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मेरा अंतर्दृष्टि का स्ट्रोक

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    मैंने मस्तिष्क अध्ययन को अपना करिअर चुना
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    क्योंकि मेरा एक भाई है ,जो
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    सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित हैं
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    एक बहन और एक वैज्ञानिक के रुप में
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    मै समझना चाह्ती थी
    कि ऐसा क्यो है कि मै अपने सपनो को लेकर
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    वास्तविकता से जोड सकती हूं,
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    और मै अपने सपनो को सच कर सकती हूं?
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    ऐसा क्या है मेरे भाई के मस्तिश्क
    और सिज़ोफ्रेनिया को लेकर
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    कि वो अपने सपनो को साधारण वास्तविकता से
    क्यो नही जोड पाता,
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    जो उसके बजाए भ्रम मे परिवर्तित हो जाते है?
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    मैने अपना करियर गम्भीर मानसिक बिमारिओ
    मे अनुसन्धान करने मे समर्पित कर दिआ ।
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    और मै अपने होम स्टेट
    इन्डियाना से बोस्ट्न चली गई,
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    जहा मै हार्वर्ड डिपार्टमेन्ट
    औफ़ सायकाय्ट्री के
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    डाक्टर फ़्रैन्सीन बेनिस की
    लैब में काम कर रही थी.
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    और लैब मे हम ये जानने का
    प्रयास कर रहे थे कि,
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    "क्या जैविक असामानताएंं हैं
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    उन लोगो के मस्तिश्क के बीच में
    जो कि साधारण हैं,
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    और उन व्यक्तियो के मस्तिश्क की तुलना मे,
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    जो कि सिज़ोफ्रेनिया, सिज़ोइफ़्फ़ेक्टिव
    या बाईपोलर डिसोर्डर से ग्रसित हैं?"
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    तो हम मुख्यता मस्तिश्क के
    माइक्रो सर्किटरी का मानचित्रण कर रहे थे:
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    कि कौन सी कोशिकायें किन कोशिकाओ
    के साथ संवाद कर रही हैं,
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    किन कैमिकल्स के द्वारा,
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    और उन कैमिकल्स की कितनी मात्रा में?
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    मेरा जीवन बहुत अर्थपूर्ण था
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    क्योकि मै दिन के समय
    इस प्रकार का शोध कर रही थी,
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    एवं शाम और सप्ताहांत में,
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    मैं NAMI, द नैशनल अलाएंस और
    मैण्टल इलनैस के वकील के रूप मे कार्यरत थी।
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    किन्तु १० दिसम्बर, १९९६ की सुबह को,
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    मैं उठी और पाया कि
    मुझे भी मस्तिश्क सम्बन्धी विकार है।
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    मेरे दिमाग के आधे बांए हिस्से में
    एक रक्त वाहिका फट गयी।
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    और अगले चार घन्टे के दौरान,
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    मैने अपने मस्तिश्क को पूरी तरह से
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    किसी भी जानकारी को प्रोसेस करने की
    क्षमता को खोते हुए पाया।
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    हैमरेज होने की सुबह,
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    मेरे लिए चलना,बात करना,पढना,लिखना कुछ
    भी जीवन से सम्बन्धित याद कर पाना असम्भव था।
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    मै पूर्णत: एक शिशु बन गयी
    एक महिला के शरीर मे।
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    अगर आपने कभी मानव मस्तिश्क को देखा है,
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    तो यह स्पश्ट है कि मस्तिश्क के दो हेमीस्फेयर
    एक दूसरे से पूरी तरह अलग हैं।
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    और मैं आपके लिए
    एक असली मानव मस्तिश्क लाई हूंं।
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    (कराहते हैं, हंसते हैं )
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    तो यह एक असली मानव मस्तिश्क है।
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    यह दिमाग का अगला हिस्सा है,
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    यह पिछला
    जिसके साथ स्पाइनल कौर्ड पीछे लटक रही है,
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    और इस प्रकार से
    यह मेरे मस्तिश्क के अन्दर स्थित है।
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    और जब आप मस्तिश्क को देखेङ्गे,
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    तो यह स्पष्ट है कि दो सेरेब्रल कोर्टिसेस
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    एक दूसरे से पूरी तरह अलग हैं।
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    आपमें से उनके लिए
    जो कम्प्यूटर्स को समझते हैं
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    हमारे मस्तिश्क का दाया भाग
    एक पैर्लल प्रोसेसर की तरह काम करता है.
