डेम एलन मैकआर्थर बेहतर विश्व के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था संबंधी अपना दृष्टिकोण साझा करती हैं
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0:01 - 0:06मैं वह अनुभूति कभी नहीं भूलूंगी जो
मुझे तब हुई थी जब मैंने पहली बार -
0:06 - 0:08समुद्र देखा और नाव पर कदम रखा।
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0:08 - 0:10एक चार साल की बच्ची के लिए,
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0:10 - 0:13यह स्वतन्त्रता की महानतम एहसास था
जिसकी कल्पना मैंने कभी की थी। -
0:14 - 0:16पता है उसी उम्र से, मुझे लगा,
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0:16 - 0:19मैं किसी तरह एक दिन विश्व भर की
समुद्री सैर करना चाहती हूं। -
0:28 - 0:29जब आप उन यात्राओं पर निकलते हैं,
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0:29 - 0:33तो स्वयं को जीवित रखने के लिए आवश्यक
सब कुछ साथ ले कर जाते हैं। -
0:33 - 0:35आपके पास जो कुछ है बस वही सब कुछ होता है।
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0:35 - 0:37जो कुछ है उसी से काम चलाना पड़ता है
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0:37 - 0:39डीज़ल की आखिरी बूंद, खाने का अंतिम पैकेट।
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0:39 - 0:42यह बिलकुल अनिवार्य है अन्यथा
आप नहीं बचेंगे। -
0:42 - 0:45और मुझे एकाएक एहसास हुआ,
"पर हमारी दुनिया अलग क्यों है?" -
0:45 - 0:47पता है, हमारे पास सीमित संसाधन हैं,
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0:47 - 0:49जो मानवता के इतिहास में हमें
केवल एक बार उपलब्ध होते हैं। -
0:50 - 0:53जैसे धातुएँ, प्लास्टिक, उर्वरक।
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0:53 - 0:56हम जमीन खोद कर इन्हें निकाल रहे हैं और
काम में लेकर खत्म कर रहे हैं। -
0:56 - 0:58इससे लंबे समय तक कैसे काम चलेगा?
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0:59 - 1:02इन संसाधनों के वैश्विक उपयोग का
कोई दूसरा तरीका अवश्य रहा होगा -
1:02 - 1:04जिसने इन्हें काम में लेने के बाद भी
बचाए रखा। -
1:04 - 1:06मेरे मन में यही प्रश्न था,
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1:06 - 1:08और मुझे वहाँ तक पहुँचने में बहुत समय लगा
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1:08 - 1:11जहां मुझे लगा कि अर्थव्यवस्था एक अलग
तरीके से भी चल सकती है, -
1:11 - 1:14हम दूसरे तरीके से सामान, सामग्री का
उपयोग कर सकते हैं, -
1:14 - 1:16और वह तरीका है चक्रीय अर्थव्यवस्था।
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1:20 - 1:23आजकल अर्थव्यवस्था मुख्यत: बहुत निष्कर्षी
ढंग से काम करती है। -
1:23 - 1:24वह रेखीय है।
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1:24 - 1:27हम जमीन खोदकर कुछ निकालते हैं,
उससे कुछ बनाते हैं, -
1:27 - 1:30और उस उत्पाद के बेकार होने पर
उसे फेंक देते हैं। -
1:30 - 1:32आप उस यंत्र में सामान लगाने में
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1:32 - 1:34चाहे जितने भी निपुण हों,
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1:34 - 1:35चाहे आप थोड़ी कम ऊर्जा
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1:35 - 1:38या सामग्री का उपयोग करके उस
उत्पाद को बनाते हों, -
1:38 - 1:40तब भी अंतत: वह खत्म हो जाएगी।
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1:40 - 1:43इसके उलट एक चक्रीय मॉडल को देखें तो,
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1:43 - 1:45एक उत्पाद का प्रारूप बनाते समय,
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1:45 - 1:49आप जमीन खोद कर कुछ निकालते हैं या मिसाली
तौर पर पुन: चक्रित सामग्री लेते हैं, -
1:49 - 1:51आप उसे उत्पाद में डालते हैं,
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1:51 - 1:52किंतु उत्पाद ऐसे बनाते हैं
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1:52 - 1:55ताकि शुरू से ही उत्पाद से वह सामग्री
वापस निकाल सकें। -
1:56 - 1:58आप अपशिष्ट और प्रदूषण को
बाहर रखते हैं। -
1:58 - 2:01आप सीमित संसाधनों वाले संसार में
आप कुछ बनाएँगे ही क्यों? -
2:01 - 2:02यह बनावट संक्षेप की बात है।
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2:03 - 2:05आज यदि आप कपड़े धोने की मशीन
ख़रीदते हैं, -
2:05 - 2:08उसे ख़रीदते समय आप कर देते हैं, उसके
अंदर की हर वस्तु आपकी होती है, -
2:08 - 2:11और जब वह खराब हो जाती है,
जो कि निश्चित है, -
2:11 - 2:13आप दोबारा कर देते हैं, भराव क्षेत्र कर।
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2:13 - 2:15चक्रीय प्रणाली में यह सब बदल जाता है।
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2:15 - 2:18मशीन आपकी नहीं है, आप हर धुलाई का
