1 00:00:00,927 --> 00:00:02,712 आप कौन बनना चाहते हो ? 2 00:00:03,317 --> 00:00:05,295 यह एक आसान सा सवाल है, 3 00:00:05,319 --> 00:00:07,071 और आप जानो या नहीं, 4 00:00:07,095 --> 00:00:10,420 आप अपने कर्मों से इसका जवाब रोज़ दे रहे हैं। 5 00:00:10,971 --> 00:00:15,444 क्योंकि इस एक सवाल पर आपकी व्यवसायी सफलता 6 00:00:15,468 --> 00:00:17,492 सबसे ज़्यादा निर्धारित करेगी, 7 00:00:17,516 --> 00:00:21,497 क्योंकि आपका दूसरों के साथ व्यवहार बहुत मायने रखता है। 8 00:00:22,116 --> 00:00:27,302 या तो आप लोगों का सम्मान करके, उन्हें समझके, उनकी सराहना करके, 9 00:00:27,302 --> 00:00:30,402 उनका हौसला बढ़ाते हो, 10 00:00:31,029 --> 00:00:36,690 या आप उनका अपमान करके, उनकी उपेक्षा करके 11 00:00:36,690 --> 00:00:39,872 उन्हें हतोत्साह करते हो। 12 00:00:40,314 --> 00:00:43,885 और आप क्या करते हो वह मायने रखता है। 13 00:00:44,631 --> 00:00:47,604 मैंने लोगों पर कटुता के प्रभाव के बारे में पढ़ा। 14 00:00:47,628 --> 00:00:49,313 कटुता क्या है? 15 00:00:49,337 --> 00:00:51,285 अनादर या असभ्यता। 16 00:00:51,620 --> 00:00:53,982 इसमें बहुत तरह के बर्ताव हो सकते हैं, 17 00:00:54,006 --> 00:00:56,360 किसी का अपनी बातों से अनादर करना, 18 00:00:56,384 --> 00:00:58,923 या उनका इस तरह से मज़ाक उड़ाना 19 00:00:58,947 --> 00:01:00,800 जिससे उन्हें ठेस पहुँचे, 20 00:01:00,800 --> 00:01:02,639 या सभा में सन्देश लिखना। 21 00:01:02,663 --> 00:01:05,054 जो किसी के लिए कटुता हो 22 00:01:05,054 --> 00:01:07,414 वह किसी और के लिए बहुत मामूली सी चीज़ हो सकती है। 23 00:01:07,414 --> 00:01:10,082 सोचेंगे जब किसी को मिलते वक़्त फोनसे संदेश भेजना । 24 00:01:10,106 --> 00:01:12,268 हम में से किसी के लिए वह अशिष्ट होगा, 25 00:01:12,292 --> 00:01:15,147 और किसी और के लिए काफ़ी मामूली। 26 00:01:15,171 --> 00:01:16,831 तो यह निर्भर करता है। 27 00:01:16,855 --> 00:01:21,908 यह सब एक इंसान के नज़रिए पर है कि उसे वह अनादर लगा या नहीं। 28 00:01:22,748 --> 00:01:25,537 हम शायद अपनी तरफ़ से किसी को वैसा महसूस न कराना चाहें, 29 00:01:25,561 --> 00:01:28,498 लेकिन जब हम करते हैं, उसके भी परिणाम होते हैं। 30 00:01:29,736 --> 00:01:31,630 22 साल से भी पहले, 31 00:01:31,654 --> 00:01:35,162 मुझे याद है कि मैं एक अस्पताल के कमरे में गई थी। 32 00:01:35,901 --> 00:01:41,919 मैं बहुत दुखी थी क्योंकि मैं अपने जोशीले, मज़बूत, बलवान पिता को 33 00:01:41,943 --> 00:01:45,627 बिस्तर पर बुरी मरीज़ों वाली हालत में देख रही थी। 34 00:01:46,548 --> 00:01:49,374 उनकी यह हालत काम में तनाव की वजह से थी। 35 00:01:50,033 --> 00:01:52,051 पूरे एक दशक के लिए, 36 00:01:52,075 --> 00:01:55,435 उनके एक कटु स्वभाव के बॉस थे। 37 00:01:57,244 --> 00:02:01,556 और मुझे उस समय इस परिस्तिथि की गंभीरता का ख्याल नहीं था। 