दबाव गिरता है और तुरंत एक विस्फोट शुरू हो जाते है। इस प्रक्रिया को "अनलोडिंग" के रूप में जाना जाता है और यह जिम्मेदार है कई विस्फोटों के लिए, 1980 में माउंट सेंट हेलेंस मे हुआ विस्फोट भी इसमें शामिल है । पर अनलोडिंग ज्यादासमय के लिए भी हो सकता है कटाव या ग्लेशियरों के पिघलने के कारण। चिंतित हैं कि बदलते वातावरण की वजह से हिमनग पिघल जाते हैं जो ज्वालामुखीय गतिविधि को बढ़ा सकता है। अंत में, विस्फोट हो सकता हैचट्टान की परत जब पर्याप्त मजबूत नहीं है कि वह नीचे की मैग्मा को पकड़ सके। मैग्मा से निकलने वाली अम्लीय गैसें और गर्मी एक प्रक्रिया के माध्यम से चट्टान को खुरच सकती हैं जिसे हाइड्रोथर्मल परिवर्तन कहा जाता है, जो धीरे-धीरे कठोर पत्थर को मुलायम मिट्टी में बदल देता है । विवर्तनिक गतिविधि द्वारा चट्टान की परत भी कमजोर हो सकती है। भूकंप विखंडन पैदा करता है जिसकी वजह से मैग्मा सतह पर फ़ैल जाता है , और पृथ्वी की पपड़ी महाद्वीपीय प्लेटों के रूप में पतली खींची जा सकती है एक दूसरे से दूर जाती है । दुर्भाग्य से, किन कारणों से विस्फोट होता है जानकर भी , यह अनुमान लगाना आसान नहीं होता है। जबकि वैज्ञानिक आम तौर पर यह निर्धारित कर सकते हैं पृथ्वी की पपड़ी की ताकत और वजन, मैग्मा कक्षों की गहराई और गर्मी मैग्मास्टैटिक दबाव में बदलाव को मापना मुश्किल कर देती है । ज्वालामुखी वैज्ञानिक लगातार खोजमें लगे है इस चट्टानी इलाके को जीतने के लिए नई तकनीक । थर्मल इमेजिंग में हो रही तरक्की वैज्ञानिकों को भूमिगत हॉटस्पॉट का पता लगाने की अनुमति देती है। मैग्मा से बचने वाली गैस का स्पेक्ट्रोमीटर विश्लेषण कर सकते हैं। लेजर सटीक रूप से प्रभाव को ट्रैक करते हैं ज्वालामुखी के आकार पर बढ़ती मैग्मा का उम्मीद है, ये उपकरण हमारी बेहतर मदद करेंगे इन अस्थिर झरोखों को समझने मे और उनके विस्फोटक विस्फोट को भी ।