आज, मैं आप सभी को एक किस्सा बताना चाहूँगी, यह चीज़ दरहसल चार हफ़्ते पहले हुई। मुझे ऐसा कुछ बोला गया जो मैंने कभी न सोचा था, कि कोई आकर मुझे बोलेगा। और उस बात को सुनकर, मेरा दिल टूट सा गया। और साथ ही साथ, मेरे अंदर एक उम्मीद सी जगी। और इस अनुभव से उस विषय की ओर मेरी प्रतिबद्धता बढ़ी जिसके बारे में आज मैं आप सब से बात करूँगी। मैं सबको यह कहती हूँ कि मैं डरी हुई सी हूँ। मुझे सबसे सबसे ज़्यादा डर कुछ विचित्र कहानियों को सुनकर लगता है, कहानी के बाद कहानी, फिर एक और कहानी, नौजवानों की, मेरे लोगों की, मेरे जैसे लोगों की जो समुद्र पर मर रहे हैं, अभी, समुद्र के सबसे निचले हिस्से में, जैसे मछली का चारा हो। क्या आपको सच में लगता है हम उस्सी के लायक हैं? मछली के चारा बनना? और कुछ ऐसे लोग हैं जो यूरोप विस्थापित होना चाहते हैं -- क्योंकि अब सब उस्सी के बारे में है, वे नौकरी के लिए यूरोप विस्थापित होना चाहते हैं। लीबिया के बारे में। आपको पता है जब हम लीबिया को पार करके जाने की कोशिश करते हैं और वहाँ अटक जाते हैं? हमें घुलाम बनाकर बेच दिया जाता है। 300 डॉलर के लिए, कभी कभी 500 डॉलर के लिए। कभी कभी मैं हवाई जहाज़ से गिरते शवों के बारे में सुनती हूँ। कभी कोई हवाई जहाज़ के किसी हिस्से में छुपा, या सामान वाली जगह में छुपा, और फिर वह इंसान मारा हुआ मिले। क्या आप मेरी तरह डरेंगे नहीं, कि आपको बचपन से ही ऐसी कहानियाँ सुनने को मिले, और ऐसे किससे बार बार दोहराए जाएँ? क्या आपको डर नहीं लगेगा? मुझे बहुत लगता है। और साथ ही साथ, जैसे जैसे मेरे लोग मर रहे हैं, मेरी संस्कृति भी मर रही है। जी, मैंने सही कहा। क्योंकि हमें एक सांस्कृतिक न्यूनता महसूस होती है, जिसका मतलब है कि जो कुछ भी हमारी तरफ़ से आए वह उतना अच्छा नहीं है। लेकिन, मेरे लिए, और क्योंकि मुझे कृति से आलोचना करना सिखाया गया था। मेरे पिता कहते, "मेरे पास समस्या लेकर तब तक मत आना जब तक तुमने खुद समाधान न सोचे हो। उनका सही होना ज़रूरी नहीं, बस इतना कि तुमने उसके बारे में "खुद कुछ सोचा। मेरा ज़िंदगी तरफ़ यह रवईया है - कि अगर कोई समस्या है, तो उसका समाधान ढूँढो। तो इसलिए मैं वे व्यापार शुरू करती हूँ, अधिकतम वे ग्राहक ब्रांड, जिनमें अफ्रीकन संस्कृति की सबसे बेहतरीन झलकियाँ हैं। सब पैकेज किया गया होता है, 21वी सदी का, विश्वस्तरीय मानक वाला, और मैं वे सब दुनिया के सबसे परिष्कृत बाज़ार में लाती हूँ, जो अमेरिका है। पहली कंपनी एक पेय पदार्थों की थी, दूसरी त्वचा की देखबाल करने वाली, तीसरी वाली का प्रक्षेपण अगले महीने है, और सब में यही समानता है। तो यह लोग छोड़ कर क्यों जाते हैं? क्योंकि उनके पास कोई नौकरी नहीं है। क्योंकि वे जहाँ हैं, वहाँ नौकरियाँ नहीं है। तो ... लेकिन गरीबी, जो उनपर प्रभाव डालती है, वही छोड़कर जाने का मुक्य कारण है। अब, लोग गरीब क्यों है? लोग गरीब हैं क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है। पैसा