38 00:02:02,382 --> 00:02:04,868 लेकिन कुछ सालों बाद ही, 39 00:02:04,892 --> 00:02:07,782 मैंने खुद कॉलेज के बाद अपनी पहली नौकरी में 40 00:02:07,806 --> 00:02:09,520 कटुता का अनुभव किया। 41 00:02:10,441 --> 00:02:12,862 पूरे एक साल रोज़ काम पर 42 00:02:12,886 --> 00:02:15,227 मुझे अपने सहकर्मियों से सुनना पड़ता कि 43 00:02:15,251 --> 00:02:18,469 "तुम बेवकूफ़ हो? ऐसे काम नहीं होता," 44 00:02:18,493 --> 00:02:21,916 और, "तुमसे किसी ने नहीं पूछा।" 45 00:02:23,025 --> 00:02:25,838 तो फिर मैंने वही किया जो कोई भी करता। 46 00:02:25,862 --> 00:02:29,845 नौकरी छोड़कर, वापस कॉलेज जाकर इन सब चीज़ों के प्रभाव पर पढ़ाई की। 47 00:02:30,437 --> 00:02:32,701 वहाँ मैं क्रिस्टीन पिअरसन से मिली। 48 00:02:33,218 --> 00:02:36,870 और उनका एक सिद्धांत था, कि कैसे छोटे कटु कर्म से 49 00:02:36,894 --> 00:02:39,282 क्रोध और हिंसा जैसी 50 00:02:39,306 --> 00:02:41,408 बड़ी समस्याएँ भी कड़ी हो सकती हैं। 51 00:02:41,908 --> 00:02:45,896 हमारे मानने में कटु बर्ताव का प्रभाव निष्पादन पर हो सकता है। 52 00:02:45,920 --> 00:02:49,661 तो हमने इसका अन्वेषण करना शुरू किया, और परिणाम से हमारे आँखें खुल गई। 53 00:02:50,383 --> 00:02:53,053 हमने व्यापार पढ़े हुए लोगों को सर्वेक्षण भेजे 54 00:02:53,077 --> 00:02:55,468 जो अलग अलग जगहों में काम कर रहे थे। 55 00:02:55,492 --> 00:02:57,967 हमने उनके अनुभवों पर कुछ वाक्य लिखने को कहा 56 00:02:57,991 --> 00:03:01,005 जहाँ उनके साथ बुरा या असभ्य बर्ताव हुआ, 57 00:03:01,029 --> 00:03:03,619 या किसी ने उनका अनादर किया, 58 00:03:03,643 --> 00:03:06,729 और कुछ सवाल उस बर्ताव को लेके उनकी प्रतिक्रियाओं पर। 59 00:03:08,621 --> 00:03:12,393 किसी ने हमें अपने बॉस के बारे में बताया जो अशिष्ट किस्म की बातें करते जैसे, 60 00:03:12,417 --> 00:03:14,068 "यह काम कोई बच्चा भी कर ले," 61 00:03:14,772 --> 00:03:19,278 और दूसरे इंसान ने बताया कि उनके बॉस सबके सामने किसी का काम फाड़ देते। 62 00:03:19,751 --> 00:03:24,140 हमें पता चला कि कटु बर्ताव लोगों का हौसला और भी कम कर देता है: 63 00:03:24,140 --> 00:03:27,413 66 प्रतिशत लोगों ने काम में मेहनत करना कम कर दिया, 64 00:03:27,413 --> 00:03:30,446 80 प्रतिशत लोग सोच में पड़ जाते कि इन चीज़ों का कारण क्या है, 65 00:03:30,446 --> 00:03:33,482 और १२ प्रतिशत लोगों ने नौकरी छोड़ दी। 66 00:03:34,506 --> 00:03:38,177 इन परिणाम को छापने के बाद, दो चीज़ें हुई। 67 00:03:38,201 --> 00:03:40,892 एक, हमें संगठनों से फोन आने लगे। 68 00:03:41,503 --> 00:03:43,281 सिस्को ने हमारे परिणाम पढ़े, 69 00:03:43,305 --> 00:03:47,849 उनपर जाँच की और यह पाया कि 70 00:03:47,873 --> 00:03:51,242 कटु बर्ताव से उन्हें प्रति वर्ष 1.2 करोड़ डॉलर का नुक्सान हो रहा था। 71 00:03:51,961 --> 00:03:56,685 दूसरी चीज़, कि हमें इस क्षेत्र से और लोगों से सुनने को मिला 72 00:03:56,685 --> 00:04:01,369 जिन्होंने हमसे पूछा कि सब यह चीज़ें बता तो रहे हैं, लेकिन इसका क्या सबूत है? 