[Script Info] Title: [Events] Format: Layer, Start, End, Style, Name, MarginL, MarginR, MarginV, Effect, Text Dialogue: 0,0:01:14.45,0:01:24.74,Default,,0000,0000,0000,,समाधि Dialogue: 0,0:01:24.74,0:01:30.64,Default,,0000,0000,0000,,एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसके बराबर \Nकोई आधुनिक शब्द नहीं है। Dialogue: 0,0:01:30.64,0:01:38.21,Default,,0000,0000,0000,,समाधि के बारे में फिल्म बनाना \Nएक महत्वपूर्ण चुनौती है। Dialogue: 0,0:01:38.21,0:01:54.23,Default,,0000,0000,0000,,समाधि उस चीज के बारे में बताती है \Nजिसे दिमागी स्तर पर नहीं बताया जा सकता है। Dialogue: 0,0:01:54.23,0:02:00.24,Default,,0000,0000,0000,,यह फिल्म मेरी अंदरूनी यात्रा की \Nबाहरी अभिव्यक्ति है। Dialogue: 0,0:02:00.24,0:02:06.95,Default,,0000,0000,0000,,इसका उद्देश्य आपको समाधि के बारे में बताना और \Nआपके मस्तिष्क के लिए जानकारी देना नहीं, बल्कि Dialogue: 0,0:02:06.95,0:02:17.26,Default,,0000,0000,0000,,आपको अपने सही व्यक्तित्व की खोज करने के लिए\Nप्रेरित करना है। Dialogue: 0,0:02:17.26,0:02:29.20,Default,,0000,0000,0000,,समाधि अब पहले से कहीं ज़्यादा प्रासंगिक है। Dialogue: 0,0:02:29.20,0:02:34.84,Default,,0000,0000,0000,,हम इतिहास के उस दौर में है जहाँ हमने न केवल समाधि को \Nभुला दिया, बल्कि हमने उसे भुला दिया Dialogue: 0,0:02:34.84,0:02:43.70,Default,,0000,0000,0000,,जो हम भूल चुके हैं। Dialogue: 0,0:02:43.70,0:03:28.13,Default,,0000,0000,0000,,यही भूलना माया है, आत्म का भ्रम। Dialogue: 0,0:03:28.13,0:03:34.24,Default,,0000,0000,0000,,मनुष्य के तौर पर हम अपनी रोजाना की जिंदगी में \Nडूबे रहते हैं, यह भूल कर कि हम कौन हैं Dialogue: 0,0:03:34.24,0:03:42.44,Default,,0000,0000,0000,,हम यहाँ क्यों हैं, या हम कहाँ जा रहे हैं। Dialogue: 0,0:03:42.44,0:03:49.68,Default,,0000,0000,0000,,हम में से ज्यादातर ने अपनी आत्मा या फिर \Nबुद्ध ने जिसे श्रेष्ठ कहा, उसे जाना ही नहीं | Dialogue: 0,0:03:49.68,0:03:56.98,Default,,0000,0000,0000,,- वह जो नाम, रूप और\Nसोच से परे है। Dialogue: 0,0:03:56.98,0:04:01.52,Default,,0000,0000,0000,,नतीजतन हम यह मानते हैं कि \Nहम ये सीमित तत्व हैं। Dialogue: 0,0:04:01.52,0:04:10.87,Default,,0000,0000,0000,,हम होश में या बेहोशी में, इस डर के साथ जीते हैं \Nकि जिस सीमित संरचना में हमें जाना जाता है Dialogue: 0,0:04:10.87,0:04:25.63,Default,,0000,0000,0000,,वह मृत हो जाएगा। Dialogue: 0,0:04:25.63,0:04:30.89,Default,,0000,0000,0000,,आज की दुनिया के ज्यादातर लोग \Nजो आध्यात्मिक और धार्मिक कर्म करते हैं Dialogue: 0,0:04:30.89,0:04:39.75,Default,,0000,0000,0000,,जैसे कि योग, प्रार्थना, ध्यान, भजन या \Nकिसी भी तरह की पूजा करते हैं वे Dialogue: 0,0:04:39.75,0:04:42.34,Default,,0000,0000,0000,,ऐसी तकनीकों का अभ्यास करते हैं जो अनुकूल हैं। Dialogue: 0,0:04:42.34,0:04:49.53,Default,,0000,0000,0000,,मतलब वे केवल हमारे \Nअहंकार निर्माण का हिस्सा हैं। Dialogue: 0,0:04:49.53,0:04:55.48,Default,,0000,0000,0000,,अन्वेषण और गतिविधि समस्या नहीं है- \Nयह सोचना समस्या है कि आपको किसी Dialogue: 0,0:04:55.48,0:05:01.26,Default,,0000,0000,0000,,बाहरी स्वरूप में समाधान मिल गया है। Dialogue: 0,0:05:01.26,0:05:07.35,Default,,0000,0000,0000,,अध्यात्म अपने सामान्य रूप में उस \Nतर्कहीन सोच से बिल्कुल भी अलग नहीं है Dialogue: 0,0:05:07.35,0:05:10.68,Default,,0000,0000,0000,,जोकि चारों ओर प्रचलित है। Dialogue: 0,0:05:10.68,0:05:14.05,Default,,0000,0000,0000,,यह दिमाग की एक और खलबली है। Dialogue: 0,0:05:14.05,0:05:19.48,Default,,0000,0000,0000,,यह मनुष्य के होने से ज़्यादा मनुष्य के करने से जुड़ा है। Dialogue: 0,0:05:19.48,0:05:28.84,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार विधान अधिक पैसा, अधिक शक्ति, \Nअधिक प्रेम, सब कुछ अधिक चाहता है। Dialogue: 0,0:05:28.84,0:05:37.61,Default,,0000,0000,0000,,तथाकथित आध्यात्मिक मार्ग के राही चाहते हैं कि \Nवे अधिक आध्यात्मिक, अधिक जागृत, अधिक समृद्ध Dialogue: 0,0:05:37.61,0:05:43.38,Default,,0000,0000,0000,,अधिक शांतिपूर्ण, अधिक स्थितप्रज्ञ बनें। Dialogue: 0,0:05:43.38,0:05:53.14,Default,,0000,0000,0000,,इस फिल्म को देखने का खतरा यह है कि \Nआपका दिमाग समाधि पाना चाहेगा। Dialogue: 0,0:05:53.14,0:06:01.13,Default,,0000,0000,0000,,इससे अधिक खतरनाक है कि आपका दिमाग \Nसोच सकता है कि उसने समाधि प्राप्त कर ली है। Dialogue: 0,0:06:01.13,0:06:06.27,Default,,0000,0000,0000,,जब भी कुछ पाने की इच्छा होती है तो \Nआप यह समझ जाएं कि यह अहंकार निर्माण है Dialogue: 0,0:06:06.27,0:06:08.12,Default,,0000,0000,0000,,जो कार्यरत है। Dialogue: 0,0:06:08.12,0:06:17.85,Default,,0000,0000,0000,,समाधि कुछ पाने या अपने में \Nकुछ और जोड़ने का नाम नहीं है। Dialogue: 0,0:06:17.85,0:06:26.83,Default,,0000,0000,0000,,समाधि हासिल करना मरने से पहले \Nमरना सीखना है। Dialogue: 0,0:06:26.83,0:06:32.36,Default,,0000,0000,0000,,जीवन और मृत्यु यिन और यांग की तरह हैं - एक \Nअविभाज्य प्रवाह। Dialogue: 0,0:06:32.36,0:06:37.44,Default,,0000,0000,0000,,अंतहीन खुलासा, बिना किसी शुरुआत और अंत के। Dialogue: 0,0:06:37.44,0:06:42.63,Default,,0000,0000,0000,,जब हम मौत को दूर ढकेलते हैं \Nतो हम जीवन को भी धक्का देते हैं। Dialogue: 0,0:06:42.63,0:06:48.82,Default,,0000,0000,0000,,जब आप यह सच्चाई जान लेते हैं कि आप कौन हैं \Nतब न जीवन के लिए कोई डर रह जाता है Dialogue: 0,0:06:48.82,0:06:51.03,Default,,0000,0000,0000,,ना मृत्यु के लिए। Dialogue: 0,0:06:51.03,0:07:00.16,Default,,0000,0000,0000,,हम कौन हैं यह हमें हमारा समाज और हमारी संस्कृति \Nबताती है, और साथ ही हम अपनी अंदरूनी Dialogue: 0,0:07:00.16,0:07:12.72,Default,,0000,0000,0000,,उन शारीरिक इच्छाओं और भटकाव के गुलाम होते हैं \Nजो हमारी पसंद को नियंत्रित करते हैं Dialogue: 0,0:07:12.72,0:07:16.36,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार निर्माण दोहराव की कोशिश से बढ़कर \Nकुछ नहीं। Dialogue: 0,0:07:16.36,0:07:22.88,Default,,0000,0000,0000,,यह बस वो एक रास्ता है जिसे कार्य-शक्ति ने चुना था \Nऔर शक्ति की उस रास्ते पर दोबारा Dialogue: 0,0:07:22.88,0:07:33.19,Default,,0000,0000,0000,,चलने की आदत है, वह चाहे जीव के लिए \Nसही हो या गलत। Dialogue: 0,0:07:33.19,0:07:39.76,Default,,0000,0000,0000,,दिमाग या याददाश्त के कई स्तर होते हैं, \Nसर्पिल चक्र के अंदर चक्र। Dialogue: 0,0:07:39.76,0:07:46.53,Default,,0000,0000,0000,,जब आपकी समझ आपके मन और आपके अहंकार से \Nमेल खाती है तो यह आपको सामाजिक व्यवस्था से Dialogue: 0,0:07:46.53,0:07:54.75,Default,,0000,0000,0000,,बांध देती है जिसे आप मैट्रिक्स भी कह सकते हैं। Dialogue: 0,0:07:54.75,0:08:00.94,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार के कई पहलुओं के बारे में \Nहम सचेत रह सकते हैं, लेकिन यह बेसुधी, Dialogue: 0,0:08:00.94,0:08:13.37,Default,,0000,0000,0000,,आदिम बंधन, पुराने डर हैं जो दरअसल \Nपूरे यंत्र को चला रहे हैं। Dialogue: 0,0:08:13.37,0:08:18.65,Default,,0000,0000,0000,,खुशी की ओर बढ़ने वाले और दर्द से दूर \Nभागने वाले तमाम तरीके रोगियों जैसे Dialogue: 0,0:08:18.65,0:08:31.09,Default,,0000,0000,0000,,व्यवहार में बदल जाते हैं .... हमारा काम .... \Nहमारे रिश्ते .... हमारी मान्यताएं Dialogue: 0,0:08:31.09,0:08:37.15,Default,,0000,0000,0000,,हमारी सोच और हमारा जीवन जीने का पूरा तरीका। Dialogue: 