इसलिए नहीं है क्योंकि आमदनी का कोई स्त्रोत नहीं है। अधिकतम लोगों के लिए, आमदनी का स्त्रोत क्या है? हम जैसे लोगों के लिए आमदनी का स्त्रोत, क्या है, बताइए? नौकरियाँ, धन्यवाद। नौकरियाँ कहाँ से आती हैं? कहाँ से आती हैं? व्यवसाय से, धव्यवाद। तो अगर नौकरियों से गरीबी मिटाई जा सकती है, और नौकरियाँ व्यवसाय से आती हैं, तो क्या आपको नहीं लगता -- खासकर, वे नौकरियाँ छोटी और माध्यम स्तर के व्यवसायों में मिलती हैं -- तो क्या आपको एक क्षण के लिए नहीं लगता, कि हमें एक छोटे व्यवसायी के लिए व्यवयास खोलने को आसान बनाने पर ध्यान देना चाहिए? क्या आपको नहीं लगता? ऐसा क्यों है कि जब भी मैं विश्व बैंक के व्यवसाय करने की श्रेणी को देखती हूँ, जो दुनिया के हर देश को व्यवसाय खड़ा कर पाने की आसानी और कठिनता के आधार पर एक पद देते हैं, आप मुझे बताएँ कि क्यों अफ्रीकन देश, सारे के सारे 50, उस श्रेणी में आखरी पदों पर हैं? हम इसलिए ही गरीब हैं। हम गरीब इसलिए हैं क्योंकि हमारे इन देशों में व्यवसाय करना नामुमकिन के बराबर है। पर मैं आपको बताऊँगी कि इसका मतलब असल में मेरे जैसे लोगों के लिए क्या होता है। मेरे पास सिनेगल में एक औद्योगिक सुविधा है। क्या आपको पता है कि जो भी कच्ची सामग्री मुझे यहाँ नहीं मिलती, मुझे बाहर से आने वाली हर चीज़ के लिए 45% कर देना पड़ता है? पैतालीस प्रतिशत कर। क्या आपको पता है कि, मेरे उत्पादन को अमेरिका भेजने के लिए भी मुझे अच्छा गत्ता भी नहीं मिलता ? नामुमकिन। क्योंकि विभाजित करने वाले अपना व्यवसाय यहाँ करने नहीं आने वाले, क्योंकि उनके लिए भी मतलब नहीं बनता। तो अब मुझे 3000 डॉलर के मूल्य का गत्ता अपने गोदाम में रखना पड़ता है, क्योंकि वह पाँच हफ़्तों में एक बार मिलता है। हम सबसे ज़्यादा बेतुके नियमों के कारण बंधे से हुए हैं। इसलिए हम व्यवसाय नहीं चला पा रहे। यह चाशनी में तैरने के बराबर है। तो, इसके बारे में क्या किया जाए? मैंने आपको बताया कि किसी ने मुझे वे शब्द कहे जो मुझे प्रभावित कर गए, क्योंकि मैंने वही चीज़ सिनेगल में अपने कर्मचारियों को समझाई। और उनमें से एक रोने लग गई -- उसका नाम याहारा है। वह रोने लग गई। मैंने पूछा, "क्यों रो रही हो?" उसने कहा, "कि मैं इसलिए रो रही हूँ क्योंकि मुझे यकीन होने लगा था -- हमेशा हमें गरीबों की तरह देखा जाता है -- मुझे यकीन होने लगा था, कि शायद, हाँ, शायद हम अवर हैं। नहीं तो ऐसा क्यों होता है कि हम हमेशा ही भीक मांगने की स्तिथि में होते हैं? वही सुनके मेरा दिल टूट गया। पर उसने उसी वक़्त कहा वही जो मैंने आपको अभी अभी समझाया, उसने कहा "पर अब मुझे पता है कि मैं समस्या नहीं हूँ।" जिस तरह के वातावरण में मैं रहती हूँ, वह मेरी समस्या है।" मैंने कहा, "हाँ।" और उसी से मेरे अंदर उम्मीद जगी -- कि एक बार लोग समझ गए, वे ज़िंदगी की ओर अपना नज़रिया बदल देते हैं। तो हमारे पास क्या समाधान हैं? अगर