73 00:04:01,373 --> 00:04:03,931 क्या निष्पादन वाकई ख़राब होता है? 74 00:04:04,701 --> 00:04:06,603 मैं भी इस बारे में जानना चाहती थी। 75 00:04:07,046 --> 00:04:11,288 मैंने अमिर एरेज़ के साथ, जिन्होंने कटुता का अनुभव किया है, 76 00:04:11,312 --> 00:04:14,088 उनके साथ तुलना की जिन्होंने ऐसा अनुभव नहीं किया है। 77 00:04:14,112 --> 00:04:17,791 और हमने पाया कि जिन्होंने ऐसा अनुभव किया है 78 00:04:17,815 --> 00:04:20,468 उनका निष्पादन वाकई ख़राब हुआ है। 79 00:04:21,571 --> 00:04:23,983 आप शायद सोच रहे होंगे 80 00:04:24,007 --> 00:04:27,362 "हाँ, यह तो ज़ाहिर सी बात है।" 81 00:04:28,394 --> 00:04:31,567 पर क्या अगर आपने कभी ऐसा अनुभव न किया हो? 82 00:04:32,202 --> 00:04:34,334 मगर देखा या सुना ज़रूर हो? 83 00:04:34,855 --> 00:04:36,356 आप एक गवाह हैं। 84 00:04:36,380 --> 00:04:38,970 हमने सोचा कि क्या इसका प्रभाव गवाहों पर भी पड़ सकता है। 85 00:04:39,809 --> 00:04:41,110 हमने उस पर भी अन्वेषण किया 86 00:04:41,110 --> 00:04:44,695 जहाँ पाँच सहपाठी किसी देर से आने वाले पर 87 00:04:44,695 --> 00:04:47,178 प्रयोगकर्ता का दुश्व्यवहार देखते। 88 00:04:47,678 --> 00:04:50,412 प्रयोगकर्ता कहते, "तुम कैसे आदमी हो? 89 00:04:50,412 --> 00:04:52,668 देर से आते हो, गैरज़िम्मेदार हो। 90 00:04:52,668 --> 00:04:55,944 तुम्हें ऐसे में कौन नौकरी पर रखेगा?" 91 00:04:57,008 --> 00:04:59,289 और एक छोटे समूह पर अनुसन्धान करने के लिए, 92 00:04:59,293 --> 00:05:02,682 हमने एक सहकर्मी के दुश्व्यवहार के प्रभाव पर जाँच की। 93 00:05:03,442 --> 00:05:05,829 हमने यह पाया, 94 00:05:05,829 --> 00:05:08,537 कि गवाहों का निष्पादन भी ख़राब होने लगा, 95 00:05:08,541 --> 00:05:12,311 और थोड़ा नहीं, बहुत ज़्यादा। 96 00:05:14,159 --> 00:05:16,025 कटुता एक रोग है। 97 00:05:16,576 --> 00:05:18,197 वह फैलता है, 98 00:05:18,221 --> 00:05:22,062 और हम उसके आस पास रहकर भी उससे प्रभावित होते हैं। 99 00:05:22,525 --> 00:05:25,112 और वह सिर्फ़ काम तक सीमित नहीं है। 100 00:05:25,136 --> 00:05:27,657 हमें वह कहीं भी मिल सकता है-- 101 00:05:27,681 --> 00:05:32,133 घर पे, ऑनलाइन, स्कूल में, हमारे समुदायों में। 102 00:05:33,069 --> 00:05:37,588 वह हमारे जज़्बात, उत्तेजना, निष्पादन और हमारे व्यवहार को भी 103 00:05:37,612 --> 00:05:38,975 प्रभावित करता है। 104 00:05:39,531 --> 00:05:43,314 वह हमारे ध्यान देने की और सोचने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। 105 00:05:44,283 --> 00:05:47,859 और यह सिर्फ़ तब नहीं होता जब हम उसे अनुभव करें 106 00:05:47,883 --> 00:05:49,428 या उसके गवाही हो। 107 00:05:49,452 --> 00:05:53,267 यह तब भी हो सकता है जब हम कोई कटु शब्द देखें या पढ़ें। 108 00:05:54,029 --> 00:05:56,059 एक उदहारण देती हूँ। 