0,0:08:37.15,0:09:08.12,Default,,0000,0000,0000,,ज्यादातर लोग, मैट्रिक्स में अपना जीवन उलझा कर \Nभेड़ बकरियों की तरह बेकार का जीवन जीते और मरते हैं। Dialogue: 0,0:09:08.12,0:09:12.20,Default,,0000,0000,0000,,हम बहुत ही संकीर्ण तरीकों में बंद होकर जीवन जीते हैं। Dialogue: 0,0:09:12.20,0:09:17.46,Default,,0000,0000,0000,,जीवन अक्सर जो बेहद दर्द से भरा होता है और \Nहमें यह तक महसूस नहीं होता कि हम Dialogue: 0,0:09:17.46,0:09:25.99,Default,,0000,0000,0000,,आजाद भी हो सकते हैं। Dialogue: 0,0:09:25.99,0:09:34.30,Default,,0000,0000,0000,,अतीत से प्राप्त विरासती जीवन को छोड़ा जा सकता है, \Nउस जीवन को जीने के लिए Dialogue: 0,0:09:34.30,0:10:08.30,Default,,0000,0000,0000,,जो अंदरूनी दुनिया से बाहर आना चाहता है । Dialogue: 0,0:10:08.30,0:10:20.80,Default,,0000,0000,0000,,हम सबने इस संसार में जैविक सीमित संरचना के साथ \Nजन्म लिया है, लेकिन बिना अपने बारे में जाने। Dialogue: 0,0:10:20.80,0:10:29.28,Default,,0000,0000,0000,,अक्सर जब आप किसी छोटे बच्चे की आंखों में देखते हैं, तो वहां \Nव्यक्तित्व का कोई निशान नहीं होता, बल्कि जगमग खालीपन होता है। Dialogue: 0,0:10:29.28,0:10:36.51,Default,,0000,0000,0000,,जिस व्यक्ति में वह तब्दील होता है, \Nवह चेतना पर पहना मुखौटा है। Dialogue: 0,0:10:36.51,0:10:54.26,Default,,0000,0000,0000,,शेक्सपियर ने कहा था, "सारी दुनिया एक मंच है, \Nऔर सभी पुरुष और महिलाएं केवल कलाकार हैं"। Dialogue: 0,0:10:54.26,0:11:04.29,Default,,0000,0000,0000,,एक जागृत व्यक्ति में, चेतना उसके व्यक्तित्व \Nऔर उसके मुखौटे के माध्यम से चमकती है । Dialogue: 0,0:11:04.29,0:11:08.96,Default,,0000,0000,0000,,जब आप जागृत होते हैं, तब आप \Nअपने किरदार से नहीं पहचाने जाते। Dialogue: 0,0:11:08.96,0:11:17.03,Default,,0000,0000,0000,,आप यह मानते ही नहीं कि आप \Nवह मुखौटा हैं जो आपने पहन रखा है। Dialogue: 0,0:11:17.03,0:11:29.70,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन आप भूमिका निभाने से पीछे भी नहीं हटते। Dialogue: 0,0:11:41.20,0:11:47.16,Default,,0000,0000,0000,,जब हम अपने चरित्र और अपने व्यक्तित्व से पहचाने जाते हैं Dialogue: 0,0:11:47.16,0:11:53.14,Default,,0000,0000,0000,,तो यही माया है, स्वयं का भ्रम। Dialogue: 0,0:11:53.14,0:12:01.84,Default,,0000,0000,0000,,जीवन रूपी नाटक में अपने किरदार के सपने से जागना समाधि है। Dialogue: 0,0:12:12.78,0:12:19.05,Default,,0000,0000,0000,,प्लेटो के गणतंत्र लिखने के चौबीस सौ साल बाद भी, \Nमानवता अभी भी प्लेटो की गुफा से Dialogue: 0,0:12:19.05,0:12:25.43,Default,,0000,0000,0000,,बाहर निकल रही है। Dialogue: 0,0:12:25.43,0:12:36.68,Default,,0000,0000,0000,,दरअसल अब हम भ्रम को पहले से भी ज्यादा मानने लगे हैं। Dialogue: 0,0:12:36.68,0:12:42.60,Default,,0000,0000,0000,,प्लेटो ने सुकरात से लोगों के उस समूह की व्याख्या चाही\Nजो जीवन भर गुफा में ज़ंजीर से बंधे हुए जी रहे थे, Dialogue: 0,0:12:42.60,0:12:44.22,Default,,0000,0000,0000,,एक खाली दीवार का सामना करते हुए। Dialogue: 0,0:12:44.22,0:12:50.48,Default,,0000,0000,0000,,वे बस चीजों की दीवार पर पड़ने वाली उन परछाई को ही\Nदेख सकते थे जो उनके पीछे रखी Dialogue: 0,0:12:50.48,0:12:53.44,Default,,0000,0000,0000,,आग की वजह से बनती थी। Dialogue: 0,0:12:53.44,0:12:56.96,Default,,0000,0000,0000,,कठपुतलियों का यह तमाशा ही उनकी दुनिया थी। Dialogue: 0,0:12:56.96,0:13:06.56,Default,,0000,0000,0000,,सुकरात के अनुसार ये परछाइयां ही \Nकैदियों की दुनिया की Dialogue: 0,0:13:06.56,0:13:11.10,Default,,0000,0000,0000,,वास्तविकता थी। Dialogue: 0,0:13:11.10,0:13:16.37,Default,,0000,0000,0000,,बाहरी दुनिया के बारे में बताए जाने के बावजूद \Nवे यह मानते रहे की परछाइयां ही Dialogue: 0,0:13:16.37,0:13:19.43,Default,,0000,0000,0000,,सब कुछ है। Dialogue: 0,0:13:19.43,0:13:24.40,Default,,0000,0000,0000,,इस संदेह के बावजूद कि इसके अलावा भी कुछ और है \Nवे उसे छोड़ने को तैयार नहीं थे जिसे वे Dialogue: 0,0:13:24.40,0:13:36.00,Default,,0000,0000,0000,,जानते थे। Dialogue: 0,0:13:36.00,0:13:40.80,Default,,0000,0000,0000,,मानवता आज उन लोगों की तरह है जिन्होंने \Nसिर्फ गुफा की दीवारों पर परछाइयां ही देखी हैं Dialogue: 0,0:13:40.80,0:13:44.26,Default,,0000,0000,0000,,परछाइयां हमारे विचारों की तरह है। Dialogue: 0,0:13:44.26,0:13:47.78,Default,,0000,0000,0000,,सोच की दुनिया ही एकमात्र दुनिया है \Nजिसे हम जानते हैं। Dialogue: 0,0:13:47.78,0:13:52.15,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन एक और दुनिया है जो \Nसोच से परे है। Dialogue: 0,0:13:52.15,0:13:55.03,Default,,0000,0000,0000,,द्वैतवादी मन से परे। Dialogue: 0,0:13:55.03,0:14:03.38,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप गुफा छोड़ने के लिए तैयार हैं, उस सच्चाई को \Nजानने के लिए सबकुछ छोड़ने को तैयार हैं Dialogue: 0,0:14:03.38,0:14:16.39,Default,,0000,0000,0000,,कि आप कौन हैं? Dialogue: 0,0:14:16.39,0:14:22.37,Default,,0000,0000,0000,,समाधि अनुभव करने के लिए जरूरी है कि \Nआप परछाइयों से दूर हो जाएं, Dialogue: 0,0:14:22.37,0:14:25.90,Default,,0000,0000,0000,,विचारों से दूर उजाले की ओर। Dialogue: 0,0:14:25.90,0:14:40.64,Default,,0000,0000,0000,,जब किसी व्यक्ति को अंधेरे की आदत होती है \Nतब उसे धीरे-धीरे आदी बनना पड़ता है Dialogue: 0,0:14:40.64,0:14:49.33,Default,,0000,0000,0000,,उजाले का। Dialogue: 0,0:14:49.33,0:14:55.24,Default,,0000,0000,0000,,नए परिवेश में रहने की आदत डालने के लिए, \Nसमय और प्रयास की ज़रूरत होती है, और चाहिए Dialogue: 0,0:14:55.24,0:15:16.68,Default,,0000,0000,0000,,नए को ढूंढने और पुराने को भुलाने की इच्छाशक्ति। Dialogue: 0,0:15:16.68,0:15:30.33,Default,,0000,0000,0000,,दिमाग की तुलना चेतना के जाल, भूलभुलैया \Nया जेल से की जा सकती है। Dialogue: 0,0:15:30.33,0:15:39.78,Default,,0000,0000,0000,,ऐसा नहीं है कि आप जेल में हैं, बल्कि आप स्वयं जेल हैं। Dialogue: 0,0:15:39.78,0:15:48.27,Default,,0000,0000,0000,,जेल एक भ्रम है। Dialogue: 0,0:15:48.27,0:15:54.33,Default,,0000,0000,0000,,यदि आपकी पहचान एक छलावे वाले व्यक्ति के \Nरूप में होती है तो आप सोये हुए हैं। Dialogue: 0,0:15:54.33,0:15:59.34,Default,,0000,0000,0000,,आपको जब जेल के बारे में पता हो, और आप भ्रम से \Nबाहर आने के लिए लड़ रहे हों, तब आप भ्रम को Dialogue: 0,0:15:59.34,0:16:06.82,Default,,0000,0000,0000,,सच मान रहे होते हैं और सोये हुए होते हैं, \Nबस इस बार आपका स्वप्न एक Dialogue: 0,0:16:06.82,0:16:07.82,Default,,0000,0000,0000,,दुःस्वप्न बन जाता है। Dialogue: 0,0:16:07.82,0:16:19.44,Default,,0000,0000,0000,,आप हमेशा परछाई का पीछा करते \Nऔर उससे भागते रहेंगे। Dialogue: 0,0:16:19.44,0:16:26.57,Default,,0000,0000,0000,,समाधि अपने अलग अस्तित्व या अहंकार निर्माण के \Nसपने से जागने का नाम है। Dialogue: 0,0:16:26.57,0:16:38.61,Default,,0000,0000,0000,,समाधि उस जेल की पहचान से निकलने का नाम है \Nजिसे 'मैं' कहना चाहूँगा। Dialogue: 0,0:16:38.61,0:16:47.69,Default,,0000,0000,0000,,आप वास्तव में कभी भी मुक्त नहीं हो सकते हैं, \Nक्योंकि जहां भी आप जाते हैं वहीं जेल होती है। Dialogue: 0,0:16:47.69,0:16:53.60,Default,,0000,0000,0000,,जागरूकता दिमाग या मैट्रिक्स से छुटकारा पाने का नाम नहीं, \Nबल्कि, इसके विपरीत जब आप उससे पहचाने नहीं जाते, Dialogue: 0,0:16:53.60,0:16:58.86,Default,,0000,0000,0000,,तब आप जीवन के खेल का आनंद अच्छे से ले पाएंगे, \Nबिना