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    जबकि हमारा बांया भाग
    एक सीरियल प्रोसेसर की तरह काम करता है।
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    दो हेमीफेयर एक दूसरे से
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    कोर्पस कलोसम के द्वारा
    कम्युनिकेट करते हैं,
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    जो कि कुछ ३०० मिलिअन
    एक्सोनल फ़ाईबर से बना होता है।
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    किन्तु उसके अलावा,
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    वो दो हेमीफेयर
    पूर्णतया एक दूसरे से अलग होते हैं।
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    क्योंकि वो सूचना को
    अलग तरह से प्रोसेस करते हैं,
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    प्रत्येक हेमीस्फेयर
    अलग चीजों के बारे में सोचते हैं,
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    उनके लिए अलग-अलग चीजे महत्वपूर्ण होती हैं,
    मै हिम्मत करके कह रही हूं,
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    कि दोनो अलग-अलग व्यक्तित्व हैं।
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    माफ करें। धन्यवाद। यह मजेदार था।
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    सहायक: हां सच मे था।
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    (हंसी)
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    हमारा मस्तिश्क का दाया हेमीस्फेयर सिर्फ़ इस पल मे
    क्या चल रहा है,इस जानकारी से सम्बन्धित है।
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    यह सिर्फ़ " यहां ,इस समय " की
    जानकारी से सम्बन्धित है।
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    हमारे दिमाग का दाया भाग,
    यह द्रिश्यों के रूप मे सोचता है
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    यह किनेस्थेटीकली
    हमारे शरीर के मूवमेन्ट के द्वारा सीखता है।
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    इन्फ़ोर्मेशन एनर्जी के रूप मे,
    सारे सेन्सरी सिस्ट्म के द्वारा
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    एक साथ प्रवेश करती है
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    और फिर यह इस भव्य कोलाज मे
    विस्फोटित होती हैं
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    जैसा यह पल दिखता है,
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    जैसा यह पल गंध करता है
    और स्वाद करता है,
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    जैसा यह महसूस होता है
    और सुनाई देता है।
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    मै एक एनर्जी-बीइंग हूं जो कि
    अपने चारो तरफ़ की एनर्जी से
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    मेरे दाये हेमिस्फेयर की
    चेतना के द्वारा जुडी हूं।
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    हम उर्जा धारक जीव हैं
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    जो कि हमारे दाये हेमिस्फेयर की
    चेतना के द्वारा
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    एक दूसरे से मानव परिवार
    के रूप मे जुडे हैं ।
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    और यहां, इस वक़्त, हम भाई बहन
    इस धरती पर
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    इस दुनिय़ा को बेहतर बनाने के लिए हैं।
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    और इस क्षण में हम उत्तम हैं,
    हम सम्पूर्ण हैं, हम सुन्दर हैं।
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    मेरा बांया हेमीस्फेयर, हमारा बांया
    हेमीस्फेयर,एक बहुत विचित्र स्थान है
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    हमारा बांया हेमीस्फेयर रैखिक
    और व्यवस्थित रूप से सोचता है।
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    हमारा बांया हेमिस्फेयर सिर्फ़
    अतीत और भविष्य से सम्बन्धित है।
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    हमारे बांये हेमीस्फेयर को
    इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि
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    यह वर्तमान पल के भव्य कोलाज को ले
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    और उनका विवरण निकालना शुरू करे,
    और उन विवरणो का और भी विवरण निकाले।
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    उसके बाद यह उस सारी जानकारी को
    श्रेणीबद्ध करता है और संगठित करता है,
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    वो सभी चीजें जो हमने
    अतीत में सीखी हैं उनसे जोडता है,
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    और भविश्य में सभी सम्भावनाओ को दर्शाता है।
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    और हमारा बांया हेमीस्फेयर
    भाषा के रूप मे सोचता है।
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    यह एक लगातार चलता हुआ वार्तालाप है
    जो कि मुझे और मेरी आन्तरिक दुनिया को
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    बाहरी दुनिया से जोडता है।
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    यह वो छोटी सी आवाज है जो मुझसे कहती है कि,
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    ''सुनो, घर आते समय केले लाना याद रखना.