109 00:05:57,424 --> 00:06:00,523 इसकी जाँच करने के लिए हमने कुछ लोगों को एक वाक्य बनाने के लिए 110 00:06:00,547 --> 00:06:02,028 चंद शब्द दिए। 111 00:06:02,591 --> 00:06:04,318 सब सोच समझकर। 112 00:06:04,850 --> 00:06:10,333 आधे सहपाठियों को कटु व्यवहार उकसाने वाले 15 शब्द मिले: 113 00:06:10,357 --> 00:06:14,821 अशिष्टता, टोकना, घृणित, परेशान करना। 114 00:06:15,414 --> 00:06:18,119 और आधे सहपाठियों को दूसरे शब्दों की सूची मिली 115 00:06:18,119 --> 00:06:20,339 जिनमें ऐसे व्यवहार उकसाने वाले शब्द नहीं थे। 116 00:06:20,950 --> 00:06:23,714 और हमें कुछ चौकाने वाली चीज़ें समझ आई, 117 00:06:23,738 --> 00:06:26,138 क्योंकि जिनको असभ्य किस्म के शब्द मिले 118 00:06:26,162 --> 00:06:30,473 उनकी सामने दी हुई जानकारी से ध्यान भटकने की संभावना 119 00:06:30,497 --> 00:06:31,854 पाँच गुना ज़्यादा थी। 120 00:06:32,671 --> 00:06:34,771 और जैसे जैसे हमने इस विषय पर और जाँच की, 121 00:06:34,771 --> 00:06:38,121 हमने पाया कि जो इस तरह के असभ्य शब्दों को पढ़ते 122 00:06:38,145 --> 00:06:40,105 उन्हें निर्णय लेने में ज़्यादा समय लगता, 123 00:06:40,129 --> 00:06:41,873 और अपने निर्णय समझने में भी, 124 00:06:41,897 --> 00:06:44,414 वे ज़्यादा ग़लतियाँ भी करते। 125 00:06:45,263 --> 00:06:47,005 यह एक बहुत बड़ी समस्या हो सकती है, 126 00:06:47,005 --> 00:06:50,292 खासकर जब जीवन-मृत्यु वाली स्तिथि हो। 127 00:06:50,887 --> 00:06:54,656 स्टीव, एक चिकित्सक ने एक डॉक्टर के बारे में बताया जिनके साथ उन्होंने काम किया था 128 00:06:54,656 --> 00:06:56,390 जो कि खासकर के अपने से छोटे औदे वाले 129 00:06:56,390 --> 00:06:58,916 या नर्सेज़ का कभी अच्छे से आदर न करते। 130 00:06:59,381 --> 00:07:02,784 लेकिन स्टीव ने एक विशेष वारदात के बारे में बताया 131 00:07:02,808 --> 00:07:05,552 जहाँ इस डॉक्टर ने चिकित्सक समूह पर चिल्लाया। 132 00:07:06,544 --> 00:07:08,357 उस बातचीत के बाद ही, 133 00:07:08,361 --> 00:07:11,908 उन लोगों ने मरीज़ को ग़लत दवाई दे दी। 134 00:07:13,289 --> 00:07:17,120 स्टीव ने कहा कि सही जानकारी बिलकुल उनके सामने चार्ट पर दी गई थी, 135 00:07:17,144 --> 00:07:20,387 मगर सब ने किसी तरह से उस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया। 136 00:07:21,307 --> 00:07:24,960 उन्होंने कहा कि वे अनभिज्ञ और ध्यानहीन से थे। 137 00:07:25,698 --> 00:07:27,392 मामूली सी ग़लती थी, है न? 138 00:07:27,803 --> 00:07:29,384 लेकिन वह मरीज़, मर गया। 139 00:07:30,462 --> 00:07:33,640 इजराइल के शोधकर्ता ने यह बताया है कि 140 00:07:33,644 --> 00:07:36,179 ऐसे चिकित्सक समूह जिनके साथ असभ्य बर्ताव होता है, 141 00:07:36,179 --> 00:07:39,130 उसका प्रभाव उनके 142 00:07:39,130 --> 00:07:41,756 चिकित्सक प्रक्रियाओं पर पड़ता है। 143 00:07:42,607 --> 00:07:45,769 यह इसलिए होता था क्योंकि जिन लोगों के साथ ऐसा बर्ताव होता था, 144 00:07:45,769 --> 00:07:48,191 वे जानकारी आसानी से न बाँट पाते, 145 00:07:48,191 --> 00:07:51,104 और अपने सहपाठियों से मदद लेना भी बंद करते। 