फ़र्ज़ी ख़बर को कैसे स्पॉट करें - FactCheck.org
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0:01 - 0:02फ़र्ज़ी ख़बरें कोई नई चीज़ नहीं हैं।
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0:02 - 0:06मगर सोशल मीडिया के ज़रिये जाली ख़बरें
अधिक लोगों तक अधिक तेज़ी से पहुँच सकती हैं -
0:06 - 0:10अतीत में प्रचलित उस पुराने फ़ैशन के
वाइरल ईमेल की तुलना में। -
0:10 - 0:13ऐसे अनेक वाइरल दावे हैं जो वास्तव में
समाचार हैं ही नहीं, -
0:13 - 0:15बल्कि कल्पना, व्यंग्य,
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0:15 - 0:17और पाठकों को मूर्ख बना उनको
वास्तविक समझवाने की कोशिश हैं। -
0:18 - 0:21यहाँ पर आपको फ़र्ज़ी ख़बरों से
बचाने के लिए कुछ रणनीतियाँ हैं। -
0:21 - 0:23क्या आप स्त्रोत से परिचित हैं?
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0:23 - 0:24क्या वह वैध है?
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0:24 - 0:26क्या वह अतीत में विश्वसनीय रहा है?
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0:27 - 0:29नहीं, तब शायद उसका विश्वास
नहीं करना चाहेंगे। -
0:30 - 0:32अगर उकसाने वाली हेडलाइन
आपका ध्यान खींचती है, -
0:32 - 0:36तब वह चौंकाने वाली जानकारी
आगे बढ़ाने से पहले थोड़ा आगे पढ़िये। -
0:36 - 0:38यहाँ तक कि वैध समाचारों में भी,
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0:38 - 0:40हेडलाइनें हमेशा पूरी कहानी नहीं कहती हैं।
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0:41 - 0:42मगर फ़र्ज़ी ख़बर में,
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0:42 - 0:44विशेषकर जिसमें व्यंग्य का प्रयास होता है,
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0:44 - 0:46उसमें टेक्स्ट में ही खुलासे के संकेत
संभव हैं। -
0:47 - 0:50एक फ़र्ज़ी ख़बर में तो एक उद्धरण के लिए
ल्फ़िन को श्रेय दिया गया था। -
0:50 - 0:53अगर वास्तविक होते, आप तर्क कह सकते थे
ज़रूरी बात छुपा ली गई। -
0:54 - 0:57अक्सर फ़र्ज़ी ख़बर का
एक और स्पष्ट संकेत होता है लेखक का नाम, -
0:57 - 0:58अगर दिया हो तब।
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0:59 - 1:01और कुछ मामलों में,
लेखक वास्तविक होते भी नहीं। -
1:01 - 1:04एक स्टोरी का श्रेय
एक "डॉक्टर" को दिया गया था -
1:04 - 1:07जिसने "14 पीबॉडी पुरस्कार तथा
अनेक पुलिट्ज़र पुरस्कार पाये थे," -
1:08 - 1:11जो बहुत प्रभावी होता
अगर वह पूरी तरह से झूठ नहीं होता। -
1:13 - 1:18अनेक बार इन झूठी कहानियों में आधिकारिक
या आधिकारिक जैसे स्त्रोत उद्धृत होते हैं, -
1:18 - 1:21मगर जब आप उनको देखेंगे,
तब स्त्रोत इस दावे की पुष्टि नहीं करते। -
1:21 - 1:24कुछ झूठी कहानियाँ
बिलकुल ही फ़र्ज़ी नहीं होती हैं, -
1:24 - 1:26बल्कि असली घटनाओं का विकृत रूप होती हैं।
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1:26 - 1:29ये झूठे दावे एक वैध समाचार को ले कर
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1:29 - 1:30उसे तोड़मरोड़ सकती हैं,
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1:30 - 1:33या यह दावा कर सकते हैं
ऐसा कुछ जो बहुत पहले हुआ था -
1:33 - 1:34उसका वर्तमान घटनाओं से
संबंध है। -
1:35 - 1:39एक भ्रामक वेबसाइट ने सीएनएन से
एक साल पुरानी एक कहानी ली -
1:39 - 1:42और एक नई बहकाने वाली हेडलाइन
तथा प्रकाशन की तिथि डाल दी। -
1:42 - 1:46तो, बहकाने के साथ ही
यह कॉपीराइट का उल्लंघन भी है। -
1:46 - 1:49याद रखिए, व्यंग्य जैसी चीज़ होती है।
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1:49 - 1:52सामान्यतः, उसे इसी तरह लेबल करते हैं
और कभी तो हास्यास्पद भी होती है। -
1:53 - 1:54मगर वह समाचार नहीं है।
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1:55 - 1:57और फिर अधिक विवादास्पद व्यंग्य