किसी लालसा या डर के Dialogue: 0,0:16:58.86,0:17:03.70,Default,,0000,0000,0000,,पूरी लीला का आनंद जस के तस लेते हुए। Dialogue: 0,0:17:03.70,0:17:09.88,Default,,0000,0000,0000,,प्राचीन शिक्षा में इसे लीला का दिव्य खेल कहा जाता था: द्वन्द्व में Dialogue: 0,0:17:09.88,0:17:22.04,Default,,0000,0000,0000,,जीने का खेल Dialogue: 0,0:17:22.04,0:17:25.55,Default,,0000,0000,0000,,मानव चेतना एक निरंतरता है। Dialogue: 0,0:17:25.55,0:17:31.17,Default,,0000,0000,0000,,एक छोर पर, मनुष्यों की पहचान भौतिक आत्म से होती है। Dialogue: 0,0:17:31.17,0:17:37.56,Default,,0000,0000,0000,,दूसरे छोर पर है समाधि, आत्म का अंत। Dialogue: 0,0:17:37.56,0:17:46.47,Default,,0000,0000,0000,,समाधि की ओर ले जाने वाले अंतहीन रास्ते का हर कदम, \Nपीड़ा को कम कर देता है। Dialogue: 0,0:17:46.47,0:17:51.61,Default,,0000,0000,0000,,कम पीड़ा का मतलब यह नहीं है कि \Nजीवन दर्द से मुक्त है। Dialogue: 0,0:17:51.61,0:17:58.91,Default,,0000,0000,0000,,समाधि दर्द और खुशी के द्वंद्व से \Nआगे की बात है। Dialogue: 0,0:17:58.91,0:18:04.30,Default,,0000,0000,0000,,इसका मतलब है कि जो भी खुलासा होता है \Nउस पर कम ध्यान और स्वतः निर्मित कम प्रतिरोध Dialogue: 0,0:18:04.30,0:18:22.31,Default,,0000,0000,0000,,और यह प्रतिरोध ही है जो \Nपीड़ा को जन्म देता है। Dialogue: 0,0:18:22.31,0:18:28.22,Default,,0000,0000,0000,,एक बार समाधिस्थ होना भी आपको अंतहीन विस्तार के \Nदूसरे छोर पर क्या है, यह देखने देती है। Dialogue: 0,0:18:28.22,0:18:34.57,Default,,0000,0000,0000,,यह देखना कि भौतिक संसार और खुदगर्जी के अलावा \Nकुछ और भी है। Dialogue: 0,0:18:34.57,0:18:41.31,Default,,0000,0000,0000,,समाधि में जब अपने स्वरूप का वास्तविक अंत होता है \Nतो कोई अहंकारी विचार नहीं रह जाता, Dialogue: 0,0:18:41.31,0:18:51.02,Default,,0000,0000,0000,,न कोई आत्म, न द्वंद्व लेकिन फिर भी रहता है \Nमैं हूँ, श्रेष्ठ या अस्मिता। Dialogue: 0,0:18:51.02,0:19:01.06,Default,,0000,0000,0000,,उस खालीपन में ही शुरुआत होती है प्रज्ञा या \Nबुद्धिमता की- यह सोच कि अंतर्भूत आत्म Dialogue: 0,0:19:01.06,0:19:10.82,Default,,0000,0000,0000,,द्वन्द्वात्मक खेल और सारी निरंतरता से परे है। Dialogue: 0,0:19:10.82,0:19:18.44,Default,,0000,0000,0000,,अंतर्भूत आत्म कालातीत, अपरिवर्तनीय, \Nहमेशा वर्तमान होता है। Dialogue: 0,0:19:18.44,0:19:24.51,Default,,0000,0000,0000,,ज्ञानोदय, मूल सर्पिल चक्र, हमेशा बदलती दुनिया \Nया उस कमल में विलय का नाम है Dialogue: 0,0:19:24.51,0:19:34.27,Default,,0000,0000,0000,,जिसमें समय आपके शाश्वत अस्तित्व में प्रकट होता है। Dialogue: 0,0:19:34.27,0:19:41.70,Default,,0000,0000,0000,,जब आप आत्म से पहचान हटा लेते हैं तो आपके अंदरूनी तार \Nहमेशा खिलने वाले फूल की तरह खिलते हैं और Dialogue: 0,0:19:41.70,0:20:09.58,Default,,0000,0000,0000,,समय की दुनिया और अनंत के बीच \Nएक जीवित पुल बन जाते हैं। Dialogue: 0,0:20:09.58,0:20:14.54,Default,,0000,0000,0000,,अंतरात्मा को समझना केवल \Nपथ की शुरुआत भर है। Dialogue: 0,0:20:14.54,0:20:20.53,Default,,0000,0000,0000,,ध्यानमग्न होते समय ज्यादातर लोगों को अनगिनत बार \Nसमाधि में जाने और उसके भंग होने का एहसास होगा Dialogue: 0,0:20:20.53,0:20:24.63,Default,,0000,0000,0000,,तब जाकर वे इसे जीवन के अन्य पहलुओं में जोड़ पाएंगे। Dialogue: 0,0:20:24.63,0:20:32.22,Default,,0000,0000,0000,,ध्यान या आत्म मंथन के दौरान अपने \Nअस्तित्व की प्रकृति के बारे में गहन अंतर्दृष्टि Dialogue: 0,0:20:32.22,0:20:39.99,Default,,0000,0000,0000,,असामान्य बात नहीं है और आप \Nफिर से पुराने रंग में ढल जाते हैं, Dialogue: 0,0:20:39.99,0:20:53.75,Default,,0000,0000,0000,,इस सच्चाई को भुलाकर कि आप कौन हैं। Dialogue: 0,0:20:53.75,0:21:00.95,Default,,0000,0000,0000,,जीवन के हर पहलू, अपने अस्तित्व के \Nहर पहलू में स्थिरता या खालीपन को Dialogue: 0,0:21:00.95,0:21:23.62,Default,,0000,0000,0000,,समझने का मतलब, खालीपन का \Nहरेक चीज़ के रूप में नर्तन। Dialogue: 0,0:21:23.62,0:21:27.60,Default,,0000,0000,0000,,स्थिरता गति से अलग नहीं है। Dialogue: 0,0:21:27.60,0:21:30.80,Default,,0000,0000,0000,,यह गति के विपरीत नहीं है। Dialogue: 0,0:21:30.80,0:21:42.16,Default,,0000,0000,0000,,समाधि में स्थिरता को गति के बराबर माना जाता है, \Nआकार खालीपन के समान है। Dialogue: 0,0:21:42.16,0:22:02.44,Default,,0000,0000,0000,,यह मन के लिए बेतुका है क्योंकि \Nमन का अर्थ है द्वंद का अस्तित्व में आना। Dialogue: 0,0:22:02.44,0:22:09.65,Default,,0000,0000,0000,,रेन डेकार्ट्स, पश्चिमी दर्शन के पिता, अपनी बात \N"मैं सोचता हूँ इसलिए मैं हूँ" के लिए Dialogue: 0,0:22:09.65,0:22:11.14,Default,,0000,0000,0000,,प्रसिद्ध है। Dialogue: 0,0:22:11.14,0:22:18.34,Default,,0000,0000,0000,,कोई और कथन इतने स्पष्ट रूप से सभ्यता के \Nपतन और गुफा की दीवारों पर Dialogue: 0,0:22:18.34,0:22:23.11,Default,,0000,0000,0000,,परछाइयों के साथ एकीकरण को नहीं समझा सकता। Dialogue: 0,0:22:23.11,0:22:32.46,Default,,0000,0000,0000,,हर मानव की गलती की ही तरह, डेकार्ट्स ने भी \Nमौलिक अस्तित्व की बराबरी, Dialogue: 0,0:22:32.46,0:22:36.74,Default,,0000,0000,0000,,सोच से करने की गलती की। Dialogue: 0,0:22:36.74,0:22:51.31,Default,,0000,0000,0000,,अपने सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ की शुरुआत में, \Nडेकार्ट्स ने लिखा था कि लगभग हर चीज़ को Dialogue: 0,0:22:51.31,0:23:03.34,Default,,0000,0000,0000,,संदेह के घेरे में लिया जा सकता है; वे अपनी इन्द्रियों और \Nअपनी सोच तक पर संदेह कर सकते हैं। Dialogue: 0,0:23:03.34,0:23:09.99,Default,,0000,0000,0000,,इसी तरह कलाम सूत्र में बुद्ध ने कहा कि \Nसत्य का पता लगाने के लिए, Dialogue: 0,0:23:09.99,0:23:17.32,Default,,0000,0000,0000,,सभी परंपराओं, शास्त्रों, शिक्षा, दिमाग \Nऔर चेतना की हर बात पर Dialogue: 0,0:23:17.32,0:23:19.92,Default,,0000,0000,0000,,संदेह करना चाहिए। Dialogue: 0,0:23:19.92,0:23:28.35,Default,,0000,0000,0000,,इन दोनों ही लोगों ने बड़े अविश्वास से शुरुआत की, \Nलेकिन अंतर यह था कि डेकार्ट्स ने Dialogue: 0,0:23:28.35,0:23:35.06,Default,,0000,0000,0000,,सोच के स्तर पर ही जानना बंद कर दिया था, \Nवहीं बुद्ध गहराई में गए- उन्होंने मन के Dialogue: 0,0:23:35.06,0:23:39.74,Default,,0000,0000,0000,,गूढ़ स्तरों को समझने का प्रयास किया। Dialogue: 0,0:23:39.74,0:23:46.86,Default,,0000,0000,0000,,शायद अगर डेकार्ट्स अपनी सोच से परे जाते, \Nतो वे अपनी असली प्रकृति को महसूस करते Dialogue: 0,0:23:46.86,0:23:52.97,Default,,0000,0000,0000,,और पश्चिमी चेतना आज बिलकुल अलग होती। Dialogue: 0,0:23:52.97,0:24:00.89,Default,,0000,0000,0000,,इसके बजाय, डेकार्ट्स ने एक ऐसे दुष्ट \Nराक्षस की संभावना जताई जो हमें Dialogue: 0,0:24:00.89,0:24:04.04,Default,,0000,0000,0000,,भ्रम के पर्दे में रख रहा हो। Dialogue: 0,0:24:04.04,0:24:10.94,Default,,0000,0000,0000,,डेकार्ट्स ने इस दुष्ट राक्षस की पहचान \Nउसके कर्मों से नहीं की। Dialogue: 0,0:24:10.94,0:24:19.41,Default,,0000,0000,0000,,जैसा कि फिल्म मैट्रिक्स में दिखाया गया, हम सभी \Nऐसे विस्तृत प्रोग्राम से जुड़े हो सकते हैं जो हमें Dialogue: 0,0:24:19.41,0:24:22.25,Default,,0000,0000,0000,,भ्रमपूर्ण सपनों की दुनिया से जोड़ता है। Dialogue: 0,0:24:22.25,0:24:27.40,Default,,0000,0000,0000,,फिल्म में, मनुष्य मैट्रिक्स में अपना जीवन जीते हैं, \Nजबकि एक और स्तर पर वे केवल Dialogue: 