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    मुझे वो सुबह मे चाहिए.''
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    यह वो गणनाकारी बुद्धिमता है
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    जो मुझे याद दिलाती है
    कि मुझे लौण्ड्री करना है।
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    किन्तु शायद सबसे महत्वपूर्ण,
    यह वो छोटी सी आवाज है जो मुझसे कहती है कि,
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    ""मैं हूं, मै हूं "
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    और जैसे ही मेरा बांया हेमीस्फेयर
    मुझसे कहता कि "मैं हूं,"
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    मै पृथक हो जाती हूं।
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    मैं एक अकेली ठोस रूप की
    व्यक्तित्व बन जाती हूं,
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    मेरे आस पास बहने वाली एनर्जी से पृथक
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    और आपसे पृथक।
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    और ये मेरे दिमाग का हिस्सा था
    जो कि मैने स्ट्रोक की सुबह खो दिआ था।
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    स्ट्रोक की सुबह,
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    मै बांयी आंख के पीछे तेज दर्द के साथ उठी।
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    यह उस प्रकार का दर्द था जो कि
    आपके आईस्क्रीम मे बाईट लेने पर होता है।
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    और इसने मुझे जकड लिया --
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    और छोड दिया।
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    और फिर इसने जकडा--
  • 6:31 - 6:33
    और फिर इसने छोड दिया।
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    और यह मेरे लिए कभी भी, किसी भी प्रकार का
    दर्द अनुभव करना बहुत ही असामान्य था,
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    मैने सोचा, "ओके, मैं अपना नोर्मल रूटीन
    शुरु करती हूं"
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    तो मै उठी और अपने
    कार्डिओ ग्लाइडर पर बैठ गयी,
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    जो कि एक फ़ुल-बौडी,
    फ़ुल-एक्सरसाइस मशीन है।
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    और मै इस पर एक्सरसाइस कर रही हूं,
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    और मै महसूस कर रही हूं कि
    मेरे हाथ आदिम पञ्जो की तरह दिख रहे हैं
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    जो कि बार को पकड रहे हैं।
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    और मैने सोचा, "यह बहुत अजीब है।"
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    और मैने अपने शरीर को देखा
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    और मैने सोचा,
    "मै कैसी अजीब सी दिखने वाली चीज हूं।"
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    और ऐसा लग रहा था जैसे कि मेरी चेतना
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    मेरी साधारण वास्तविकता
    की धारणा से दूर हो गयी है,
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    जहां मै वो व्यक्ति हूं जो कि मशीन पर
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    किसी अदभुत जगह का अनुभव हो रहा है
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    जहां मै खुद को इस प्रकार
    का अनुभव करते हुए देख रही हूं।
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    और ये सब बहुत ही अजीब था,
    और मेरा सर दर्द बढता जा रहा था।
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    इस्लिए मै मशीन से उतरी,
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    और मै अपने लिविंग रूम के
    फ़्लोर पर चल रही हूं,
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    और मै एहसास कर रही हूं कि
    मेरे शरीर के अन्दर हर चीज धीमी पड गयी है।
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    और हर एक कदम बहुत ही कडा
    और बहुत ही सुचिन्तित है।
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    मेरी चाल मे कोई लोच नही है,
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    और यहां यह रुकावट है
    मेरे धारणा के दायरे मे,
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    इस्लिए मै सिर्फ़ अपने
    इण्टर्नल सिस्टम पर ध्यानकेन्द्रित हूं।
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    और मै अपने बाथरूम में खडी हूं
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    शावर मे जाने के लिए तैयार हो रही हूं,
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    और मै शरीर के अन्दर हो रही
    बातों को सुन पा रही हूं।
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    मैने हल्की सी आवाज को कहते हुए सुना,
    "ओके,तुम मांसपेशिओ, तुम्हे सिकुडना होगा।
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    तुम मांसपेशिओ,तुम रिलैक्स करो."