146 00:07:51,118 --> 00:07:55,010 और मैंने यह सिर्फ़ चिकित्सा के क्षेत्र में ही नहीं, बाकी क्षेत्रों में भी देखा है। 147 00:07:56,581 --> 00:07:59,649 अगर कटुता से इतन नुकसान होता है, 148 00:07:59,649 --> 00:08:01,738 तो हम ऐसा व्यवहार अब भी क्यों पाते हैं? 149 00:08:02,636 --> 00:08:05,560 मैं जिज्ञासु थी तो हमने इस पर भी सर्वेक्षण किया। 150 00:08:06,068 --> 00:08:08,934 सबसे पहला कारण है -- तनाव। 151 00:08:08,958 --> 00:08:10,809 लोग व्याकुल हो जाते हैं। 152 00:08:11,849 --> 00:08:14,532 दूसरा कारण यह है कि 153 00:08:14,532 --> 00:08:17,320 लोगों को लगता है कि 154 00:08:17,320 --> 00:08:19,974 उन्हें अच्छी तरह से पेश आने पर भी संशयी महसूस होता है। 155 00:08:19,984 --> 00:08:22,637 उन्हें लगता है कि ऐसे में वे उतने बड़े लीडर नहीं लगेंगे। 156 00:08:22,637 --> 00:08:25,587 उन्हें लगता है: क्या अच्छे आदमी पीछे रह जाते हैं? 157 00:08:26,042 --> 00:08:28,950 दूसरे शब्दों में: क्या क्रूर लोग आगे बढ़ जाते हैं? 158 00:08:28,950 --> 00:08:30,303 (हँसी) 159 00:08:31,088 --> 00:08:32,590 ऐसा सोचना आसान है, 160 00:08:32,590 --> 00:08:35,525 खासकर की जब हम ऐसे उदहारण 161 00:08:35,549 --> 00:08:37,515 अक्सर देखते हैं। 162 00:08:38,466 --> 00:08:41,293 खैर, पत्ते की बात यह है, कि ऐसा सच नहीं है। 163 00:08:42,063 --> 00:08:46,119 इस पर मॉर्गन मेककॉल और माइकल लोम्बर्डो द्वारा अन्वेषण किया गया है, 164 00:08:46,119 --> 00:08:48,812 जब हम रचनात्मक नेतृत्व केंद्र पर थे। 165 00:08:48,812 --> 00:08:53,519 उन्होंने पाया कि असफलता का सबसे बड़ा कारण 166 00:08:53,519 --> 00:08:57,198 एक असंवेदनशील, अपघर्षक और अपमानित करने वाला व्यवहार था। 167 00:08:58,428 --> 00:09:02,788 ऐसे कुछ चंद लोग होंगे जो इस व्यवहार के बावजूद भी सफल होते होंगे। 168 00:09:02,788 --> 00:09:04,411 मगर जल्द नहीं तो बादमें ही, 169 00:09:04,411 --> 00:09:07,464 अधिकतम कटु लोग अपनी ही सफलता का नाश कर देते हैं। 170 00:09:08,217 --> 00:09:10,250 जैसे कि बुरा व्यवहार करने वालों को 171 00:09:10,250 --> 00:09:13,276 इसका सबक तब मिलता है जब वे खुद एक तकलीफ़ से गुज़रते हैं 172 00:09:13,276 --> 00:09:14,753 या जब उन्हें किसी की ज़रूरत हो। 173 00:09:14,753 --> 00:09:16,533 लोग उनका साथ नहीं देंगे। 174 00:09:17,795 --> 00:09:19,716 लेकिन अच्छे लोगों का क्या? 175 00:09:19,720 --> 00:09:21,439 क्या अच्छाई भविष्य में मदद करती है? 176 00:09:21,439 --> 00:09:23,170 बिकुल करती है। 177 00:09:23,853 --> 00:09:28,284 और अच्छे से पेश आने का मतलब यह नहीं कि आप बेकार नहीं हो। 178 00:09:28,288 --> 00:09:32,132 किसी को नीचे न लाना और किसी का प्रोत्साहन बढ़ाने में फ़र्क है। 