0,0:24:27.40,0:24:32.96,Default,,0000,0000,0000,,बैटरी थे, अपनी जीवन शक्ति उन यंत्रों को देने वाले \Nजो उनकी ऊर्जा का इस्तेमाल Dialogue: 0,0:24:32.96,0:25:06.72,Default,,0000,0000,0000,,अपने उद्देश्य के लिए करते हैं। Dialogue: 0,0:25:06.72,0:25:11.40,Default,,0000,0000,0000,,लोग हमेशा अपने से अलग बाहरी चीज़ को \Nदोष देना चाहते हैं, दुनिया की हालत Dialogue: 0,0:25:11.40,0:25:12.80,Default,,0000,0000,0000,,या अपने स्वयं के दुःख के लिए। Dialogue: 0,0:25:12.80,0:25:20.10,Default,,0000,0000,0000,,चाहे वह कोई व्यक्ति हो, विशेष समूह या देश हो, \Nधर्म या किसी प्रकार का नियंत्रक Dialogue: 0,0:25:20.10,0:25:27.100,Default,,0000,0000,0000,,डेकार्ट्स के बुरे राक्षस या मैट्रिक्स के संवेदनशील यंत्रों की तरह। Dialogue: 0,0:25:27.100,0:25:35.14,Default,,0000,0000,0000,,विडंबना यह है कि जिन राक्षसों की कल्पना डेकार्ट्स ने की \Nउन्ही से उसने स्वयं को Dialogue: 0,0:25:35.14,0:25:36.14,Default,,0000,0000,0000,,परिभाषित भी किया। Dialogue: 0,0:25:36.14,0:25:42.76,Default,,0000,0000,0000,,जब आप समाधि पा लेते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है \Nकहीं पर कोई नियंत्रक है, कोई यंत्र, Dialogue: 0,0:25:42.76,0:25:48.38,Default,,0000,0000,0000,,और कोई दुष्ट राक्षस, जो हर रोज़ \Nआपके जीवन को निचोड़ रहे हैं। Dialogue: 0,0:25:48.38,0:26:01.25,Default,,0000,0000,0000,,आप मशीन हैं Dialogue: 0,0:26:01.25,0:26:08.23,Default,,0000,0000,0000,,आपकी स्वयं की संरचना कई छोटे सब-प्रोग्राम \Nया छोटे मालिकों से बनी है। Dialogue: 0,0:26:08.23,0:26:21.19,Default,,0000,0000,0000,,एक ऐसा छोटा मालिक जो खाना चाहता है, \Nदूसरा पैसा चाहता है, तो किसी को हैसियत, पद, ताकत Dialogue: 0,0:26:21.19,0:26:25.68,Default,,0000,0000,0000,,सेक्स,आत्मीयता चाहिए। Dialogue: 0,0:26:25.68,0:26:28.80,Default,,0000,0000,0000,,किसी को दूसरों की समझ या उनका ध्यान चाहिए। Dialogue: 0,0:26:28.80,0:26:34.88,Default,,0000,0000,0000,,इच्छाएं सचमुच अंतहीन होती हैं और \Nकभी भी तृप्त नहीं हो सकतीं। Dialogue: 0,0:26:34.88,0:26:40.68,Default,,0000,0000,0000,,हम अपनी जेलों को सजाने में, अपने मुखौटे को \Nसुधारने के दबाव में, और छोटे मालिकों के Dialogue: 0,0:26:40.68,0:26:47.02,Default,,0000,0000,0000,,पोषण में काफी समय खर्च करते हैं \Nजिससे वे काफी शक्तिशाली हो जाते हैं। Dialogue: 0,0:26:47.02,0:26:56.71,Default,,0000,0000,0000,,किसी नशेड़ी की तरह ही, जितना ज़्यादा हम छोटे मालिकों की खुशामदी की \Nकोशिश करते हैं, उतनी ज़्यादा हमारी लालसा बढ़ जाती है। Dialogue: 0,0:26:56.71,0:27:04.73,Default,,0000,0000,0000,,आजादी का मार्ग आत्म सुधार, या किसी भी तरह \Nअपने स्वार्थ की पूर्ति करना नहीं है, Dialogue: 0,0:27:04.73,0:27:12.100,Default,,0000,0000,0000,,बल्कि यह अपने स्वार्थ को पूरी तरह त्याग देना है। Dialogue: 0,0:27:12.100,0:27:18.31,Default,,0000,0000,0000,,कुछ लोग डरते हैं कि उनकी असली प्रकृति के जागने से \Nवे अपना व्यक्तित्व Dialogue: 0,0:27:18.31,0:27:20.43,Default,,0000,0000,0000,,और जीवन का आनंद खो देंगे। Dialogue: 0,0:27:20.43,0:27:28.52,Default,,0000,0000,0000,,जबकि सच्चाई इसके विपरीत है; आत्मा का अद्वितीय \Nवैयक्तिकरण केवल तभी व्यक्त किया जा सकता है Dialogue: 0,0:27:28.52,0:27:36.24,Default,,0000,0000,0000,,जब अनुकूलित आत्म पर काबू पाया जा सके। Dialogue: 0,0:27:36.24,0:27:41.65,Default,,0000,0000,0000,,क्योंकि हम मैट्रिक्स में सोते रहते हैं, इसलिए हम में से \Nअधिकांश लोग यह कभी नहीं जान पाते कि वास्तव में Dialogue: 0,0:27:41.65,0:27:57.90,Default,,0000,0000,0000,,आत्मा क्या कहना चाहती है Dialogue: 0,0:27:57.90,0:28:05.48,Default,,0000,0000,0000,,समाधि के मार्ग में ध्यान शामिल है, जो \Nदोनों को देख रहा है, अनुकूलित आत्म; जो Dialogue: 0,0:28:05.48,0:28:14.43,Default,,0000,0000,0000,,बदल जाता है, और आपके असली स्वरूप की समझ; \Nवह जो बदलता नहीं। Dialogue: 0,0:28:14.43,0:28:22.45,Default,,0000,0000,0000,,जब आप अपने अस्तित्व के स्रोत, अचल बिंदु पर आते हैं, \Nतब आप आगे के निर्देशों का इंतजार यह जानने पर Dialogue: 0,0:28:22.45,0:28:28.10,Default,,0000,0000,0000,,ज़ोर दिए बिना करते हैं कि आपकी बाहरी दुनिया \Nकैसे बदलेगी। Dialogue: 0,0:28:28.10,0:28:38.43,Default,,0000,0000,0000,,मेरी इच्छा नहीं, बल्कि इससे उच्चतर संपन्न होगा। Dialogue: 0,0:28:38.43,0:28:43.65,Default,,0000,0000,0000,,यदि दिमाग केवल बाहरी दुनिया को बदलने की \Nकोशिश करता है, तो आपको लगता है कि Dialogue: 0,0:28:43.65,0:28:49.30,Default,,0000,0000,0000,,पथ क्या होना चाहिए, यह परछाई को बदल कर \Nशीशे में अपनी छवि बदलने Dialogue: 0,0:28:49.30,0:28:51.94,Default,,0000,0000,0000,,जैसा है। Dialogue: 0,0:28:51.94,0:28:58.33,Default,,0000,0000,0000,,दर्पण में दिख रही छवि की मुस्कान के लिए \Nआप से प्रतिबिंब को नहीं बदल सकते, Dialogue: 0,0:28:58.33,0:29:05.59,Default,,0000,0000,0000,,आपको उस स्वयं को पाना होगा \Nजो छवि का सही स्रोत है। Dialogue: 0,0:29:05.59,0:29:11.23,Default,,0000,0000,0000,,जब आप अपने असली आत्म का एहसास कर लेते हैं, \Nतो इसका मतलब यह नहीं होता कि जो बाहर है Dialogue: 0,0:29:11.23,0:29:13.86,Default,,0000,0000,0000,,उसे बदलना ही है। Dialogue: 0,0:29:13.86,0:29:20.79,Default,,0000,0000,0000,,जो बदलता है वह चेतन, बुद्धिमान, आंतरिक ऊर्जा \Nया प्राण होता है जोकि अनुकूलित स्वरूपों से Dialogue: 0,0:29:20.79,0:29:30.02,Default,,0000,0000,0000,,आज़ाद होता है और आत्मा से निर्देशित होने के लिए \Nउपलब्ध हो जाता है। Dialogue: 0,0:29:30.02,0:29:35.21,Default,,0000,0000,0000,,आप आत्मा के उद्देश्य को तभी जान सकते हैं \Nजब आप अनुकूलित आत्म और उसके Dialogue: 0,0:29:35.21,0:29:58.27,Default,,0000,0000,0000,,अनंत लक्ष्यों को देख सकें, और उन्हें जाने दें। Dialogue: 0,0:29:58.27,0:30:03.59,Default,,0000,0000,0000,,ग्रीक पौराणिक कथाओं में, यह कहा गया कि \Nदेवताओं ने सिसिफस की निंदा एक अर्थहीन कार्य को Dialogue: 0,0:30:03.59,0:30:06.53,Default,,0000,0000,0000,,अनंत काल तक दोहराने के लिए की थी। Dialogue: 0,0:30:06.53,0:30:12.01,Default,,0000,0000,0000,,उसका काम पहाड़ पर उस बड़े पत्थर को \Nचढाने का था, जो वापस लुढ़क आता था। Dialogue: 0,0:30:12.01,0:30:24.83,Default,,0000,0000,0000,,फ्रांसीसी Dialogue: 0,0:30:24.83,0:30:31.61,Default,,0000,0000,0000,,अस्तित्ववादी और नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक, \Nअल्बर्ट कैमस ने सिसिफस की हालत को Dialogue: 0,0:30:31.61,0:30:35.40,Default,,0000,0000,0000,,मानवता के रूपक की तरह देखा । Dialogue: 0,0:30:35.40,0:30:47.01,Default,,0000,0000,0000,,उसने प्रश्न पूछा, 'हम इस बेतुके अस्तित्व में \Nअर्थ कैसे प्राप्त कर सकते हैं?'