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    और फिर मैने अपना बैलेन्स खो दिया,
    और मै दिवार के सहारे झुक गयी हूं।
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    और मै अपनी बांह को देख रही हूं
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    और मै एहसास कर रही हूं कि मै अपने शरीर
    की बाउन्ड्री को अब डिफ़ाइन नही कर सकती।
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    मै यह डिफ़ाइन नही कर पा रही कि
    मै कहां शुरु और कहां अंत हो रही हूं,
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    क्योंकि मेरी बांह के अणु और परमाणु
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    दीवार के अणु और परमाणुओ से
    ब्लेण्ड कर रहे थे।
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    जो कुछ भी मै डिटैक्ट कर पा रही थी
    वो यह एनर्जी थी-- एनर्जी
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    और मै खुद से पूछ रही हूं,
    "मुझे हुआ क्या है?
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    चल क्या रहा है?"
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    और उस पल मे, मेरे बांए हेमीस्फेयर मे
    हो रहा शोर बिल्कुल शांत हो गया।
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    बिल्कुल ऐसे जैसे किसी ने रिमोट कन्ट्रोल लेकर
    म्यूट का बटन दबा दिआ हो।
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    एकदम शान्ति.
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    और पहले तो मै खुद को एक शान्त दिमाग के
    अन्दर पा कर बहुत ही आश्चर्यचकित थी।
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    पर फिर मै तुरंत मोहित हो गयी
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    अपने आस-पास की एनर्जी के अदभुत एह्सास से।
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    और क्योंकि मै अब अपने शरीर की मर्यादा
    को अब नही पह्चान पा रही थी,
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    मुझे बहुत वृहद और विशाल महसूस हुआ।
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    मुझे लगा कि मै उस सारी एनर्जी
    के साथ एक हो गयी हूं,
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    और वहां सुन्दर लग रहा था।
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    फिर अचानक से मेरा
    बांया हेमीस्फेयर वापस जाग गया
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    और यह मुझसे कहता है,
    "सुनो! यहां एक प्रोब्लम है!
  • 9:04 - 9:05
    हमें मदद लेनी चाहिए।"
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    और मै जा रही हूं,
    "आह! मुझे एक प्रोब्लम है!"
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    (हंसी)
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    तो ऐसा है, "ओके, मुझे प्रोब्लम है"
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    पर फिर अचानक से मै फिर से मै
    अपनी कौन्शियसनेस मे वापस चली गयी--
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    और मै इस स्पेस को प्यार से
    ला ला लैण्ड बोलती हूं
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    पर वो जगह सुन्दर थी।
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    इमैजिन करें कि कैसा होगा
    पूरी तरह से डिस्कनेक्ट होना
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    अपने दिमाग के उस शोरगुल से
    जो आपको बाहर की दुनिया से कनेक्ट करता है।
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    तो मै यहां इस स्पेस मे हूं,
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    और मेरी जौब , और जौब से सम्बन्धित
    सारा तनाव-- जा चुका था।
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    मुझे हलकापन महसूस हुआ अपने शरीर मे।
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    और कल्पना करें सभी रिश्तो की
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    और उनमे तनाव देने वालो की
    -- वो जा चुके थे।
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    और मुझे इस शान्ति के भाव का एहसास हुआ।
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    और कल्पना करे कि कैसा महसूस होगा अगर
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    आप 37 साल की भावनाओ का बोझ
    आपके ऊपर से हट जाए!
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    (हंसी) ओह! मुझे यूफोरिआ का एहसास हुआ--
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    यूफोरिआ.
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    खूबसूरत था यह।
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    और फिर से मेरा बांया हेमीस्फेयर
    जाग गया और बोला,
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    "सुनो! तुम्हे ध्यान देने की जरुरत है।
  • 10:07 - 10:09
    हमें मदद लेने की जरुरत है।"
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    और मै सोच रही हूं,"मुझे मदद लेने की जरुरत है।
    ध्यान देना होगा।"
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    तो मै अपने शावर से निकली और मैने कपडे पहने
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    और मै अपने अपार्ट्मेण्ट मे घूम रही हूं,
  • 10:16 - 10:20
    और मै सोच रही हूं, "मुझे काम पर जाना है।
    क्या मै ड्राइव कर सकती हूं?"