179 00:09:32,605 --> 00:09:35,844 सभ्यता से पेश आने का मतलब है वह छोटी छोटी चीज़ें करना, 180 00:09:35,844 --> 00:09:39,004 जैसे कि किसी के पास से गुज़रते वक़्त मुस्कुराना और उन्हें हेलो बोलना, 181 00:09:39,004 --> 00:09:41,821 जब कोई आपसे बात कर रहा हो तो उसे ध्यान से सुनना। 182 00:09:42,260 --> 00:09:44,331 आपके और किसी और के विचारों 183 00:09:44,331 --> 00:09:49,298 में अंतर हो सकता है, और आप चीज़ को प्यार से, सम्मान देकर भी 184 00:09:49,298 --> 00:09:50,846 व्यक्त कर सकते हैं। 185 00:09:50,870 --> 00:09:53,282 कुछ लोग इसको "मौलिक निर्मलता" कहते हैं, 186 00:09:53,286 --> 00:09:54,914 जब आप निजी तौर पर परवाह करते हैं, 187 00:09:54,914 --> 00:09:56,589 लेकिन सवाल सामने से। 188 00:09:57,612 --> 00:10:00,025 तो हाँ, सभ्यता आगे काम आती है। 189 00:10:00,474 --> 00:10:03,409 एक जैव प्राद्यौगिकी कंपनी में, मैंने और मेरे सहकर्मियों ने पाया 190 00:10:03,409 --> 00:10:05,518 कि जिन लोगों का सभ्य व्यव्हार था 191 00:10:05,518 --> 00:10:08,149 उनको लीडर की तरह देखने की संभावना दो गुना ज़्यादा थी, 192 00:10:08,153 --> 00:10:10,451 और उनका निष्पादन भी बेहतर था। 193 00:10:11,066 --> 00:10:13,043 सभ्यता क्यों काम आती है? 194 00:10:13,067 --> 00:10:17,815 क्योंकि लोग आपको महत्वपूर्ण और-- प्रभावशाली-- 195 00:10:17,839 --> 00:10:21,506 दो अनोखी विशेषताओं के मेल से देखते हैं: 196 00:10:21,506 --> 00:10:24,691 नरम दिल और सक्षम, अनुकूल और होशियार। 197 00:10:25,184 --> 00:10:29,684 दूसरे शब्दों में, सभ्य होना सिर्फ़ दूसरों का प्रोत्साहन बढ़ाना नहीं है। 198 00:10:29,708 --> 00:10:30,968 यह आपके बारे में है। 199 00:10:31,643 --> 00:10:34,814 अगर आप अच्छे हैं, आपको लीडर की तरह देखा जाने की संभावना ज़्यादा है। 200 00:10:34,814 --> 00:10:38,557 आप काम अच्छे से करेंगे, और दूसरों की नज़रों में आप नरम दिल और सक्षम माने जाएँगे। 201 00:10:39,722 --> 00:10:43,430 लेकिन अच्छाई कैसे काम आएगी इसके पीछे और एक कहानी है, 202 00:10:43,434 --> 00:10:47,472 और यह नेतृत्व के बारे में एक बहुत एहेम सवाल खड़ा करती है: 203 00:10:48,234 --> 00:10:51,120 लोग अपने लीडर से सबसे ज़्यादा क्या चाहते हैं? 204 00:10:51,993 --> 00:10:55,706 हमने पूरे दुनिया भर से 20,000 कर्मचारियों का डेटा लिया, 205 00:10:55,730 --> 00:10:57,735 और जवाब आसान सा था: 206 00:10:58,933 --> 00:11:00,145 सम्मान। 207 00:11:00,711 --> 00:11:03,901 सम्मानित रूप का व्यवहार मिलना 208 00:11:03,901 --> 00:11:06,437 तरक्की और मान्यता, 209 00:11:06,441 --> 00:11:08,046 उपयोगी प्रतिक्रिया और 210 00:11:08,046 --> 00:11:10,087 सीखने के मौकों से ज़्यादा मायने रखता था। 211 00:11:10,675 --> 00:11:14,382 जिन्हें सम्मानित महसूस होता था वे ज़्यादा स्वस्थ होते, 212 00:11:14,382 --> 00:11:15,817 ध्यान केन्द्रित होते, 213 00:11:15,817 --> 00:11:18,331 संगठन के साथ रहने की अधिक संभावना रखते, 214 00:11:18,335 --> 00:11:20,483 और ज़्यादा प्रवृत्त रहते। 