। Dialogue: 0,0:30:47.01,0:30:55.39,Default,,0000,0000,0000,,इंसानों के रूप में हम अंतहीन मेहनत करते हैं, जो कभी नहीं आता \Nउस कल के लिए निर्माण करते हैं, और फिर Dialogue: 0,0:30:55.39,0:31:09.29,Default,,0000,0000,0000,,हम मर जाते हैं। Dialogue: 0,0:31:09.29,0:31:15.63,Default,,0000,0000,0000,,अगर हम वास्तव में इस सच्चाई को महसूस कर लेते हैं \Nतो हम अपने अहंकारी व्यक्तित्व से जुड़ कर Dialogue: 0,0:31:15.63,0:31:32.70,Default,,0000,0000,0000,,या तो पागल हो जाएंगे या फिर जागृत होकर आज़ाद हो जाएंगे। Dialogue: 0,0:31:32.70,0:31:37.81,Default,,0000,0000,0000,,हम बाहरी संघर्ष में कभी सफल नहीं हो सकते, \Nक्योंकि यह हमारे भीतर की दुनिया का Dialogue: 0,0:31:37.81,0:31:39.79,Default,,0000,0000,0000,,प्रतिबिंब है। Dialogue: 0,0:31:39.79,0:31:45.76,Default,,0000,0000,0000,,ब्रह्माण्डीय मजाक, स्थिति का बेतुकापन \Nस्पष्ट हो जाता है जब अहंकारी आत्म Dialogue: 0,0:31:45.76,0:32:15.09,Default,,0000,0000,0000,,अपने बेकार कार्यों से जागृत होने में विफल हो जाता है। Dialogue: 0,0:32:15.09,0:32:23.70,Default,,0000,0000,0000,,जेन में एक कहावत है, "ज्ञानोदय से पहले \Nलकड़ी काटो और पानी ले लो। Dialogue: 0,0:32:23.70,0:32:35.02,Default,,0000,0000,0000,,ज्ञान पाने के बाद, लकड़ी काटो, पानी ले लो"। Dialogue: 0,0:32:35.02,0:32:41.02,Default,,0000,0000,0000,,ज्ञानोदय से पहले गेंद को पहाड़ी पर \Nचढ़ाना होगा, ज्ञान प्राप्ति के बाद भी Dialogue: 0,0:32:41.02,0:32:44.84,Default,,0000,0000,0000,,गेंद को पहाड़ पर चढ़ाना होगा। Dialogue: 0,0:32:44.84,0:32:47.45,Default,,0000,0000,0000,,बदला क्या है? Dialogue: 0,0:32:47.45,0:32:51.75,Default,,0000,0000,0000,,जो है उसके लिए आंतरिक प्रतिरोध। Dialogue: 0,0:32:51.75,0:32:58.68,Default,,0000,0000,0000,,संघर्ष रोक दिया गया है, या फिर \Nयूं कहें की जो संघर्ष करता है उसे ही Dialogue: 0,0:32:58.68,0:33:00.93,Default,,0000,0000,0000,,भ्रामक पाया गया। Dialogue: 0,0:33:00.93,0:33:14.65,Default,,0000,0000,0000,,व्यक्तिगत इच्छा या व्यक्तिगत मनऔर \Nदैवीय इच्छा, या उच्चतर मन एक सीध में होते हैं। Dialogue: 0,0:33:14.65,0:33:27.69,Default,,0000,0000,0000,,अंततः समाधि सभी आंतरिक प्रतिरोधों को त्यागना है - \Nसभी बदलती हुई घटनाओ को बिना किसी Dialogue: 0,0:33:27.69,0:33:28.88,Default,,0000,0000,0000,,अपवाद के। Dialogue: 0,0:33:28.88,0:33:36.41,Default,,0000,0000,0000,,जो परिस्थिति के बावजूद आंतरिक शांति का \Nएहसास कर लेता है, वही प्राप्त करता है Dialogue: 0,0:33:36.41,0:33:39.19,Default,,0000,0000,0000,,सच्ची समाधि। Dialogue: 0,0:33:39.19,0:33:45.07,Default,,0000,0000,0000,,आप प्रतिरोध इसलिए नहीं करते क्योंकि किसी न किसी चीज़ की \Nअनदेखी करते हैं, बल्कि इसलिए कि आपकी Dialogue: 0,0:33:45.07,0:33:50.18,Default,,0000,0000,0000,,आतंरिक आज़ादी बाहर प्रासंगिक न हो। Dialogue: 0,0:33:50.18,0:33:57.58,Default,,0000,0000,0000,,यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब हम वास्तविकता को \Nस्वीकार करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि Dialogue: 0,0:33:57.58,0:34:04.17,Default,,0000,0000,0000,,हम दुनिया में कार्रवाई करना बंद कर दें, \Nया हम ध्यानमग्न शांतिवादी बन जाते हैं। Dialogue: 0,0:34:04.17,0:34:10.33,Default,,0000,0000,0000,,दरअसल सच्चाई इसके विपरीत हो सकती है; जब हम \Nअसुविधाजनक उद्देश्यों से प्रेरित हुए बिना कार्य करने के लिए Dialogue: 0,0:34:10.33,0:34:17.30,Default,,0000,0000,0000,,स्वतंत्र होते हैं, तब हमारी आतंरिक ऊर्जा की \Nपूर्ण शक्ति के साथ, ताओ के अनुरूप Dialogue: 0,0:34:17.30,0:34:30.03,Default,,0000,0000,0000,,कार्य किया जा सकता है। Dialogue: 0,0:34:30.03,0:34:35.81,Default,,0000,0000,0000,,कई लोग तर्क देंगे कि दुनिया को बदलने और \Nशांति कायम करने के लिए ज़रूरी है Dialogue: 0,0:34:35.81,0:34:39.90,Default,,0000,0000,0000,,हमारे कथित दुश्मनों के खिलाफ ज़ोरदार लड़ाई की। Dialogue: 0,0:34:39.90,0:34:48.66,Default,,0000,0000,0000,,शांति के लिए लड़ना सन्नाटे के लिए चिल्लाने के समान है; \Nयह वही ज़्यादा करता है जो आप नहीं चाहते। Dialogue: 0,0:34:48.66,0:34:55.49,Default,,0000,0000,0000,,आजकल हर चीज़ के विरुद्ध युद्ध छिड़ा हुआ है: \Nआतंक के खिलाफ युद्ध, बीमारी के खिलाफ युद्ध, Dialogue: 0,0:34:55.49,0:35:00.54,Default,,0000,0000,0000,,भूख के खिलाफ युद्ध। Dialogue: 0,0:35:00.54,0:35:13.37,Default,,0000,0000,0000,,दरअसल हर युद्ध हमारे ही विरुद्ध है। Dialogue: 0,0:35:13.37,0:35:17.15,Default,,0000,0000,0000,,यह लड़ाई एक सामूहिक भ्रम का हिस्सा है। Dialogue: 0,0:35:17.15,0:35:23.40,Default,,0000,0000,0000,,हम कहते हैं कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन हम \Nयुद्ध करवाने वाले नेताओं को ही चुनते रहते हैं। Dialogue: 0,0:35:23.40,0:35:29.40,Default,,0000,0000,0000,,हम खुद से झूठ बोलते हैं यह कह कर कि हम \Nमानवाधिकारों के पक्षधर हैं, लेकिन कारख़ानों में बनी Dialogue: 0,0:35:29.40,0:35:31.96,Default,,0000,0000,0000,,चीज़ों को खरीदते रहते हैं। Dialogue: 0,0:35:31.96,0:35:36.31,Default,,0000,0000,0000,,हम कहते हैं कि हमें स्वच्छ हवा चाहिए, \Nलेकिन हम प्रदूषण करते रहते हैं। Dialogue: 0,0:35:36.31,0:35:42.66,Default,,0000,0000,0000,,हम चाहते हैं कि विज्ञान कैंसर से हमारा इलाज करे, लेकिन \Nखुद को बीमार करने वाली उन आदतों को नहीं बदलते Dialogue: 0,0:35:42.66,0:35:45.67,Default,,0000,0000,0000,,जिनसे हम बीमार पड़ सकते हैं। Dialogue: 0,0:35:45.67,0:35:50.59,Default,,0000,0000,0000,,हम खुद को धोखा देते हैं कि हम \Nएक बेहतर जीवन को बढ़ावा दे रहे हैं। Dialogue: 0,0:35:50.59,0:35:57.57,Default,,0000,0000,0000,,हम अपने उन छिपे हुए हिस्सों को नहीं देखना चाहते \Nजो पीड़ा और मृत्यु की अनदेखी कर रहे हैं। Dialogue: 0,0:35:57.57,0:36:06.69,Default,,0000,0000,0000,,यह विश्वास जो हमारी सोच और विचार से आया है \Nकि हम कैंसर, भूख, आतंक, या Dialogue: 0,0:36:06.69,0:36:13.03,Default,,0000,0000,0000,,किसी भी दुश्मन के खिलाफ युद्ध जीत सकते हैं, \Nदरअसल हमें इस धोखे में रखता है कि Dialogue: 0,0:36:13.03,0:36:18.59,Default,,0000,0000,0000,,हमें इस ग्रह पर जीने के तरीके को बदलने की \Nकोई आवश्यकता नहीं है। Dialogue: 0,0:36:18.59,0:36:23.70,Default,,0000,0000,0000,,आंतरिक दुनिया वह जगह है जहां\Nक्रांति सबसे पहले होनी चाहिए। Dialogue: 0,0:36:23.70,0:36:30.59,Default,,0000,0000,0000,,जब हम अपने अंदर जीवन के सर्पिल चक्र को \Nमहसूस कर सकेंगे, तभी बाहरी दुनिया Dialogue: 0,0:36:30.59,0:36:33.95,Default,,0000,0000,0000,,ताओ के अनुसार हो पाएगी। Dialogue: 0,0:36:33.95,0:36:41.99,Default,,0000,0000,0000,,तब तक, हम जो कुछ भी करते हैं वह मन द्वारा \Nफैलाई गई अराजकता को ही बढ़ाएगा। Dialogue: 0,0:36:41.99,0:36:49.37,Default,,0000,0000,0000,,युद्ध और शांति एक अंतहीन नृत्य में साथ-साथ पैदा होते है; \Nये दोनों एक साथ चलते रहते हैं। Dialogue: 0,0:36:49.37,0:36:53.03,Default,,0000,0000,0000,,एक दूसरे के बिना नहीं जी सकते। Dialogue: 0,0:36:53.03,0:36:58.91,Default,,0000,0000,0000,,जैसे अंधेरे के बिना प्रकाश, और \Nधरातल के बिना ऊंचाई नहीं रह सकती। Dialogue: 0,0:36:58.91,0:37:07.08,Default,,0000,0000,0000,,ऐसा लगता है जैसे दुनिया को चाहिए बिना अंधेरे के रोशनी, \Nबिना खालीपन के पूर्णता, बिना उदासी के Dialogue: 0,0:37:07.08,0:37:19.77,Default,,0000,0000,0000,,खुशी। Dialogue: 0,0:37:19.77,0:37:38.34,Default,,0000,0000,0000,,मन जितना अधिक संलग्न होता है, उतनी ही ज़्यादा\Nयह दुनिया बिखर जाती है। Dialogue: 0,0:37:38.34,0:37:44.43,Default,,0000,0000,0000,,अहंकारी दिमाग से आने वाला हर समाधान \Nइस विचार से प्रेरित होता है कि कहीं कोई समस्या है, Dialogue: 0,0:37:44.43,0:37:52.95,Default,,0000,0000,0000,,और समाधान, हल करने की कोशिश से भी \Nअधिक बड़ी समस्या बन जाता है। Dialogue: 0,0:37:52.95,0:38:07.54,Default,,0000,0000,0000,,जिसका आप विरोध करते हैं वह बरक़रार रहता है। Dialogue: 0,0:38:07.54,0:38:14.82,Default,,0000,0000,0000,,मानवीय सरलता नए एंटीबायोटिक्स बनाती है किन्तु\Nप्रकृति दो कदम आगे ही रहती है और बैक्टीरिया को Dialogue: 0,0:38:14.82,0:38:16.84,Default,,0000,0000,0000,,और मज़बूत बना देती