  • 10:20 - 10:21
    और उस पल में,
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    मेरी दायी बांह पूरी तरह पैरालाइज हो गयी.
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    फ़िर मुझे एहसास हुआ कि,
    "ओह माई गौड! मुझे स्ट्रोक पडा है!"
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    और फ़िर मेरा दिमाग मुझसे कहता है कि,
  • 10:31 - 10:33
    वाओ! यह कितना कूल है!
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    (हंसी)
  • 10:35 - 10:37
    यह बहुत कूल है!
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    कितने मस्तिश्क विशेषज्ञों को
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    खुद के दिमाग को अन्दर से
    समझने का अवसर मिलता है?"
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    (हंसी)
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    और फ़िर मेरे दिमाग मे आया,
    "पर मै तो बहुत ही व्यस्त महिला हूं"
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    (हंसी)
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    " मेरे पास किसी स्ट्रोक के लिए
    समय नही है!"
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    तो मैने कहा,
    "ओके, मै स्ट्रोक होने से नही रोक सकती,
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    तो मै ऐसा एक दो हफ़्तों के लिए करती हूं,
    और फ़िर मै अपने रूटीन पर वापस आ जाउंगी.ओके.
  • 10:58 - 11:00
    इस्लिए मुझे मदद बुलाने की जरूरत है.
    मुझे औफ़िस कॉल करना चाहिए।"
  • 11:00 - 11:02
    मुझे औफ़िस का नम्बर याद नही आ रहा था,
  • 11:02 - 11:06
    तो मुझे याद आया,मेरे यहां के औफ़िस मे
    एक बिजनेस कार्ड है जिसमे मेरा नम्बर है।
  • 11:06 - 11:11
    मै अपने बिजनेस रूम मे जाकर
    तीन इंच का बिजनेस कार्ड का ढेर निकाला।
  • 11:11 - 11:12
    मै ऊपर वाले कार्ड को देख रही हूं
  • 11:12 - 11:16
    जबकि मै स्पष्ट रूप से
    अपनी दिमाग की आंखो से देख पा रही थी
  • 11:16 - 11:17
    कि मेरा बिजनेस कार्ड कैसा दिखता है,
  • 11:17 - 11:20
    पर यह नही बता पा रही थी
    कि यह मेरा कार्ड है कि नही,
  • 11:20 - 11:22
    क्योंकि मुझे सिर्फ़ पिक्सल्स ही दिख रहे थे।
  • 11:22 - 11:26
    और वर्ड्स के पिक्सल्स बैकग्राउन्ड के
    पिक्सल्स और सिम्बल्स के पिक्सल्स
  • 11:26 - 11:29
    के साथ ब्लेण्ड हो रहे थे,
    और मुझे कुछ समझ नही आ रहा था.
  • 11:29 - 11:32
    और फिर जिसको मै वेव औफ़ क्लैरिटी बोलती हूं ,
    का इन्तजार कर रही थी।
  • 11:32 - 11:37
    क्योंकि उस पल मे मै खुद को सामान्य वास्त्विकता
    से दोबारा जोडने के लायक हो जाउंगी
  • 11:37 - 11:41
    और मै बता पाउंगी कि यह कार्ड नही है..
