बेक़रार ये दिल तेरा पागल है, समझे ना बेरुख़ी तो बहाना है ये बात कहीं उलझे ना इश्क़ मेरा ही मंज़िल को न पाता है, न खोता है माने चाहा तुमका अंजाम तो बस यही होता है मुस्कुरा के न देखिए ऐसा न हो दिल संभले ना बेरुख़ी तो बहाना है बात कहीं उलझे ना बेक़रार ये दिल तेरा पागल है, समझे ना क्यों मोहब्बत पर यक़ीन नहीं तुमको क्या लगती नहीं हसीन मैं तुमको परवाह ज़माने की क्यों कर रहे हो क्या दिखती है मुझमें कमी तुमको बेक़रार ये दिल तेरा समझे ना तू जिधर जाए देखे नज़र तुझको रोज़ छुप-छुप कर मैं ढूंढता तुझको ख़ुद से इजाज़त क्यों मैं चाहता हूँ जाने ख़ुदा से मैं क्या मांगता हूँ इश्क़ में आशिक़ों का बस यही काम होता है मुस्कुराहट पर ये क़िस्सा तमाम होता है मुस्कुरा के न देखिए ऐसा न हो दिल संभले ना बेरुख़ी तो बहाना है बात कहीं उलझे ना बेक़रार ये दिल तेरा पागल है, समझे ना