नौकरियाँ समाधान हैं, तो क्या इन सारे देशों का व्यवसायी वातावरण और सरल नहीं होना चाहिए? आपको नहीं लगता? और आपके साथ साथ, मैं चाहूँगी कि उन 50 देशों में से आपके जितने भी दोस्त हैं वे सब भी यह ही करें। आप वह करें, बाकी हम पर छोड़ दें। मैं अपना फ़र्ज़ निभा रही हूँ, आप क्या कर रहे हैं? (तालियाँ) आप क्या कर रहे हैं? (तालियाँ) आप क्या कर रहे हैं? (तालियाँ) और आप सब के लिए, मैं दो चीज़ें कहना चाहूँगी। इसमें हिस्सा लीजिए, अपने आप को शिक्षित कीजिए, अपने आस पास जागरूकता बनाइए, और फिर ई-सरकारी समाधानों के लिए अधिवक्ता करें। उसने कहा, "ओ, भ्रष्टाचार, हम उसके खिलाफ़ कैसे लड़ें?" मैं आपको यह ही बताना चाहूँगी, कि हाँ, यह आप खुद से कर सकते हैं। आपको किसी के बोलने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। एक ही बात है, कि आपको किसी और के लिए इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं, तो खुद करो। वरना मुझे आके यह मत कहो कि आपको भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ना है। आप और श्रेणी के निचले 50 देशों में से आपके 50 दोस्त। भ्रष्टाचार से ऐसे लड़ते हैं। अगर आप बाहर से आने वाले कच्चे माल के लिए 45 प्रतिशत की जगह मुझसे 5 प्रतिशत का कर मांगते, तो क्या आपको वाकई लगता है कि मुझे रिश्वत देनी पड़ती? इसलिए भ्रष्टाचार होता है। बेकार, बेतुके, बकवास कानून। (तालियाँ) हैं न? (तालियाँ) आपको भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है? तो यह करो। और याद रखें, आपको किसी के लिए इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं। आप वह खुद कर सकते हैं। अगर आपमें कोई संप्रभुता नहीं है, तो वह खुद में एक समस्या है तो अब, मैं अब अपने लीडर्स से कुछ कहना चाहूँगी। यह दो तरफ़ जा सकता है। या तो बुरी तरह से, क्योंकि हमारे पास हज़ारों नौजवान हैं जो कि उभर रहे हैं, और अगर उनके पास ज़िंदगी में कुछ करने के लिए न रहे, तो वे क्रांति पे उतर आ सकते हैं। वे हिंसा का माध्यम अपनाएँगे। और हम ऐसा बिलकुल नहीं चाहेंगे। बिलकुल भी नहीं। तो यह इस तरह से हो सकता है। या फिर दूसरा रास्ता यह है, कि यह सब शांतिपूर्वक, ऊर्वर्तापूर्वक, और अच्छाई से हो सकता है, और आप वह सब करें जो ज़रूरी है, मुझसे भी आगे बढ़िए, मुझ जैसे लोगों को हमारा काम करने दें, हम वे सारी नौकरियाँ खड़ी करें, और अफ़्रीका एक समृद्ध देश बनेगा जिसके वह लायक है, और हमेशा से होना चाहिए था। यह संभव है, सब खुश होंगे, ज़िंदगी बेहतर हो जाएगी। दो रास्ते हैं -- या हिंसा अपनाओ या शांतिपूर्वक, ऊर्वर्तापूर्वक रास्ता। मुझे दूसरा वाला रास्ता चाहिए। हमें कभी भी यह सोचना नहीं पड़ना चाहिए, कि अगर हम वह रास्ता न अपनाएँ तो क्या होगा। तो मेरी बात मानिए। अब समय आ गया है। एक ऐसा दृश्य -- समृद्धि, खुशहाली, बढ़ते इंसान -- अगर हम अपना काम करें तो सब ऐसा ही होगा। धन्यवाद। (तालियाँ) धन्यवाद। (तालियाँ)