है। Dialogue: 0,0:38:16.84,0:38:24.50,Default,,0000,0000,0000,,इस लड़ाई में हमारे द्वारा किये गए सारे प्रयासों के बावजूद, \Nकैंसर का प्रसार वास्तव में बढ़ रहा है, Dialogue: 0,0:38:24.50,0:38:32.74,Default,,0000,0000,0000,,दुनिया में भूखे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, \Nदुनिया भर में आतंकवादी हमलों की संख्या Dialogue: 0,0:38:32.74,0:38:36.27,Default,,0000,0000,0000,,बढ़ती जा रही है। Dialogue: 0,0:38:36.27,0:38:45.20,Default,,0000,0000,0000,,हमारे दृष्टिकोण में क्या गलत है? Dialogue: 0,0:38:45.20,0:38:50.89,Default,,0000,0000,0000,,गोएथे की कविता में ओझा के चेले की तरह ही, \Nहमने एक महान शक्ति पा तो ली है, Dialogue: 0,0:38:50.89,0:38:56.11,Default,,0000,0000,0000,,लेकिन उसे इस्तेमाल करने की समझ नहीं है। Dialogue: 0,0:38:56.11,0:39:03.23,Default,,0000,0000,0000,,समस्या यह है कि हम जिस उपकरण का उपयोग करते हैं \Nउसकी हमें समझ ही नहीं हैं। Dialogue: 0,0:39:03.23,0:39:18.01,Default,,0000,0000,0000,,हम मानवीय मन और उसकी उचित भूमिका \Nऔर उद्देश्य को समझते ही नहीं हैं। Dialogue: 0,0:39:18.01,0:39:24.13,Default,,0000,0000,0000,,जिस सीमित नियंत्रित तरीके से हम सोचते हैं, महसूस करते हैं \Nजीवन का अनुभव प्राप्त करते हैं उसी से Dialogue: 0,0:39:24.13,0:39:35.00,Default,,0000,0000,0000,,संकट पैदा होता है। Dialogue: 0,0:39:35.00,0:39:41.51,Default,,0000,0000,0000,,हमारे तर्कवाद ने हमें कई प्राचीन संस्कृतियों के ज्ञान को \Nपहचानने और अनुभव करने की हमारी क्षमता को Dialogue: 0,0:39:41.51,0:39:48.06,Default,,0000,0000,0000,,समाप्त कर दिया है। Dialogue: 0,0:39:48.06,0:39:54.67,Default,,0000,0000,0000,,हमारी अहंकारी सोच ने हमें जीवन की गहराई और \Nप्रकांड पवित्रता, जीवन के असली मालिक, Dialogue: 0,0:39:54.67,0:40:02.76,Default,,0000,0000,0000,,और एक अलग स्तर की समझ को महसूस करने की \Nक्षमता से वंचित कर दिया है जो अब Dialogue: 0,0:40:02.76,0:40:11.29,Default,,0000,0000,0000,,लगभग मानवता के सामने हार चुका है। Dialogue: 0,0:40:11.29,0:40:17.53,Default,,0000,0000,0000,,मिस्र की प्राचीन परंपरा में, नेटर्स ठेठ किस्म के \Nवे चरित्र होते थे जिन की विशेषताएं उन लोगों में Dialogue: 0,0:40:17.53,0:40:23.42,Default,,0000,0000,0000,,आ जाती थी जो अपने शारीरिक और आध्यात्मिक शरीर को \Nइस तरह स्वच्छ करते थे जिससे वह ऊंचे दर्जे की Dialogue: 0,0:40:23.42,0:40:27.63,Default,,0000,0000,0000,,चेतना को अपने अंदर रखने के काबिल हो जाते थे। Dialogue: 0,0:40:27.63,0:40:38.79,Default,,0000,0000,0000,,मूल नेटर या ज्ञान के इस दिव्य सिद्धांत को \Nथॉथ या तेहुति के नाम से जाना जाता था। Dialogue: 0,0:40:38.79,0:40:44.75,Default,,0000,0000,0000,,अक्सर ऐसे लेखक के रुप में दर्शाया जाता था जिसका सिर \Nचिड़िया या इबिस जैसा है, और जो सारे ज्ञान और Dialogue: 0,0:40:44.75,0:40:49.09,Default,,0000,0000,0000,,विद्या के मूल का प्रतिनिधि है। Dialogue: 0,0:40:49.09,0:40:55.72,Default,,0000,0000,0000,,थॉथ को सोच या विचार के ब्रह्माण्डीय \Nसिद्धांत के रूप में भी बताया जा सकता है। Dialogue: 0,0:40:55.72,0:41:04.01,Default,,0000,0000,0000,,थॉथ ने हमें भाषा, विचार, लेखन, गणित, \Nऔर मन की सभी कलाएँ Dialogue: 0,0:41:04.01,0:41:05.94,Default,,0000,0000,0000,,और अभिव्यक्तियां दी हैं। Dialogue: 0,0:41:05.94,0:41:15.17,Default,,0000,0000,0000,,केवल उन लोगों को ही थॉथ के पवित्र ज्ञान को जानने की \Nअनुमति मिली जिन्हे विशेष प्रशिक्षण मिला था। Dialogue: 0,0:41:15.17,0:41:26.03,Default,,0000,0000,0000,,थॉथ की पुस्तक कोई भौतिक पुस्तक नहीं, \Nबल्कि आकाशीय दुनिया का Dialogue: 0,0:41:26.03,0:41:27.32,Default,,0000,0000,0000,,ज्ञान है। Dialogue: 0,0:41:27.32,0:41:32.71,Default,,0000,0000,0000,,ऐसा कहा जाता है कि थॉथ का ज्ञान प्रत्येक मनुष्य के भीतर \Nबड़ी गहराई में एक गुप्त स्थान में छिपा था, Dialogue: 0,0:41:32.71,0:41:42.39,Default,,0000,0000,0000,,और एक सुनहरी नागिन द्वारा संरक्षित किया गया था। Dialogue: 0,0:41:42.39,0:41:48.58,Default,,0000,0000,0000,,खजाने की रक्षा करने वाले सांप या \Nड्रैगन का मिथक ऐसा है जो Dialogue: 0,0:41:48.58,0:42:02.25,Default,,0000,0000,0000,,कई संस्कृतियों में विद्यमान है और कुंडलिनी शक्ति, \Nची, पवित्र आत्मा और आंतरिक ऊर्जा Dialogue: 0,0:42:02.25,0:42:06.11,Default,,0000,0000,0000,,जैसे नामों से बुलाया गया है। Dialogue: 0,0:42:06.11,0:42:12.78,Default,,0000,0000,0000,,सुनहरी नागिन उस अहंकारी निर्माण जैसी है \Nजो आंतरिक ऊर्जाओं से बंधी हुई है और जब तक Dialogue: 0,0:42:12.78,0:42:19.45,Default,,0000,0000,0000,,इसमें महारत और इस पर काबू नहीं पाया जा सकेगा, \Nआत्मा कभी भी सच्चा ज्ञान नहीं पा पाएगी। Dialogue: 0,0:42:19.45,0:42:24.87,Default,,0000,0000,0000,,ऐसा कहा जाता था कि थॉथ की पुस्तक पढ़ने वाले को \Nकेवल पीड़ा ही मिली, Dialogue: 0,0:42:24.87,0:42:32.38,Default,,0000,0000,0000,,इसके बावजूद की देवताओं के रहस्य \Nऔर सितारों में छुपी ही हर बात Dialogue: 0,0:42:32.38,0:42:34.87,Default,,0000,0000,0000,,वे जान जाते थे। Dialogue: 0,0:42:34.87,0:42:42.50,Default,,0000,0000,0000,,यह समझना चाहिए कि जिस भी व्यक्ति ने पुस्तक पढ़ी, \Nजिस भी अहंकार ने इसे नियंत्रित करने की कोशिश की Dialogue: 0,0:42:42.50,0:42:45.42,Default,,0000,0000,0000,,उसे पीड़ा ही मिली है। Dialogue: 0,0:42:45.42,0:42:53.86,Default,,0000,0000,0000,,मिस्र की परंपरा में जागृत चेतना की पहचान \Nओसिरिस से की गयी है। Dialogue: 0,0:42:53.86,0:43:00.41,Default,,0000,0000,0000,,इस जागृत चेतना के बिना, सीमित आत्म द्वारा \Nप्राप्त कोई ज्ञान या समझ Dialogue: 0,0:43:00.41,0:43:08.24,Default,,0000,0000,0000,,खतरनाक, और उच्च ज्ञान से अलग होगा। Dialogue: 0,0:43:08.24,0:43:15.85,Default,,0000,0000,0000,,होरस की आंख खुली ही रहनी थी। Dialogue: 0,0:43:15.85,0:43:21.48,Default,,0000,0000,0000,,यहां पर पाया जाने वाला गूढ़ अर्थ \Nईडन के बगीचे की जानी पहचानी Dialogue: 0,0:43:21.48,0:43:23.71,Default,,0000,0000,0000,,कहानी "द फॉल" के समान है। Dialogue: 0,0:43:23.71,0:43:30.40,Default,,0000,0000,0000,,थॉथ की किताब अच्छाई-बुराई के ज्ञान की उस किताब की तरह है \Nजिसका फल खाने का लालच Dialogue: 0,0:43:30.40,0:43:41.96,Default,,0000,0000,0000,,आदम और ईव को हुआ था। Dialogue: 0,0:43:41.96,0:43:49.20,Default,,0000,0000,0000,,मानवता पहले ही वर्जित फल खा चुकी है, \Nथॉथ की पुस्तक को पहले ही खोल चुकी है, और Dialogue: 0,0:43:49.20,0:43:54.91,Default,,0000,0000,0000,,बगीचे से बाहर निकाल दी गई है। Dialogue: 0,0:43:54.91,0:44:01.98,Default,,0000,0000,0000,,सांप उस मौलिक सर्पिल की तरह है जो \Nछोटी दुनिया से लेकर सारी दुनिया तक Dialogue: 0,0:44:01.98,0:44:06.73,Default,,0000,0000,0000,,फैला हुआ है। Dialogue: 0,0:44:06.73,0:44:11.55,Default,,0000,0000,0000,,आज सांप आपकी तरह जी रहा है। Dialogue: 0,0:44:11.55,0:44:18.80,Default,,0000,0000,0000,,यह अहंकारी मन है जिसे इस दुनिया के रूप में \Nबताया गया है। Dialogue: 0,0:44:18.80,0:44:22.59,Default,,0000,0000,0000,,हम पहले कभी इतने ज्ञान तक नहीं पहुंच पाए थे। Dialogue: 0,0:44:22.59,0:44:30.13,Default,,0000,0000,0000,,हम इस भौतिक संसार की गहराई में जा चुके हैं, यहां तक ​​कि \Nतथाकथित ईश्वरीय कण भी ढूंढ रहे हैं, लेकिन Dialogue: 0,0:44:30.13,0:44:37.42,Default,,0000,0000,0000,,हम कभी भी इतने सीमित, अपने वजूद, अपने \Nरहन-सहन से अनजान नहीं थे, और हम यह भी Dialogue: 