अफ़्रीका में व्यवसाय शुरू करना मुश्कील क्यों है -- और उसे कैसे बदला जाए
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0:01 - 0:05आज, मैं आप सभी को
एक किस्सा बताना चाहूँगी, -
0:05 - 0:08यह चीज़ दरहसल चार हफ़्ते पहले हुई।
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0:08 - 0:14मुझे ऐसा कुछ बोला गया
जो मैंने कभी न सोचा था, -
0:14 - 0:15कि कोई आकर मुझे बोलेगा।
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0:17 - 0:21और उस बात को सुनकर, मेरा दिल टूट सा गया।
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0:22 - 0:25और साथ ही साथ,
मेरे अंदर एक उम्मीद सी जगी। -
0:26 - 0:31और इस अनुभव से
उस विषय की ओर मेरी प्रतिबद्धता बढ़ी -
0:31 - 0:34जिसके बारे में आज मैं आप सब से बात करूँगी।
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0:34 - 0:40मैं सबको यह कहती हूँ
कि मैं डरी हुई सी हूँ। -
0:40 - 0:44मुझे सबसे सबसे ज़्यादा डर
कुछ विचित्र कहानियों को सुनकर लगता है, -
0:44 - 0:47कहानी के बाद कहानी, फिर एक और कहानी,
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0:47 - 0:52नौजवानों की, मेरे लोगों की,
मेरे जैसे लोगों की -
0:53 - 0:57जो समुद्र पर मर रहे हैं, अभी,
समुद्र के सबसे निचले हिस्से में, -
0:57 - 0:59जैसे मछली का चारा हो।
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1:01 - 1:04क्या आपको सच में लगता है
हम उस्सी के लायक हैं? -
1:04 - 1:05मछली के चारा बनना?
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1:06 - 1:09और कुछ ऐसे लोग हैं जो यूरोप
विस्थापित होना चाहते हैं -- -
1:09 - 1:11क्योंकि अब सब उस्सी के बारे में है,
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1:11 - 1:13वे नौकरी के लिए
यूरोप विस्थापित होना चाहते हैं। -
1:13 - 1:14लीबिया के बारे में।
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1:15 - 1:19आपको पता है जब हम लीबिया को पार करके
जाने की कोशिश करते हैं -
1:19 - 1:20और वहाँ अटक जाते हैं?
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1:20 - 1:23हमें घुलाम बनाकर बेच दिया जाता है।
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1:24 - 1:28300 डॉलर के लिए,
कभी कभी 500 डॉलर के लिए। -
1:31 - 1:35कभी कभी मैं हवाई जहाज़ से
गिरते शवों के बारे में सुनती हूँ। -
1:36 - 1:39कभी कोई हवाई जहाज़ के
किसी हिस्से में छुपा, -
1:39 - 1:41या सामान वाली जगह में छुपा,
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1:41 - 1:43और फिर वह इंसान मारा हुआ मिले।
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1:44 - 1:48क्या आप मेरी तरह डरेंगे नहीं,
कि आपको बचपन से ही -
1:48 - 1:51ऐसी कहानियाँ सुनने को मिले,
और ऐसे किससे बार बार -
1:51 - 1:52दोहराए जाएँ?
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1:52 - 1:54क्या आपको डर नहीं लगेगा?
