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दुनिया में क्या हो रहा है
जानना मज़ेदार होता है।
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मगर ऑनलाइन न्यूज़ पढ़ना पेचीदा हो सकता है।
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आप जो देखते हैं वह ध्यान हटकाने वाला,
उलझाने वाला
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या बिलकुल झूठ भी हो सकता है।
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तो अगर आप ऑनलाइन कोई लेख पढ़ रहे हों,
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तब आपको उस विषय से परिचित होना चाहिए।
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URL एक तरह का पता होता है
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हर वेबपेज के लिए।
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हमेशा डबलचेक करें कि आप
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उसी पेज पर हैं जिसे आप ढूंढ रहे थे।
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हेडलाइंस से हमें पता चलता है
कि कहानी किस बारे में है
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मगर कभी-कभी बातें बढ़ा चढ़ा कर कही जाती हैं
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या लेख से अलग ही कुछ कहा जाता है
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ताकि आप उस पर क्लिक करें।
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अधिकांश न्यूज़साइट्स में आप जो पढ़ रहे हैं
उस लेख का टाइप बताने के लिए
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अलग सेक्शन होते हैं।
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अगर आप तथ्य चाहते हैं,
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ध्यान रखिए कि ओपिनियन तो नहीं।
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बाइलाइन लेखक का नाम है,
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और तारीख वह जब वह छपा है।
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कोई बाइलाइन या तारीख नहीं?
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लेख अविश्वासनीय होगा।
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इमेज और वीडियो शब्दों से अधिक बताते हैं,
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मगर वे चित्र जो अविश्वसनीय लगते हैं
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या वीडियो के पहले विज्ञापन बहका सकते हैं।
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सम्बद्ध लेख सहायता कर सकते हैं,
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मगर उनका ध्यान रखिए
जो केवल न्यूज़ नहीं रिपोर्ट करते।
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प्रायोजित सामग्री लिंक है
अन्य वेबसाइटों पर मौजूद चीज़ों के लिए।
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लेकिन क्लिकबेट से सावधान रहें;
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चौंकाने वाली सुर्खियाँ न दें या जंगली छवियां
आपको क्लिक करने के लिएप्रेरित करती हैं।
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विज्ञापन अन्य वेबसाइटों से लिंक होते हैं
जो आम तौर पर कुछ न कुछ बेच रहे होते हैं,
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लेकिन कुछ विज्ञापन प्रच्छन्न होते हैं
समाचार की तरह दिखने के लिए.
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कमेन्ट सेक्शन में पाठकों की राय
और विचार होते हैं
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किन्तु याद रखें कि यहां कोई भी किसी भी
चीज़ के बारे में लिख कर सकता है,
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चाहे वह तुच्छ या बिलकुल झूठ ही
क्यों न हो।
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ध्यान रखने के लिए यही बहुत है,
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किन्तु यदि आप जानते हैं कि क्या खोजना है
और किस बात का ध्यान रखना है,
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तो लेख सबसे पहले आपको मिलेगा।
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[आप ऑनलाइन समाचार कैसे पढ़ते हैं?]