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हाय ,मैं हरि श्रीनिवासन हूँ,
स्वागत है ,take on fake में
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हमारा मकसद है आपको बताना
कि क्या सच है और क्या नहीं।
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लेकिन कई लोगों की तरह ,हमारा मकसद,
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हमारा लक्ष्य,हमारे इरादे,
कोरोना वाइरस की वजह से
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सब एकदम बदल गए हैं।
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तो मैं आपसे बात कर रहा हूँ
अपने शानदार स्टुडियो से
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जो मेरे घर में है।
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यह बात मेरे लिए बिलकुल नई है,
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हम सब के लिए बिलकुल नई है।
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लेकिन अब हमारा लक्ष्य
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पहले से भी कहीं अधिक अहम है
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क्योंकि कोरोना वाइरस के बारे में ऑनलाइन
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बहुत गलत जानकारी मौजूद है।
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तो हम आपके लिए कोरोना वाइरस
से जुड़ी झूठी और गलत
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खबरों के कुछ उदाहरण लाने की कोशिश करेंगे,
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और क्या असली है और नकली,यह पता
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करने में आपकी मदद करेंगे।
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सबसे पहले जो बात हमें मालूम हुई उसके
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मुताबिक मेरी एक socially distancing producer ने
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10 सेकंड तक सांस रोक के रखी थी
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है न,Erin Mclntyre,
क्या बात थी?
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आपने अपनी सांस क्यों रोकी थी ?
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मैं फ़ेस बुक देख रही थी,
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और लोगों की तरह,
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कोरोनावाइरस पर जानकारी की
तलाश में।
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और मेरी एक दोस्त ने एक लिस्ट शेयर की
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जो स्टैनफोर्ड से शायद थी, उसमें कई टिप्स ,
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उन बातों से जुड़ी जिन्हें करके
हम अपना एक्स्पोज़र कम कर सकते हैं,
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या पता कर सकते हैं कि हमें हुआ तो नहीं।
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तो उनमें एक बात थी कि आपको
10 सेकंड तक सांस रोकनी थी,
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और अगर आप 10 सेकंड तक सांस रोकने
में सफल हो पाते,तो
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इसका मतलब था कि,यह आपके फेफड़े के
अंदर ज़िंदा नहीं है।
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hhhhhh
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लेकिन अगर नहीं कर पाते,
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और 10 या 5सेकंड के पहले सांस
लेने लगते,
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तो उसका मतलब है,कि शायद
आपको हो गया है।
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तो,मैंने सच में अपने पति के पास
काउच पर बैठ कर ,
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10 सेकंड तक सांस रोकी,
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और फिर उनको देखा और कहा,
हे,आपने यह लिस्ट देखी क्या?
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यह बात साईंटिफ़िक तो नहीं लगती ,
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और मुझे यकीन है कि कोई
भी समझदार डॉक्टर
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आपको बता सकता है कि यह सही नहीं है।
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जब मैं लिस्ट पढ़ रही थी,
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तो उसमें लिखा था,हर 15 मिनट के बाद
पानी पियो
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ताकि वाइरस आपके पेट में जा सकें,
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जहां आपके पेट का एसिड उसे
नष्ट कर देगा।
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और तब मैंने सवाल करना
शुरू किया।
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hmmmmm
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लेकिन उन्होने आपसे कुछ नया करवा ही लिया।
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अगर आपने इनमें से किसी ईमेल
को आगे भेजा,
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या इन जादुई इलाज में से किसी को
आज़माया ,तो भी आप मूर्ख नहीं हैं,
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यह आम बात है,इंसान का स्वभाव है,
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कि वो उन बातों को किसी तरह से काबू
करना चाहता है,
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जो उसके काबू से बाहर लगती हैं।
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लेकिन याद रखिए,कि जैसे ,कॉपी
पेस्ट करना बहुत आसान है,
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उसी तरह,किसी चीज़ का टेक्स्ट बदलना
भी बहुत आसान है।
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यह असल में उतना मुश्किल नहीं,
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उस बात के बारे में कुछ सही जानकारी जुटाना
जिसका आप भरोसा कर सकें।
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असल में,factcheck.org पर एक piece है,
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इस पूरे स्टैनफोर्ड हॉस्पिटल बोर्ड
जैसी चीजों चेक करता है,
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हर एक लाइन को
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वो विश्व स्वास्थ्य संगठन और CDC से
जानकारी लेते है,
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और टेंपल यूनिवरसिटि के मेडिकल
प्रोफेशनल से उसकी विस्तृत चर्चा करते हैं।
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ऑनलाइन वायरल पोस्ट अक्सर हानि रहित होती हैं।
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लेकिन बात अगर हमारे स्वास्थ्य की हो,
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खास कर ऐसे समय में,
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जब कि लोग जानकारी तलाश रहे हैं,
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यह बातें बहुत खतरनाक हो सकती है।
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एक पोस्ट मैं लिखा था कि अल्कोहोल
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से कोरोना वाइरस का फैलना कम किया
जा सकता है।
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जबकि असल में इसकी वजह से
ईरान में दर्जनों मौत हुईं।
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तो अगर आप ऑनलाइन कुछ ऐसा देखते हैं,जिस पर
आपको शक़ होता है,
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तो उसे हमें भेजिये।
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शायद हमारी टीम उसका बेहतर पता लगा सके।
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मैं हरि श्रीनिवासन हूँ,
यह है take on fake।
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अगली मुलाक़ात तक
झूठी खबर मत फैलाये।
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सच बताइये।
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hmmm
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हे,मैं हूँ हरि। Take on fake के इस
एपिसोड को देखने के लिए शुक्रिया।
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आप अपने ख्याल लिख भेजिये
नीचे comments में ,
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और अगर आप जानना चाहते हैं कि
अगला एपिसोड कब आएगा,
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तो आप उस के लिए सबस्क्राइब
भी कर सकते हैं।