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1:54 - 1:55मुझे बहुत लगता है।
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1:56 - 1:58और साथ ही साथ,
जैसे जैसे मेरे लोग मर रहे हैं, -
1:58 - 2:00मेरी संस्कृति भी मर रही है।
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2:00 - 2:01जी, मैंने सही कहा।
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2:01 - 2:03क्योंकि हमें एक सांस्कृतिक न्यूनता
महसूस होती है, -
2:03 - 2:07जिसका मतलब है कि जो कुछ भी
हमारी तरफ़ से आए वह उतना अच्छा नहीं है। -
2:07 - 2:08लेकिन, मेरे लिए,
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2:08 - 2:13और क्योंकि मुझे कृति से आलोचना करना
सिखाया गया था। -
2:13 - 2:16मेरे पिता कहते, "मेरे पास समस्या लेकर
तब तक मत आना -
2:16 - 2:18जब तक तुमने खुद समाधान न सोचे हो।
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2:18 - 2:19उनका सही होना ज़रूरी नहीं,
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2:19 - 2:22बस इतना कि तुमने उसके बारे में
"खुद कुछ सोचा। -
2:22 - 2:26मेरा ज़िंदगी तरफ़ यह रवईया है - कि
अगर कोई समस्या है, तो उसका समाधान ढूँढो। -
2:26 - 2:28तो इसलिए मैं वे व्यापार शुरू करती हूँ,
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2:28 - 2:30अधिकतम वे ग्राहक ब्रांड,
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2:30 - 2:33जिनमें अफ्रीकन संस्कृति की
सबसे बेहतरीन झलकियाँ हैं। -
2:33 - 2:38सब पैकेज किया गया होता है,
21वी सदी का, विश्वस्तरीय मानक वाला, -
2:38 - 2:42और मैं वे सब दुनिया के
सबसे परिष्कृत बाज़ार में लाती हूँ, -
2:43 - 2:44जो अमेरिका है।
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2:45 - 2:47पहली कंपनी एक पेय पदार्थों की थी,
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2:47 - 2:50दूसरी त्वचा की देखबाल करने वाली,
तीसरी वाली का प्रक्षेपण अगले महीने है, -
2:50 - 2:52और सब में यही समानता है।
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2:54 - 2:57तो यह लोग छोड़ कर क्यों जाते हैं?
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2:57 - 3:00क्योंकि उनके पास कोई नौकरी नहीं है।
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3:01 - 3:04क्योंकि वे जहाँ हैं,
वहाँ नौकरियाँ नहीं है। -
3:04 - 3:05तो ...
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3:06 - 3:13लेकिन गरीबी, जो उनपर प्रभाव डालती है,
वही छोड़कर जाने का मुक्य कारण है। -
3:13 - 3:15अब, लोग गरीब क्यों है?
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3:15 - 3:17लोग गरीब हैं
क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है। -
3:17 - 3:20पैसा इसलिए नहीं है क्योंकि
आमदनी का कोई स्त्रोत नहीं है। -
3:20 - 3:22अधिकतम लोगों के लिए,
आमदनी का स्त्रोत क्या है? -
3:22 - 3:25हम जैसे लोगों के लिए
आमदनी का स्त्रोत, क्या है, बताइए? -
3:25 - 3:26नौकरियाँ, धन्यवाद।
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3:26 - 3:28नौकरियाँ कहाँ से आती हैं?
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3:29 - 3:30कहाँ से आती हैं?
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3:32 - 3:34व्यवसाय से, धव्यवाद।
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3:34 - 3:38तो अगर नौकरियों से गरीबी मिटाई जा सकती है,
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3:38 - 3:41और नौकरियाँ व्यवसाय से आती हैं,
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3:41 - 3:42तो क्या आपको नहीं लगता --
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3:42 - 3:45खासकर, वे नौकरियाँ छोटी और माध्यम स्तर
के व्यवसायों में मिलती हैं -- -
3:45 - 3:47तो क्या आपको एक क्षण
के लिए नहीं लगता, -
3:47 - 3:52कि हमें एक छोटे व्यवसायी के लिए
व्यवयास खोलने को -
3:52 - 3:54आसान बनाने पर ध्यान देना चाहिए?
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3:54 - 3:56क्या आपको नहीं लगता?