    यह कार्ड नही है।
  • 11:41 - 11:47
    मुझे उस कार्ड के ढेर मे
    एक इंच नीचे जाने मे 45 मिनट लग गये।
  • 11:47 - 11:49
    उस 45 मिनट के बीच मे,
  • 11:49 - 11:51
    मेरे बांए हेमीस्फेयर मे हेमरेज बढ रहा है।
  • 11:52 - 11:54
    मुझे नम्बर समझ नही आ रहे,
    मुझे टेलीफोन समझ नही आ रहा,
  • 11:55 - 11:56
    पर मेरे पास बस यही प्लान है।
  • 11:56 - 11:59
    इस्लिए मैने फोन पैड उठाया
    और मैने यहां रखा।
  • 11:59 - 12:01
    मैने बिजनेस कार्ड उठाया,
    मैने यहां रखा,
  • 12:01 - 12:05
    मै कार्ड पर दिख रही
    टेढी-मेढी लाइनो के शेप को
  • 12:05 - 12:08
    फोन पर दिख रही टेढी-मेढी लाइनो के
    शेप से मैच कर रही थी।
  • 12:08 - 12:11
    पर मै फिर से अपने
    ला ला लैण्ड मे पहुच गयी,
  • 12:11 - 12:15
    और याद नही मै कब वापस आयी, अगर मैने
    उन नम्बरो को पहले ही डायल कर दिआ था तो।
  • 12:15 - 12:19
    तो मुझे अपनी पैरालाइज्ड बांह को
    स्टम्प की तरह उठाकर
  • 12:19 - 12:23
    नम्बरो पर रखना पडा
    जिससे कि मै उन्हे दबा सकूं,
  • 12:23 - 12:26
    और जिससे कि मै सामान्य वास्त्विकता
    मे वापस आ सकूं,
  • 12:26 - 12:30
    मै खुद से कह सकूं कि,
    "हां मैने नम्बर डायल कर दिया है।"
  • 12:30 - 12:34
    अंतत:, पूरा नम्बर डायल हो गया
    और मै फोन को सुन रही हूं
  • 12:34 - 12:37
    और मेरा कलीग फोन उठाता है
    और वो मुझसे कहता है,
  • 12:38 - 12:39
    "वू वू वू वू". (हंसी)
  • 12:39 - 12:43
    (हंसी)
  • 12:43 - 12:45
    और मै सोचती हूं,
  • 12:45 - 12:48
    "ओह माई गौड, यह गोल्डन रिट्रीवर की तरह
    सुनाई दे रहा है"
  • 12:48 - 12:49
    (हंसी)
  • 12:49 - 12:53
    और मै उससे कहती हूं --
    याद है मुझे, मै उससे कहती हूं:
  • 12:53 - 12:54
    " जिल , मुझे मदद चाहिए! "
  • 12:54 - 12:58
    और मेरी आवाज ऐसी निकलती है,
    "वू वू वू वू."
  • 12:58 - 13:01
    मै सोच रही हूं, "ओह माई गौड,
    मै गोल्डन रिट्रीवर की तरह सुनाई दे रही हूं"
  • 13:01 - 13:03
    तो मुझे यह पता नही था
  • 13:03 - 13:06
    कि मै भाषा को ना बोल और ना ही समझ सकती थी,
    जब तक मैने प्रयास नही किया।
  • 13:06 - 13:10
    तो वह समझ जाता है कि मुझे मदद की जरुरत है
    और उसने मुझे मदद पंहुचा दी।
  • 13:10 - 13:14
    और उसके थोडी देर बाद,
    मै एक एम्बुलैन्स मे सवार हूं
  • 13:14 - 13:17
    बोस्टन के एक अस्पताल से
    [मैस्च्युसेट्स] जनरल हॉस्पिटल जाने के लिए।
  • 13:18 - 13:20
    मै एक गेंद की तरह सिकुड के लेट गयी।
  • 13:21 - 13:28
    और एक गुब्बारे की तरह
    जिसमे जरा सी बची हुई आखिरी हवा,
  • 13:28 - 13:30
    भी बाहर निकल गयी हो,
  • 13:30 - 13:35
    मुझे लगा की मेरी एनर्जी निकल चुकी हो
    और मेरी आत्मा ने आत्मसमर्पण कर दिया हो।
  • 13:36 - 13:42
    और उस पल मे, मुझे पता चल गया था कि
    अब मेरी जिन्दगी मेरे हाथ मे नही है।
  • 13:42 - 13:46
    या तो डॉक्टर मेरे शरीर को बचा सकते हैं