भी होते हैं, -
1:57 - 1:59जो पाठक को छलने के लिए होते हैं।
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1:59 - 2:02ये भी क्लिक्स प्रोत्साहित करने को
डिज़ाइन होते हैं, -
2:02 - 2:04और निर्माता के लिए विज्ञापन
से आय का साधन होते हैं। -
2:05 - 2:06मगर वे समाचार नहीं हैं।
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2:07 - 2:08हमें पता है कि यह कठिन है।
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2:08 - 2:10पुष्टिकरण के प्रति पूर्वाग्रह लोगों को
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2:10 - 2:13उन ख़बरों पर अधिक वज़न दिलवाता है
जो उनके विश्वास की पुष्टि करती हैं -
2:13 - 2:15और उन्हें डिस्काउंट जो नहीं करतीं।
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2:15 - 2:17मगर अगली बार अगर आप
स्वतः किसी ऐसे -
2:17 - 2:22राजनीतिज्ञ की सोशल मीडिया पोस्ट देख कर
चकित हों, जिससे आपका विरोध हो -
2:22 - 2:23तब थोड़ा रुक कर उसे चेक कर लें।
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2:23 - 2:25इस सरल टेस्ट को करके देखिये:
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2:25 - 2:28उस "समाचार" वेबसाइट पर
क्या दूसरी कहानियाँ पोस्ट की गई हैं -
2:28 - 2:30जो आपकी स्टोरी का स्त्रोत है
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2:30 - 2:32जो अभी आपके
सोशल मीडिया फ़ीड पर सामने आया है? -
2:33 - 2:36संभव है पहले ही नापसंद वाले राजनीतिज्ञ
की कहानी पर विश्वास का मन बना चुके हों, -
2:36 - 2:39पर अगर उस "समाचार" साइट में
एक कहानी "अंटार्कटिका के -
2:39 - 2:43अभिभावकों के अमेरिका से बदले के लिए
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2:43 - 2:45न्यूज़ीलैंड पर भूकंप का आक्रमण" भी फीचर हो,
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2:45 - 2:47तब शायद शेयर करने से पहले सोचना चाहिए।
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2:48 - 2:50और हाँ, भूकंप वाली कहानी
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2:50 - 2:52पॉप अप करने वाली एक फ़र्ज़ी ख़बर का
वास्तविक उदाहरण है। -
2:53 - 2:56हमें पता है आप व्यस्त हैं,
और ऐसे कुछ झूठ पकड़ने में समय लगेगा। -
2:57 - 3:00मगर तथ्य चेक करने वालों को ऐसा
करने का भुगतान मिलता है। -
3:00 - 3:02संभव है FactCheck.org,
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3:02 - 3:03Snopes.com,
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3:03 - 3:05वॉशिंगटन पोस्ट फ़ैक्ट चेकर,
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3:05 - 3:06तथा PolitiFact.com,
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3:06 - 3:09में से किसी ने
आपके सोशल मीडिया न्यूज़ फ़ीड पर -
3:09 - 3:12पॉप करने वाले लेटेस्ट वाइरल दावे के तथ्य
चेक कर लिए हों। -
3:12 - 3:13और याद रखें:
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3:13 - 3:15फ़र्ज़ी ख़बरों के विरुद्ध
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3:15 - 3:17समाचार पढ़ने वाले सुरक्षा की
पहली पंक्ति होते हैं। -
3:18 - 3:20और अधिक देखने के लिए
FactCheck.org पर जाइए। -
3:20 - 3:23उपशीर्षक द्वारा मौरिसीओकाकुल तनाका
समीक्षा मिरजाम वां दिज्क
- Title:
- फ़र्ज़ी ख़बर को कैसे स्पॉट करें - FactCheck.org
- Description:
-
http://www.flackcheck.org - Read more at: https://www.factcheck.org/2016/11/how-to-spot-fake-news/
- Video Language:
- English
- Team:
Amplifying Voices
- Project:
- Misinformation and Disinformation
- Duration:
- 03:23
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Ravi Srivastava edited Hindi subtitles for How to Spot Fake News - FactCheck.org | |
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