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3:56 - 3:59ऐसा क्यों है कि जब भी मैं विश्व बैंक के
व्यवसाय करने की श्रेणी -
3:59 - 4:00को देखती हूँ,
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4:00 - 4:03जो दुनिया के हर देश को
व्यवसाय खड़ा कर पाने की -
4:03 - 4:05आसानी और कठिनता के आधार पर
एक पद देते हैं, -
4:05 - 4:08आप मुझे बताएँ कि क्यों अफ्रीकन देश,
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4:08 - 4:09सारे के सारे 50,
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4:10 - 4:12उस श्रेणी में आखरी पदों पर हैं?
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4:15 - 4:16हम इसलिए ही गरीब हैं।
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4:16 - 4:19हम गरीब इसलिए हैं
क्योंकि हमारे इन देशों में -
4:19 - 4:22व्यवसाय करना
नामुमकिन के बराबर है। -
4:22 - 4:25पर मैं आपको बताऊँगी कि इसका मतलब
असल में मेरे जैसे लोगों के लिए -
4:25 - 4:26क्या होता है।
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4:26 - 4:28मेरे पास सिनेगल में एक
औद्योगिक सुविधा है। -
4:28 - 4:33क्या आपको पता है कि जो भी कच्ची सामग्री
मुझे यहाँ नहीं मिलती, -
4:33 - 4:36मुझे बाहर से आने वाली हर चीज़ के लिए
45% कर देना पड़ता है? -
4:36 - 4:38पैतालीस प्रतिशत कर।
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4:39 - 4:42क्या आपको पता है कि,
मेरे उत्पादन को -
4:42 - 4:44अमेरिका भेजने के लिए भी
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4:44 - 4:46मुझे अच्छा गत्ता भी नहीं मिलता ?
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4:46 - 4:47नामुमकिन।
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4:47 - 4:50क्योंकि विभाजित करने वाले
अपना व्यवसाय यहाँ करने -
4:50 - 4:51नहीं आने वाले,
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4:51 - 4:53क्योंकि उनके लिए भी मतलब नहीं बनता।
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4:53 - 4:56तो अब मुझे 3000 डॉलर के मूल्य का गत्ता
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4:56 - 4:58अपने गोदाम में रखना पड़ता है,
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4:58 - 5:00क्योंकि वह पाँच हफ़्तों में
एक बार मिलता है। -
5:00 - 5:04हम सबसे ज़्यादा बेतुके नियमों के कारण
बंधे से हुए हैं। -
5:05 - 5:07इसलिए हम व्यवसाय नहीं चला पा रहे।
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5:07 - 5:10यह चाशनी में तैरने के बराबर है।
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5:10 - 5:13तो, इसके बारे में क्या किया जाए?
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5:14 - 5:18मैंने आपको बताया कि किसी ने मुझे
वे शब्द कहे जो मुझे प्रभावित कर गए, -
5:18 - 5:22क्योंकि मैंने वही चीज़ सिनेगल में
अपने कर्मचारियों को समझाई। -
5:22 - 5:24और उनमें से एक रोने लग गई --
उसका नाम याहारा है। -
5:24 - 5:25वह रोने लग गई।
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5:25 - 5:27मैंने पूछा, "क्यों रो रही हो?"
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5:27 - 5:30उसने कहा, "कि मैं इसलिए रो रही हूँ
क्योंकि मुझे यकीन होने लगा था -- -
5:30 - 5:33हमेशा हमें गरीबों की तरह देखा जाता है --
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5:33 - 5:37मुझे यकीन होने लगा था, कि शायद,
हाँ, शायद हम अवर हैं। -
5:37 - 5:39नहीं तो ऐसा क्यों होता है
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5:40 - 5:42कि हम हमेशा ही
भीक मांगने की स्तिथि में होते हैं? -
5:43 - 5:44वही सुनके मेरा दिल टूट गया।
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5:44 - 5:46पर उसने उसी वक़्त कहा
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5:46 - 5:49वही जो मैंने आपको अभी अभी समझाया,
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5:49 - 5:51उसने कहा "पर अब मुझे पता है
कि मैं समस्या नहीं हूँ।" -
5:51 - 5:54जिस तरह के वातावरण में मैं रहती हूँ,
वह मेरी समस्या है।" -
5:54 - 5:56मैंने कहा, "हाँ।"
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5:56 - 5:58और उसी से मेरे अंदर उम्मीद जगी --
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5:58 - 6:02कि एक बार लोग समझ गए,
वे ज़िंदगी की ओर अपना नज़रिया बदल देते हैं। -
6:02 - 6:04तो हमारे पास क्या समाधान हैं?