    और मुझे जिन्दगी मे दूसरा मौका दे सकते हैं,
  • 13:46 - 13:50
    या शायद ये मेरा मुक्ती का समय था।
  • 13:55 - 13:57
    जब मै उस दोपहर उठी,
  • 13:57 - 14:01
    मै खुद को जिन्दा पा कर आश्चर्यचकित थी।
  • 14:02 - 14:07
    जब मुझे लगा कि मेरी आत्मा ने आत्मसमर्पण कर दिया ,
    मैने अपनी जिन्दगी को अल्विदा कह दिया था।
  • 14:07 - 14:09
    और मेरा दिमाग
  • 14:09 - 14:14
    वास्त्विकता के दो बहुत ही विपरीत पहलुओ
    के बीच अटक गया था।
  • 14:14 - 14:17
    मेरे सेन्सरी सिस्टम्स से
    आते हुए स्टिमुलेशन
  • 14:17 - 14:19
    दर्द की तरह महसूस हुए।
  • 14:19 - 14:22
    रोशनी मेरे दिमाग को
    जंगल की आग की तरह जला रही थी,
  • 14:22 - 14:26
    और आवाजें इतनी तेज और शोर से भरी थी
  • 14:26 - 14:30
    कि मै किसी भी अवाज को
    पीछे के शोर से अलग नही कर पा रही थी,
  • 14:30 - 14:32
    और मै बस वहां से भाग जाना चाहती थी।
  • 14:33 - 14:38
    क्योंकि मै अपने शरीर की
    स्पेस मे पोसीशन नही समझ पा रही थी,
  • 14:38 - 14:42
    मुझे वृहद और विशाल महसूस हुआ,
  • 14:42 - 14:45
    जैसे कोई जीनी अपने चिराग से आजाद हुई हो
  • 14:47 - 14:49
    मेरी आत्मा आजाद हो गयी,
  • 14:49 - 14:55
    जैसे कोई ग्रेट व्हेल शांत उमंग से भरे
    समन्दर मे तैर रही हो।
  • 14:57 - 14:58
    निर्वाण.
  • 14:58 - 15:01
    मुझे निर्वाण की प्राप्ति हुई।
  • 15:03 - 15:04
    और मेरा यह सोचना याद है,
  • 15:04 - 15:09
    कि कोई तरीका नही है जिससे
    मै अपनी इस विशालता को
  • 15:09 - 15:11
    वापस अपने छोटे से
    शरीर के अन्दर दबा पाउंगी
  • 15:14 - 15:17
    पर फ़िर मुझे एह्सास हुआ,
    "लेकिन मै अभी भी जिन्दा हूं!
  • 15:17 - 15:20
    मै अभी भी जिन्दा हूं,
    और मुझे निर्वाण मिल गया है।
  • 15:20 - 15:24
    और अगर मुझे निर्वाण मिल गया है
    और मै अभी भी जिन्दा हूं,
  • 15:24 - 15:28
    तो वो हर एक व्यक्ति जो कि जिन्दा है
    निर्वाण पा सकता है."
  • 15:30 - 15:32
    और मैने उस दुनिया की कल्पना की
  • 15:32 - 15:38
    जो कि सुन्दर, शान्त,
    दयालु, प्यार से भरे लोग
  • 15:38 - 15:41
    जो जानते हैं कि वो इस दुनिया मे
    कभी भी आ सकते हैं।
  • 15:42 - 15:46
    और वो अपने मन से
  • 15:46 - 15:48
    अपने बांए हेमीस्फेयर के दांयी ओर
    आना चुन सकते हैं --
  • 15:50 - 15:52
    और इस शान्ति को पा सकते हैं।
  • 15:52 - 15:53
    और फिर मुझे एहसास हुआ
  • 15:53 - 15:57
    कि कितना शानदार यह तोहफ़ा हो सकता है,
  • 15:57 - 16:03
    यह कितनी महत्वपूर्ण अन्तर्द्रष्टि
    हो सकती है,हमारे जीने के तरीके के लिए।
  • 16:04 - 16:07
    और इसने मुझे दोबारा ठीक होने के लिए
    प्रोत्साहित किया।
  • 16:10 - 16:14
    हेमरेज होने के ढाई हफ़्ते बाद,
    सर्जन ने मेरे दिमाग के अन्दर से
  • 16:14 - 16:17
    गोल्फ़ बॉल के साइज का ब्लड क्लॉट हटाया
  • 16:17 - 16:19
    जो कि मेरे भाषा के केन्द्र को दबा रहा था.