0,0:44:37.42,0:45:28.43,Default,,0000,0000,0000,,नहीं समझ पाते कि हम कैसे पीड़ा पैदा कर रहे हैं। Dialogue: 0,0:45:28.43,0:45:32.23,Default,,0000,0000,0000,,हमारी सोच ने ही आज की इस दुनिया को बनाया है। Dialogue: 0,0:45:32.23,0:45:37.53,Default,,0000,0000,0000,,जब भी हम किसी चीज़ को अच्छा या बुरा कहते हैं, \Nया अपने मन में कोई पसंद बना लेते हैं तो यह Dialogue: 0,0:45:37.53,0:45:44.05,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार निर्माण या स्वार्थ के पैदा होने से होता है। Dialogue: 0,0:45:44.05,0:45:51.00,Default,,0000,0000,0000,,समाधान शांति के लिए लड़ना या प्रकृति पर विजय पाना नहीं, \Nबल्कि इस सत्य को पहचानना है; Dialogue: 0,0:45:51.00,0:45:59.67,Default,,0000,0000,0000,,कि अहंकार निर्माण का होना द्वन्द्व, अपना और पराया, \Nतेरा-मेरा, मानव और प्रकृति, Dialogue: 0,0:45:59.67,0:46:10.73,Default,,0000,0000,0000,,अंदरूनी और बाहरी में विभाजन पैदा करता है। Dialogue: 0,0:46:10.73,0:46:19.66,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार हिंसा है; इसे अपने अस्तित्व के लिए दूसरे से \Nएक अवरोध, एक परिधि की आवश्यकता होती है। Dialogue: 0,0:46:19.66,0:46:24.18,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार के बिना किसी के विरुद्ध कोई युद्ध है ही नहीं। Dialogue: 0,0:46:24.18,0:46:30.94,Default,,0000,0000,0000,,लाभ के लिए कोई अहंकार, कोई अतिव्यापी प्रकृति नहीं है। Dialogue: 0,0:46:30.94,0:46:38.97,Default,,0000,0000,0000,,हमारी दुनिया में ये बाहरी संकट गंभीर आंतरिक संकट को \Nदर्शाते हैं; हम नहीं जानते कि हम Dialogue: 0,0:46:38.97,0:46:41.33,Default,,0000,0000,0000,,कौन हैं। Dialogue: 0,0:46:41.33,0:46:48.00,Default,,0000,0000,0000,,हमें हमारी अहंकारी पहचान से जाना जाता है, \Nडर से हम भरे रहते हैं और Dialogue: 0,0:46:48.00,0:46:50.67,Default,,0000,0000,0000,,अपनी असली प्रकृति से दूर हो जाते हैं। Dialogue: 0,0:46:50.67,0:47:00.88,Default,,0000,0000,0000,,जातियां, धर्म, देश, राजनीतिक संबद्धता, \Nहम जिस भी समूह से संबंधित होते हैं, सब Dialogue: 0,0:47:00.88,0:47:04.90,Default,,0000,0000,0000,,हमारी अहंकारी पहचान को मज़बूत करते हैं। Dialogue: 0,0:47:04.90,0:47:10.22,Default,,0000,0000,0000,,आज ग्रह पर मौजूद लगभग हर समूह \Nअपने परिप्रेक्ष्य को वैसे ही सत्य बताता है, Dialogue: 0,0:47:10.22,0:47:15.01,Default,,0000,0000,0000,,जैसे हम व्यक्तिगत स्तर पर करते हैं। Dialogue: 0,0:47:15.01,0:47:21.13,Default,,0000,0000,0000,,सच्चाई को अपना बताकर, समूह अपने \Nअस्तित्व को उसी तरह बढ़ावा देता है जैसे Dialogue: 0,0:47:21.13,0:47:29.92,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार या आत्म संरचना अपने आप को \Nदूसरे के विरुद्ध परिभाषित करता है। Dialogue: 0,0:47:29.92,0:47:35.97,Default,,0000,0000,0000,,अब पहले से भी ज़्यादा भिन्न वास्तविकताएं और \Nध्रुवीकृत विश्वास तंत्र पृथ्वी पर एक साथ Dialogue: 0,0:47:35.97,0:47:36.97,Default,,0000,0000,0000,,रह रहे हैं। Dialogue: 0,0:47:36.97,0:47:42.56,Default,,0000,0000,0000,,ऐसा हो सकता है कि एक ही बाहरी घटना के प्रति \Nअलग अलग व्यक्ति बिलकुल ही अलग Dialogue: 0,0:47:42.56,0:47:48.53,Default,,0000,0000,0000,,विचारों और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का अनुभव करें। Dialogue: 0,0:47:48.53,0:47:56.72,Default,,0000,0000,0000,,इसी तरह, संसार और निर्वाण, \Nस्वर्ग और नरक, एक ही दुनिया के Dialogue: 0,0:47:56.72,0:48:00.12,Default,,0000,0000,0000,,दो अलग-अलग आयाम हैं। Dialogue: 0,0:48:00.12,0:48:11.84,Default,,0000,0000,0000,,एक घटना जो किसी व्यक्ति को सर्वनाशक लगे, \Nदुसरे के लिए आशीर्वाद भी बन सकती है। Dialogue: 0,0:48:11.84,0:48:17.32,Default,,0000,0000,0000,,तो यह स्पष्ट हो रहा है कि आपकी बाहरी परिस्थितियों को \Nआपकी आतंरिक दुनिया को किसी भी रूप में Dialogue: 0,0:48:17.32,0:48:22.48,Default,,0000,0000,0000,,प्रभावित करने की आवश्यकता नहीं है। Dialogue: 0,0:48:22.48,0:48:31.37,Default,,0000,0000,0000,,समाधि का एहसास करने का मतलब स्वतः गतिमान पहिया बनना, \Nस्वायत्त होना, स्वयं ब्रह्मांड होने Dialogue: 0,0:48:31.37,0:48:36.49,Default,,0000,0000,0000,,जैसा है। Dialogue: 0,0:48:36.49,0:48:44.78,Default,,0000,0000,0000,,आपके जीवन का अनुभव बदलती घटनाओं के लिए \Nप्रासंगिक नहीं है। Dialogue: 0,0:48:44.78,0:48:50.61,Default,,0000,0000,0000,,मेटाट्रॉन के क्यूब से समानता दर्शाई जा सकती है। Dialogue: 0,0:48:50.61,0:48:57.16,Default,,0000,0000,0000,,विभिन्न प्राचीन ईसाई, इस्लामी और यहूदी ग्रंथों में \Nमेटाट्रॉन का उल्लेख किया गया है, और यह मूल रूप से Dialogue: 0,0:48:57.16,0:49:05.30,Default,,0000,0000,0000,,मिस्र के थौथ के साथ साथ ग्रीस के \Nहर्मीस ट्राइस्मेजिस्टस से संबंधित है। Dialogue: 0,0:49:05.30,0:49:10.34,Default,,0000,0000,0000,,मेटाट्रॉन टेट्रैग्रामेटन से बहुत ही करीब से जुड़ा हुआ है। Dialogue: 0,0:49:10.34,0:49:17.40,Default,,0000,0000,0000,,टेट्रैग्रामेटन एक मौलिक ज्यामितीय पैटर्न है, \Nभौतिक सच्चाई का नमूना या मूल उत्पत्ति, Dialogue: 0,0:49:17.40,0:49:25.96,Default,,0000,0000,0000,,जिसे ईश्वर की दुनिया या लोगोस भी कहा जाता है। Dialogue: 0,0:49:25.96,0:49:31.99,Default,,0000,0000,0000,,यहां हम आकार का द्वी-आयामी रूप देख रहे हैं, \Nलेकिन यदि आप एक दूसरे तरीके से देखें, Dialogue: 0,0:49:31.99,0:49:35.52,Default,,0000,0000,0000,,तो आपको एक थ्री-डी क्यूब दिखाई देता है। Dialogue: 0,0:49:35.52,0:49:41.85,Default,,0000,0000,0000,,जब आप क्यूब देखते हैं, तो आकार में कुछ बदलाव नहीं होता, \Nलेकिन आपका दिमाग आपके Dialogue: 0,0:49:41.85,0:49:46.24,Default,,0000,0000,0000,,देखने के तरीके में एक नया आयाम जोड़ चुका है। Dialogue: 0,0:49:46.24,0:49:52.01,Default,,0000,0000,0000,,आयामी स्वरूप या किसी का दृष्टिकोण \Nदुनिया को देखने के एक नए तरीके का Dialogue: 0,0:49:52.01,0:49:56.32,Default,,0000,0000,0000,,आदी हो जाने की बात है। Dialogue: 0,0:49:56.32,0:50:03.96,Default,,0000,0000,0000,,समाधि प्राप्त करने पर हम परिप्रेक्ष्य से या \Nनए दृष्टिकोण बनाने के लिए स्वतन्त्र हो जाते हैं, क्योंकि Dialogue: 0,0:50:03.96,0:50:12.55,Default,,0000,0000,0000,,कोई आत्म केंद्रित या किसी विशेष दृष्टिकोण से \Nजुड़ाव नहीं होता। Dialogue: 0,0:50:12.55,0:50:23.25,Default,,0000,0000,0000,,मानव इतिहास में सबसे महान बुद्धिजीवियों ने \Nअक्सर सीमित आकारों से दूर के विचारों की ओर Dialogue: 0,0:50:23.25,0:50:25.10,Default,,0000,0000,0000,,इशारा किया है। Dialogue: 0,0:50:25.10,0:50:31.98,Default,,0000,0000,0000,,आइंस्टीन ने कहा है, "मनुष्य की सही औकात \Nमुख्य रूप से इस बात से निर्धारित होती है कि Dialogue: 0,0:50:31.98,0:50:38.25,Default,,0000,0000,0000,,उसने खुद से आज़ादी कैसे पाई है। " Dialogue: 0,0:50:38.25,0:50:46.23,Default,,0000,0000,0000,,तो ऐसा नहीं है कि अपने बारे में सोच और अस्तित्व बुरा है, \Nसोच एक अद्भुत चीज़ है जब दिमाग Dialogue: 0,0:50:46.23,0:50:53.54,Default,,0000,0000,0000,,दिल की सेवा करता है। Dialogue: 0,0:50:53.54,0:51:06.36,Default,,0000,0000,0000,,वेदांत में यह कहा गया है कि मन एक अच्छा सेवक बन सकता है \Nलेकिन वह एक खराब गुरु है। Dialogue: 0,0:51:06.36,0:51:13.95,Default,,0000,0000,0000,,अहंकार हमेशा भाषा और नाम के ज़रिये सतत रूप से शुद्ध होता रहता, \Nऔर लगातार निर्णय लेता रहता है। Dialogue: 0,0:51:13.95,0:51:17.70,Default,,0000,0000,0000,,एक की जगह दूसरी चीज़ को तरजीह देना। Dialogue: 