215 00:11:22,123 --> 00:11:23,838 तो शुरुआत कहाँ से की जाए? 216 00:11:24,189 --> 00:11:27,769 कैसे आप लोगों को प्रोत्साहित कर सकते हैं और उनका सम्मान बढ़ा सकते हैं? 217 00:11:28,411 --> 00:11:31,478 सबसे अच्छी बात यह है, कि इसमें बहुत मेहनत नहीं लगती। 218 00:11:31,977 --> 00:11:34,573 छोटी चीज़ों से भी बहुत फ़र्क पड़ता है। 219 00:11:35,108 --> 00:11:37,760 लोगों का शुक्रिया अदा करने से, 220 00:11:37,760 --> 00:11:39,280 उन्हें श्रेय देने से, 221 00:11:39,280 --> 00:11:41,012 ध्यान से सुनने से, 222 00:11:41,663 --> 00:11:44,102 विनम्रतापूर्वक सवाल पूछने से, 223 00:11:44,102 --> 00:11:46,881 दूसरों को देखकर मुस्कुराने से 224 00:11:46,881 --> 00:11:48,373 अच्छा प्रभाव पड़ता है। 225 00:11:49,497 --> 00:11:53,242 पैट्रिक क़ुइन्लेन, ओश्नर हेल्थ [सिस्टम] के पुराने सीईओ 226 00:11:53,256 --> 00:11:56,087 ने मुझे उनके 10-5 तरीके के प्रभाव बताए, 227 00:11:56,087 --> 00:11:58,425 कि अगर आप किसी से 10 फुट के दूरी के अंदर खड़े हैं, 228 00:11:58,425 --> 00:12:01,069 आप उनकी आँखों में देखिए और मुस्कुराइए, 229 00:12:01,093 --> 00:12:02,795 और अगर पाँच फुट के अंदर, 230 00:12:02,795 --> 00:12:04,142 तो उन्हें हेलो बोलिए। 231 00:12:04,741 --> 00:12:07,401 उन्होंने बताया कि सभ्यता का प्रभाव फैला, 232 00:12:07,405 --> 00:12:09,811 मरीजों की संतुष्टता बढ़ी, 233 00:12:09,835 --> 00:12:11,831 और वे औरों को भी उनके बारे में बताते। 234 00:12:12,916 --> 00:12:17,272 सभ्यता और सम्मान से एक संगठन के निष्पादन में उन्नति होती है। 235 00:12:17,808 --> 00:12:23,556 जब मेरे दोस्त डग कोनेंट कैम्पबेल्स सूप कंपनी के 2001 में सीईओ बने, 236 00:12:23,580 --> 00:12:26,527 कंपनी की बाज़ारी हिस्सेदारी आधे में घट गई थी। 237 00:12:26,531 --> 00:12:28,206 बिक्री गिर रही थी, 238 00:12:28,230 --> 00:12:30,889 और बहुत से लोगों को निकला गया था। 239 00:12:30,889 --> 00:12:34,687 एक गैल्ल्प प्रबंधक ने कहा कि यह सबसे कम प्रवृत्त संगठन था 240 00:12:34,711 --> 00:12:36,617 जिनका उन्होंने सर्वेक्षण किया था। 241 00:12:36,969 --> 00:12:39,894 डग के पहले दिन पर उन्होंने देखा 242 00:12:39,918 --> 00:12:43,892 कि कंपनी का मुख्यालय तारों से घिरा हुआ था। 243 00:12:44,313 --> 00:12:46,894 पार्किंग एरिया में गार्ड टावर थे। 244 00:12:47,775 --> 00:12:51,412 उन्होंने कहा कि पूरी जगह जेल जैसी लग रही थी। 245 00:12:51,426 --> 00:12:53,287 विशालु सा लग रहा था। 246 00:12:54,771 --> 00:12:57,721 पाँच साल के अंदर डग ने सब कुछ बदल दिया। 247 00:12:58,182 --> 00:13:01,690 और नौ सालों के अंदर वे नए रिकॉर्ड बनाने लगे। 248 00:13:01,690 --> 00:13:05,219 उन्हें काम करने के लिए सर्वोत्तम जगह होने के लिए, और अन्य पुरुस्कार मिले। 249 00:13:05,449 --> 00:13:06,762 उन्होंने वह कैसे किया? 250 00:13:07,416 --> 00:13:09,857 एक दिन डग ने कर्मचारियों को कहा 251 00:13:09,857 --> 00:13:12,544 कि निष्पादन के लिए वे उच्च मानक रखने वाले थे, 252 00:13:12,544 --> 00:13:14,693 लेकिन वह सभ्यता से करना ज़रूरी था। 