दाम देते हैं, -
2:18 - 2:20मशीन निर्माता उसकी देखभाल करता है,
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2:20 - 2:22और वे सुनिश्चित करते हैं
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2:22 - 2:24कि एक बार जब वह मशीन काम करना बंद कर दे,
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2:24 - 2:26तो वे उसे रख लें, वे जानते हैं
कि उसमें क्या है, -
2:26 - 2:28और वे उसमें से वह सामान निकाल सकते हैं।
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2:28 - 2:30तो प्रारूप द्वारा चक्रीय प्रणाली चलती है।
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2:30 - 2:33हमने सम्बद्ध आंकड़ों का विस्तृत
अध्ययन किया है, -
2:33 - 2:34अर्थात् अर्थशास्त्र,
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2:34 - 2:35और यह बहुत सस्ता है।
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2:35 - 2:40प्रति धुलाई 27 यू एस सेंट्स के बजाय
12 यू एस सेंट्स होते हैं -
2:40 - 2:41चक्रीय मशीन लेने पर।
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2:43 - 2:45हम एक ऐसी प्रणाली में रहेंगे
जो काम करती है। -
2:45 - 2:47हम अपशिष्ट उत्पन्न नहीं करेंगे।
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2:47 - 2:49हमें बेहतर सेवा मिलेगी।
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2:49 - 2:51हमारी पहुँच बेहतर तकनीक तक होगी।
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2:51 - 2:53अभी तक हमने जो अध्ययन किए हैं,
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2:53 - 2:55चूंकि वे निर्माता उन सभी सामग्रियों को
नहीं खरीद रहे हैं, -
2:55 - 2:56उन्हें बेचने से,
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2:56 - 2:58हमें बेहतर मूल्य मिलेगा,
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2:58 - 3:01क्योंकि उन्हें गारंटी मिलेगी कि उनका सामान
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3:01 - 3:02वापस प्रणाली में ही पहुंचेगा।
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3:07 - 3:08मैं बहुत आशावादी हूँ
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3:08 - 3:10क्योंकि जब आप आंकड़ों को देखते हैं,
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3:10 - 3:12जब आप इसके पीछे के अर्थशास्त्र
को देखते हैं, -
3:12 - 3:14तो चक्रीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तन
समझ आता है। -
3:14 - 3:18रेखीय अर्थव्यवस्था की तुलना में चक्रीय
अर्थव्यवस्था का अधिक मूल्य है। -
3:18 - 3:21बड़े संगठन को इस तरह के बदलाव में
निस्संदेह कुछ कीमत चुकानी होगी , -
3:21 - 3:23किंतु आपको स्वयं से एक सवाल करना चाहिए:
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3:23 - 3:24रेखीय में क्या जोखिम है?
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3:24 - 3:26मेरे अनुसार इसमें दिमाग नहीं लगता है।
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3:26 - 3:28रेखीय में बड़ा जोखिम है।
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3:28 - 3:32विशुद्ध अर्थव्यवस्था के आधार पर
यह तो भविष्य हो ही नहीं सकता। -
3:32 - 3:34तो, दरअसल, आप अपना समय कहाँ लगाएंगे?
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3:34 - 3:35आप अपने प्रयास कहाँ लगाएंगे?
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3:35 - 3:37पता करते हैं चक्रीय वास्तव में
दिखती कैसी है -
3:37 - 3:41और उस चक्रीय फुलकारी को जितना हो सके
उतने अच्छे से रंगने का प्रयास करें। -
3:41 - 3:43उपशीर्षक: रवि श्रीवास्तव
समीक्षा:अजय सिंह रावत
- Title:
- डेम एलन मैकआर्थर बेहतर विश्व के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था संबंधी अपना दृष्टिकोण साझा करती हैं
- Description:
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विश्व कीर्तिमान बनाने वाली नाविक डेम एलन मैकआर्थर ने महासागर पर काफी समय बिताया है। वे बताती हैं कि कैसे इन अनुभवों ने हमारी धरती पर सीमित संसाधनों का प्रबंधन करने के तरीके का रहस्योद्घाटन किया है। सुनिए कि एक चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने को लेकर वे आशावादी क्यों है, यह एक ऐसी प्रणाली है जहां हम अपशिष्ट और प्रदूषण को नाटकीय रूप से कम करते हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
Amplifying Voices
- Project:
- Environment and Climate Change
- Duration:
- 04:03
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Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for Dame Ellen MacArthur shares her vision of a circular economy for a better planet | |
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