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यह एक-खुराक वाली नई Covid-19 टीका है,
जोकि Johnson & Johnson की ओर से है।
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मार्च की शुरुआत में,
6,000 से अधिक खुराकें
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शिप की जानी थीं
डेट्रॉइट शहर को।
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पर मेयर ने मना कर दिया।
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“Moderna और Pfizer सबसे अच्छे हैं।
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और मैं
वह सब कुछ कर सकता हूँ
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यह सुनिश्चित करने के लिए कि
डेट्रॉइट शहर के निवासियों को सबसे अच्छा मिले।"
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वे इन आंकड़ों का जिक्र कर रहे थे:
इन टीकों की "प्रभावोत्पादकता दरें"।
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Pfizer/BioNTech के टीके और
Moderna की प्रभावकारिता दरें सबसे अधिक है:
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95 और 94 प्रतिशत।
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लेकिन Johnson & Johnson की?
सिर्फ 66%।
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और अगर आप केवल ये ही आकड़ें देखते हैं,
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तो यह सोचना स्वाभाविक है कि
कि ये टीके
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इन से बदतर हैं।
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लेकिन वह धारणा गलत है।
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ये आकड़ें यहां तक कि तार्किक रूप से
इस बात का सबसे महत्वपूर्ण पैमाना नहीं होते
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कि ये टीके
कितने प्रभावी हैं।
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क्या है यह समझने के लिए,
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आपको पहले यह समझना होगा कि
टीके करते क्या हैं।
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टीका की प्रभावकारिता दर
बड़े नैदानिक परीक्षणों में निर्धारति होती है,
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जब टीके का परीक्षण दसियों हजार लोगों पर
किया जाता है।
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उन लोगों को दो समूहों में बाँटा जाता है:
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आधों को टीका मिलती है,
और आधों को प्लेसिबो।
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फिर, उन्हें अपना जीवन
व्यतीत करने के लिए भेजा जाता है,
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जबकि वैज्ञानिक देखते हैं कि
क्या कई महीनों से उन्हें Covid-19 हुआ है।
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Pfizer/BioNTech के परीक्षण में,
उदाहरण के लिए, 43,000 प्रतिभागी थे।
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अंत में, 170 लोग
Covid-19 से संक्रमित थे।
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और ऐसे लोग कैसे
इन समूहों में शामिल होते हैं,
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वह टीका की प्रभावकारिता को निर्धारित करता है।
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अगर 170 को समान रूप से विभाजित किया गया हो,
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तो इसका मतलब होगा कि आपके
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बीमार होने की संभावना होती है
जैसे कि बिना टीके के।
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अतः, इसमें प्रभावकारिता 0% होगी।
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अगर सभी 170 प्लेसिबो समूह में थे,
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टीका लेने वाले व्यक्तियों का
बीमार होना शून्य था,
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तो उसे टीके
की प्रभावकारिता 100% होगी।
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इस विशेष परीक्षण के साथ,
प्लेसिबो समूह में 162 थे,
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टीके के समूह में
बस आठ।
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इसका मतलब टीका लेने वालों की
Covid-19 पाने की 95% कम संभावना थी।
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इस टीके की 95% प्रभावकारिता थी।
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अब, इसका मतलब नहीं है कि
यदि 100 लोगों को टीका लगाया जाता है,
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उनमें से 5 ज़्यादा बीमार होंगे।
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इसके बजाय, यह कि 95% संख्या
यह व्यक्ति पर लागू होता है।
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तो, टीका लेने वाले हर
व्यक्ति के बीमार होने की संभावना
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टीका न लेने वाले के
बीमार होने की संभावना
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कोविड-19 का सामना करने के हर बार
95% कम होती है।
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और हर टीके की प्रभावकारिता दर
की गणना भी उसी तरह से की जाती है।
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लेकिन हर टीका का परीक्षण
बहुत ही अलग परिस्थितियों में किया जा सकता है।
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"तो, एक
सबसे बड़ी बात होती है,
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जब हम इन आकड़ों को देखते हैं,
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समय, जब
नैदानिक परीक्षण किए गए थे।"
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यह संख्या है अमेरिका में
रोजाना Covid-19 मामलों की,
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जब से महामारी शुरू हुई थी।
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Moderna परीक्षण पूरी तरह से अमेरिका में
किया गया, गर्मियों में।
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Pfizer/BioNTech परीक्षण मुख्यतः
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अमेरिका में किया गया था, वह भी
उसी समय पर।
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फिर भी, Johnson & Johnson ने
अपना अमेरिकी परीक्षण तब आयोजित किया,
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जब प्रतिभागियों के
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संक्रमण होने की
ज़्यादा संभावना थी।
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और उनके अधिकतर परीक्षण
अन्य देशों में किये गए,
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मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील में।
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और इन अन्य देशों में,