0,0:51:17.70,0:51:23.85,Default,,0000,0000,0000,,जब मन और इंद्रियां आपके स्वामी होते हैं, तो वे \Nअंतहीन पीड़ा, अंतहीन लालसा और उलझन देंगे, Dialogue: 0,0:51:23.85,0:51:32.46,Default,,0000,0000,0000,,हमें सोच के मैट्रिक्स में बंद करते हुए। Dialogue: 0,0:51:32.46,0:51:39.52,Default,,0000,0000,0000,,यदि आप समाधि का एहसास करना चाहते हैं, तो \Nअपने विचारों को अच्छे या बुरे के रूप में न देखें, बल्कि पता लगाएं Dialogue: 0,0:51:39.52,0:51:45.79,Default,,0000,0000,0000,,इंद्रियों से पहले, सोचने से पहले आप कौन हैं। Dialogue: 0,0:51:45.79,0:51:57.31,Default,,0000,0000,0000,,जब सारे नाम त्याग दिए जाते हैं तो चीजों को \Nउनके असली स्वरूप में देखना संभव हो जाता है। Dialogue: 0,0:51:57.31,0:52:05.28,Default,,0000,0000,0000,,जिस क्षण एक बच्चे को यह बताया जाता है कि पक्षी क्या है, \Nऔर अगर वे उन्हें बताई गई बात को मान जाते हैं तो वे Dialogue: 0,0:52:05.28,0:52:07.69,Default,,0000,0000,0000,,फिर कभी पक्षी नहीं देख पाते। Dialogue: 0,0:52:07.69,0:52:52.26,Default,,0000,0000,0000,,वे केवल अपने विचार देखते हैं। Dialogue: 0,0:52:52.26,0:52:57.61,Default,,0000,0000,0000,,ज्यादातर लोग सोचते हैं कि वे \Nस्वतंत्र, सचेत और जागृत हैं। Dialogue: 0,0:52:57.61,0:53:04.54,Default,,0000,0000,0000,,अगर आपको लगता है कि आप पहले से ही जागे हुए हैं, \Nतो आप उसे पाने के लिए मुश्किल काम क्यों करेंगे Dialogue: 0,0:53:04.54,0:53:08.93,Default,,0000,0000,0000,,जिसे आप पहले से ही अपने पास मौजूद मानते हैं ? Dialogue: 0,0:53:08.93,0:53:16.13,Default,,0000,0000,0000,,जागने से पहले, यह स्वीकार करना \Nआवश्यक है कि आप सो रहे हैं, Dialogue: 0,0:53:16.13,0:53:20.43,Default,,0000,0000,0000,,मैट्रिक्स में जी रहे हैं। Dialogue: 0,0:53:20.43,0:53:25.92,Default,,0000,0000,0000,,अपने आप से झूठ बोले बिना, ईमानदारी से \Nअपने जीवन को परखें। Dialogue: 0,0:53:25.92,0:53:32.14,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप अपनी मर्ज़ी से अपने रोबोट जैसे, \Nदोहराव वाली जीवन शैली को रोकने में सक्षम हैं? Dialogue: 0,0:53:32.14,0:53:40.08,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप खुशी की तलाश करना और दर्द से भागना बंद कर सकते हैं, \Nक्या आप कुछ खाद्य पदार्थों, गतिविधियों, दिल बहलाने वाली चीज़ों के Dialogue: 0,0:53:40.08,0:53:41.52,Default,,0000,0000,0000,,आदी हैं? Dialogue: 0,0:53:41.52,0:53:49.31,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप लगातार निर्णय ले रहे हैं, दोष दे रहे हैं, \Nखुद की और दूसरों की आलोचना कर रहे हैं? Dialogue: 0,0:53:49.31,0:53:56.49,Default,,0000,0000,0000,,क्या आपका दिमाग लगातार उत्तेजना की तलाश करता है, \Nया क्या आप शांति में जीकर पूरी तरह से Dialogue: 0,0:53:56.49,0:53:59.33,Default,,0000,0000,0000,,संतुष्ट हैं? Dialogue: 0,0:53:59.33,0:54:02.20,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप इस बारे में प्रतिक्रिया करते हैं कि \Nलोग आपके बारे में क्या सोचते हैं? Dialogue: 0,0:54:02.20,0:54:06.41,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप अनुमोदन, सकारात्मक प्रबलता चाहते हैं? Dialogue: 0,0:54:06.41,0:54:12.13,Default,,0000,0000,0000,,क्या आप अपने जीवन की परिस्थितियों को \Nकिसी तरह कमजोर करते हैं? Dialogue: 0,0:54:12.13,0:54:17.86,Default,,0000,0000,0000,,अधिकांश लोग अपने जीवन का अनुभव \Nउसी तरह करेंगे जैसे वे कल और अब से Dialogue: 0,0:54:17.86,0:54:22.83,Default,,0000,0000,0000,,एक साल बाद, और अब से दस साल बाद करेंगे। Dialogue: 0,0:54:22.83,0:54:29.39,Default,,0000,0000,0000,,जब आप अपनी रोबोट जैसी प्रकृति का समझने लगते हैं \Nतो आप अधिक जागृत हो जाते हैं। Dialogue: 0,0:54:29.39,0:54:34.81,Default,,0000,0000,0000,,आप समस्या की गहराई को पहचानना शुरू कर देते हैं। Dialogue: 0,0:54:34.81,0:54:41.69,Default,,0000,0000,0000,,आप पूरी तरह नींद में डूबे हुए हैं, सपने में खोए हुए हैं। Dialogue: 0,0:54:41.69,0:54:47.50,Default,,0000,0000,0000,,प्लेटो की गुफा के निवासियों की तरह, इस सत्य को \Nसुनने वाले अधिकतर लोग अपने जीवन को Dialogue: 0,0:54:47.50,0:54:55.53,Default,,0000,0000,0000,,बदलने के लिए न तो तैयार होंगे न काबिल होंगे \Nक्योंकि वे अपने पारिवारिक तरीकों से जुड़े हुए हैं। Dialogue: 0,0:54:55.53,0:55:02.50,Default,,0000,0000,0000,,हम अपने तरीकों को न्यायसंगत बताने के लिए काफी आगे \Nचले जाते हैं, सत्य का सामना करने की जगह Dialogue: 0,0:55:02.50,0:55:05.68,Default,,0000,0000,0000,,अपने सिर को मिटटी में दबा लेते हैं Dialogue: 0,0:55:05.68,0:55:12.30,Default,,0000,0000,0000,,हम अपने रक्षक चाहते हैं, लेकिन हम खुद \Nसूली पर चढ़ने के लिए तैयार नहीं हैं। Dialogue: 0,0:55:12.30,0:55:19.74,Default,,0000,0000,0000,,स्वतंत्र होने के लिए आप क्या कीमत चुका सकते हैं? Dialogue: 0,0:55:19.74,0:55:26.30,Default,,0000,0000,0000,,यह समझें कि यदि आप अपनी आंतरिक दुनिया बदलते हैं, तो \Nआपको अपने बाहरी जीवन को बदलने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। Dialogue: 0,0:55:26.30,0:55:32.47,Default,,0000,0000,0000,,आपकी पुरानी संरचना और आपकी पुरानी पहचान को \Nवो मृत मिट्टी बनना चाहिए जिसमें से Dialogue: 0,0:55:32.47,0:55:39.87,Default,,0000,0000,0000,,नई उत्पत्ति होती है। Dialogue: 0,0:55:39.87,0:55:45.12,Default,,0000,0000,0000,,जागृति की तरफ जाने का पहला कदम यह \Nमहसूस करना है कि हमें मानवता के मैट्रिक्स से, Dialogue: 0,0:55:45.12,0:55:49.67,Default,,0000,0000,0000,,मुखौटे से पहचाना जाता है। Dialogue: 0,0:55:49.67,0:55:55.25,Default,,0000,0000,0000,,हमारे भीतर किसी को यह सत्य सुनकर \Nनींद से जग जाना चाहिए। Dialogue: 0,0:55:55.25,0:56:18.35,Default,,0000,0000,0000,,आपका एक हिस्सा है, कालनिर्पेक्ष, \Nजो हमेशा से सत्य को जानता है। Dialogue: 0,0:56:18.35,0:56:31.75,Default,,0000,0000,0000,,दिमाग का मैट्रिक्स हमारा ध्यान भटकाता है, मनोरंजन करता है,\Nहमें अंतहीन रूप से लालसा और भटकाव के Dialogue: 0,0:56:31.75,0:56:39.16,Default,,0000,0000,0000,,लगातार बदलते रूपों के चक्र में कार्य, उपभोग, \Nलालच करवाता रहता है, हमारी चेतना के खिलने, Dialogue: 0,0:56:39.16,0:56:47.83,Default,,0000,0000,0000,,हमारी उत्पत्ति के जन्म-अधिकार से हमें दूर रखता है,\Nजिसे समाधि कहते हैं। Dialogue: 0,0:56:47.83,0:56:58.38,Default,,0000,0000,0000,,तर्कहीन सोच सामान्य जीवन के लिए है। Dialogue: 0,0:56:58.38,0:57:06.33,Default,,0000,0000,0000,,आपका दिव्य तत्व गुलाम बन चुका है, \Nसीमित आत्म संरचना से पहचाना जाता है। Dialogue: 0,0:57:06.33,0:57:15.72,Default,,0000,0000,0000,,महान ज्ञान, आप कौन हैं यह सच्चाई \Nआपके अस्तित्व की गहराई में दफ़न है। Dialogue: 0,0:57:15.72,0:57:27.04,Default,,0000,0000,0000,,जे कृष्णमूर्ति ने कहा है, "अत्यंत बीमार समाज के अनुसार \Nढलना किसी के स्वास्थ्य का Dialogue: 0,0:57:27.04,0:57:39.76,Default,,0000,0000,0000,,कोई मापदंड नहीं है। " Dialogue: 0,0:57:39.76,0:58:02.81,Default,,0000,0000,0000,,अहंकारी दिमाग के रूप में चिह्नित होना \Nबीमारी है और समाधि इसका इलाज। Dialogue: 0,0:58:02.81,0:58:25.68,Default,,0000,0000,0000,,इतिहास में साधु-संतों और जागृत प्राणियों \Nसभी ने आत्मसमर्पण के ज्ञान को सीखा है। Dialogue: 0,0:58:25.68,0:58:45.09,Default,,0000,0000,0000,,सच्चे आत्म को महसूस करना कैसे संभव है? Dialogue: 0,0:58:45.09,0:58:52.52,Default,,0000,0000,0000,,जब आप माया के पर्दे से झांकते हैं, और\Nभ्रमपूर्ण आत्म को छोड़ देते हैं, तो बचता क्या है?