253 00:13:14,693 --> 00:13:17,893 उन्होंने वह करके दिखाया, और सबसे अपेक्षा भी रखी। 254 00:13:18,805 --> 00:13:23,520 डग के लिए वे मानकों में दृढ़ होते 255 00:13:23,544 --> 00:13:25,428 मगर लोगों के साथ नरम दिल। 256 00:13:26,119 --> 00:13:29,382 उनके लिए यह रोज़ की बातों में होता, 257 00:13:29,382 --> 00:13:32,603 या कर्मचारियों के साथ रोज़ की बातचीत में, 258 00:13:32,603 --> 00:13:36,517 जो कि रास्ते में जाते हुए हो, या भोजनालय, या मीटिंग में। 259 00:13:37,064 --> 00:13:39,772 और जब वे इन सब में सफल होते, 260 00:13:39,772 --> 00:13:41,934 कर्मचारियों को अपना मूल्यवान महसूस होता। 261 00:13:43,089 --> 00:13:46,604 एक दूसरा तरीका जिससे वे कर्मचारियों को मूल्यवान महसूस करवाते 262 00:13:46,628 --> 00:13:49,064 और यह दिखाते की वे उनपर ध्यान देते हैं 263 00:13:49,064 --> 00:13:54,411 यह था कि उन्होंने कर्मचारियों 30,000 से ज़्यादा हस्तलिखित पत्र भेजे। 264 00:13:54,949 --> 00:13:57,290 और यह दूसरों के लिए उदहारण बन गया। 265 00:13:58,456 --> 00:14:02,171 लीडर के पास रोज़ ऐसे 400 मौके होते हैं। 266 00:14:02,171 --> 00:14:05,513 और कुछ अच्छा करने में अधिकतर दो मिनट से ज़्यादा नहीं लगते। 267 00:14:05,537 --> 00:14:09,844 इन क्षणों में बस गौर करना ज़रूरी है। 268 00:14:10,933 --> 00:14:12,723 सभ्यता से लोग प्रोत्साहित होते हैं। 269 00:14:13,179 --> 00:14:16,448 सभ्य होने से हम लोगों के निष्पादन में उन्नति होने का 270 00:14:16,448 --> 00:14:17,846 मौका देते हैं। 271 00:14:18,528 --> 00:14:21,715 कटुता से लोगों के निष्पादन में कमी होने लगती है, 272 00:14:21,715 --> 00:14:24,020 अगर लोग़ कुछ बेहतरीन करना भी चाहें 273 00:14:24,020 --> 00:14:26,089 तो भी कटुता उनकी क्षमता में बाधा डालती है। 274 00:14:27,001 --> 00:14:31,339 अनुसंधान करने से मुझे पता चला है कि जब हमारे पास ज़्यादा सभ्य माहोल होते हैं, 275 00:14:31,339 --> 00:14:36,769 हम ज़्यादा उत्पादक, रचनात्कम, सहायक, खुश और स्वस्थ रहते हैं। 276 00:14:37,428 --> 00:14:38,868 हम और बेहतर कर सकते हैं। 277 00:14:39,479 --> 00:14:42,527 हम दिमाग से और भी तेज़ हो सकते हैं, 278 00:14:42,527 --> 00:14:46,081 और हमारे कर्म ऐसे हो सकते हैं जो दूसरों को काम में, घर में, 279 00:14:46,085 --> 00:14:49,443 ऑनलाइन, स्कूल में, 280 00:14:49,443 --> 00:14:50,651 समुदायों में 281 00:14:50,651 --> 00:14:52,268 प्रोत्साहित कर सकते हैं। 282 00:14:52,943 --> 00:14:55,392 हर बातचीत करते हुए, सोचिए: 283 00:14:55,829 --> 00:14:57,586 आप क्या बनना चाहते हैं? 284 00:14:58,419 --> 00:15:00,916 आइए, हम इस कटुता के रोग को हटाएँ, 285 00:15:00,916 --> 00:15:02,920 और सभ्यता को फैलाएँ। 286 00:15:03,414 --> 00:15:05,717 क्योंकि, यह मायने रखता है। 287 00:15:06,219 --> 00:15:07,378 धन्यवाद। 288 00:15:07,378 --> 00:15:09,928 (तालियाँ)