न केवल केस दरें अधिक थीं,
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बल्कि वायरस खुद अलग था।
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ये परीक्षण तब किए गए,
जब Covid-19 के विविध रूप सामने आये,
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और इन देशों में
प्रमुख संक्रमण बन गए;
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जिनसे प्रतिभागियों के
बीमार होने की संभावना अधिक थी।
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दक्षिण अफ्रीका में,
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जॉनसन एंड जॉनसन परीक्षण के
अधिकांश मामले उस प्रकार के थे,
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न कि मूल प्रकार, जो
गर्मियों में अमेरिका में था।
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और इसके बावजूद, इसने
काफी हद तक संक्रमण को कम कियाहै।
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"यदि आप किसी भी समय
एक-एक आमने-सामने
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इन टीकों के बीच
तुलना करते हैं, तो उनका अध्ययन
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एक ही परीक्षण में
करने की आवश्यकता है,
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उन्हीं समावेशन मापदंडों के साथ,
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जो विश्व के उन्हीं भागों में किया गया,
एक ही समय पर।
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"यदि हमें
Pfizer और Moderna टीकों को लेना था,
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और अपने नैदानिक परीक्षण
उसी समय फिर से करने थे,
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जब हमने J&J का नैदानिक परीक्षण को देखा,
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हम उनके लिए
बिलकुल अलग प्रभावकारिता देख सकते हैं।"
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ये प्रभावकारिता
आकड़ें वास्तव में आपको बताते हैं
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कि हर टीके के परीक्षण में
क्या हुआ था,
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नहीं बताते हैं कि वास्तविक
दुनिया में क्या होगा।
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लेकिन कई विशेषज्ञ
तर्क देते हैं कि यह
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किसी टीके को आँकने का
सबसे अच्छा नहीं है।
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क्योंकि सबको किसी संक्रमण से रोकना
टीके का उद्देश्य नहीं है।
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"किसी Covid-19 टीका कार्यक्रम का लक्ष्य
आवश्यक रूप से
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यह नहीं है कि
'कोविड शून्य' बनाना है,
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लेकिन वायरस को कमज़ोर करना है,
उसे प्रभावित करना है,
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गंभीर रोग पैदा करने, अस्पताल में भर्ती और
मृत्यु का कारण बनने के उसके सामर्थ्य को ख़त्म करना है।"
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इससे Covid-19 का सामना होने के
अलग-अलग परिणामों
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को देखा जा सकता है, जैसे कि:
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सबसे अच्छा तो यह होगा कि,
तो आप बीमार ही न पड़ें।
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सबसे खराब स्थिति है मृत्यु।
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बीच में, अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं,
तीव्र-से-औसतन लक्षण,
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या फिर किसी लक्षण का ना होना।
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सबसे अच्छी
परिस्थितियों में,
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टीके आपको सुरक्षा देते हैं
यहाँ तक।
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लेकिन वास्तव में, Covid-19 टीकों का
प्रमुख उद्देश्य यह नहीं है।
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असली उद्देश्य आपके शरीर को
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इन संभावनाओं के प्रति पर्याप्त सुरक्षा
देना,
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इसलिए, अगर आप संक्रमित होते हैं,
तो सर्दी जैसी हालत होती,
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न कि
अस्पताल में भर्ती कराने की।
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और यह एक ऐसी बात है कि इनमें से
हर कोई Covid-19 टीका देती है।
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इन सभी परीक्षणों में, प्लेसिबो समूहों के
कुछ लोग अस्पताल में भर्ती हुए,
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और यहाँ तक कि Covid-19 से उनकी मृत्यु तक हुई,
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और इन परीक्षणों में से
टीका लेने वाला एक भी प्रतिभागी, अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ
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या न ही उसकी Covid-19 से मृत्यु हुई।
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"एक चीज जो मैं चाहता हूं कि मेयर
समझे होंगे
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कि मृत्यु से बचाने में इन तीनों
टीकों की प्रभावकारिता
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आवश्यक रूप से
100% है।"
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डेट्रॉइट के मेयर ने
अपनी बात बदल दी
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और कहा कि वे
Johnson & Johnson की खुराक लेंगे,
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क्योंकि यह अब भी "अति प्रभावी" है,
जिसकी हम अधिक परवाह करते हैं।"
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प्रभावकारिता मायने रखती है।
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लेकिन यह सब से अधिक नहीं है।
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प्रश्न यह नहीं है कि टीका
आपको कोविड संक्रमण से नहीं बचाता,
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पर यह आपको जीवित रखेगा?
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या फिर अस्पताल से बाहर?
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कौनसी चीज़ इस महामारी को खत्म करने में मदद करेगी?
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और यही तो एक बात है।
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"अभी आपके लिए सही टीका वह है,
जो आपको दी जा रही है।"
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"प्रत्येक टीके के साथ, जो
किसी की भुजा के अन्दर जाती है,
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हम इस महामारी के अंत के
और करीब जाते हैं।”