  • 16:19 - 16:20
    यह मै हूं मेरी मां के साथ,
  • 16:20 - 16:22
    जो कि मेरी जिन्दगी मे
    फ़रिश्ते के रूप मे रही हैं
  • 16:24 - 16:27
    मुझे पूरी तरह से ठीक होने मे
    आठ साल लग गये।
  • 16:29 - 16:31
    तो हम कौन हैं?
  • 16:31 - 16:36
    हम विश्व के जीवन शक्ति हैं,
  • 16:36 - 16:40
    जिसके पास शारीरिक निपुणता है
    और दो बुद्धिशाली दिमाग हैं।
  • 16:41 - 16:44
    और हमारे पास ताकत है, हर पल, चुनने की
  • 16:44 - 16:47
    कि हम दुनिया मे
    कौन और क्या बनना चाहते हैं।
  • 16:48 - 16:49
    यहां, इस वक़्त,
  • 16:49 - 16:54
    मै अपने दांए हेमीस्फेयर की कॉन्शियसनेस मे
    कदम रख सकती हूं, जहां हम हैं।
  • 16:54 - 16:58
    मै जीवन शक्ति हूं विश्व की.
  • 16:58 - 16:59
    मै जीवन शक्ति हूं
  • 16:59 - 17:04
    उन ५० ट्रिलियन सुन्दर मॉलीक्युलर
    बुद्धिजीविओ की जो मेरा आकार ,
  • 17:04 - 17:06
    एक साथ मिलकर बनाते हैं।
  • 17:07 - 17:12
    या, मै अपने बांए हेमीस्फेयर की कॉन्शियसनेस
    मे कदम रखना चुन सकती हूं
  • 17:12 - 17:16
    जहां मै एक पृथक व्यक्तित्व,
    एक ठोस बन जाती हूं।
  • 17:16 - 17:19
    इस प्रवाह से अलग, आपसे अलग।
  • 17:19 - 17:21
    मै डॉ. जिल बोल्टे टेलर हूं:
  • 17:21 - 17:24
    बौद्धिक, न्यूरोएनाटोमिस्ट।
  • 17:26 - 17:30
    यह "हम" हैं मेरे अन्दर।
  • 17:31 - 17:33
    आप कौनसा चुनेंगे?
  • 17:36 - 17:37
    आप कौनसा चुनते हैं?
  • 17:39 - 17:40
    और कब?
  • 17:43 - 17:45
    मेरा विश्वास है
    जितना जादा समय व्यस्त करेंगे
  • 17:45 - 17:48
    अपने दांए हेमीस्फेयर की इनर पीस सर्किटरी
  • 17:48 - 17:50
    को चलाने मे,
  • 17:50 - 17:54
    उतनी ही ज्यादा शान्ति हम दुनिया मे
    वापस दर्शा पाएंगे,
  • 17:54 - 17:56
    और उतना ही ज्यादा शान्तिपूर्ण
    हमारा ग्रह होगा।
  • 17:57 - 18:00
    और मुझे लगा कि यह एक आइडिया था जो
    शेयर करने के लायक है।
  • 18:01 - 18:02
    धन्यवाद।
  • 18:02 - 18:05
    (तालियां)
Title:
मेरा अंतर्दृष्टि का स्ट्रोक
Speaker:
जिल बोल्ट टेलर
Description:

जिल बोल्टे टेलर को ऐसी रिसर्च का अवसर मिला जिसकी कामना कुछ ही मस्तिष्क विशेषज्ञ करेंगे:
उनको एक बडा स्ट्रोक पडा, और उन्होंने अपने मस्तिष्क की सभी क्षमताओ -चलना, बोलना, आत्म जागरूकता -- को एक-एक करके खोते पाया. एक अद्भुत कहानी.

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English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
18:21
Omprakash Bisen approved Hindi subtitles for My stroke of insight
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for My stroke of insight
Arvind Patil edited Hindi subtitles for My stroke of insight
Arvind Patil edited Hindi subtitles for My stroke of insight
Lipi Gupta edited Hindi subtitles for My stroke of insight
Lipi Gupta edited Hindi subtitles for My stroke of insight
Lipi Gupta edited Hindi subtitles for My stroke of insight
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