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6:04 - 6:06अगर नौकरियाँ समाधान हैं,
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6:06 - 6:09तो क्या इन सारे देशों का
व्यवसायी वातावरण -
6:09 - 6:11और सरल नहीं होना चाहिए?
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6:11 - 6:13आपको नहीं लगता?
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6:13 - 6:14और आपके साथ साथ,
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6:14 - 6:17मैं चाहूँगी कि उन 50 देशों में से
आपके जितने भी दोस्त हैं -
6:17 - 6:20वे सब भी यह ही करें।
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6:20 - 6:22आप वह करें, बाकी हम पर छोड़ दें।
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6:22 - 6:24मैं अपना फ़र्ज़ निभा रही हूँ,
आप क्या कर रहे हैं? -
6:24 - 6:25(तालियाँ)
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6:25 - 6:27आप क्या कर रहे हैं?
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6:27 - 6:29(तालियाँ)
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6:29 - 6:30आप क्या कर रहे हैं?
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6:30 - 6:31(तालियाँ)
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6:31 - 6:33और आप सब के लिए,
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6:33 - 6:35मैं दो चीज़ें कहना चाहूँगी।
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6:35 - 6:36इसमें हिस्सा लीजिए,
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6:36 - 6:39अपने आप को शिक्षित कीजिए,
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6:39 - 6:40अपने आस पास जागरूकता बनाइए,
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6:40 - 6:43और फिर ई-सरकारी समाधानों
के लिए अधिवक्ता करें। -
6:43 - 6:46उसने कहा, "ओ, भ्रष्टाचार,
हम उसके खिलाफ़ कैसे लड़ें?" -
6:46 - 6:48मैं आपको यह ही बताना चाहूँगी,
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6:48 - 6:51कि हाँ, यह आप खुद से कर सकते हैं।
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6:51 - 6:54आपको किसी के
बोलने की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। -
6:54 - 6:55एक ही बात है,
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6:55 - 6:58कि आपको किसी और के लिए
इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं, तो खुद करो। -
6:58 - 7:01वरना मुझे आके यह मत कहो कि
आपको भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ना है। -
7:01 - 7:04आप और श्रेणी के निचले 50 देशों में से
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7:04 - 7:06आपके 50 दोस्त।
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7:06 - 7:08भ्रष्टाचार से ऐसे लड़ते हैं।
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7:08 - 7:12अगर आप बाहर से आने वाले कच्चे माल के लिए
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7:12 - 7:1345 प्रतिशत की जगह मुझसे
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7:13 - 7:145 प्रतिशत का कर मांगते,
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7:14 - 7:17तो क्या आपको वाकई लगता है कि
मुझे रिश्वत देनी पड़ती? -
7:17 - 7:19इसलिए भ्रष्टाचार होता है।
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7:19 - 7:23बेकार, बेतुके, बकवास कानून।
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7:23 - 7:26(तालियाँ)
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7:26 - 7:27हैं न?
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7:27 - 7:32(तालियाँ)
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7:32 - 7:34आपको भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है?
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7:34 - 7:35तो यह करो।
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7:35 - 7:38और याद रखें, आपको किसी के लिए
इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं। -
7:38 - 7:39आप वह खुद कर सकते हैं।
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7:39 - 7:42अगर आपमें कोई संप्रभुता नहीं है,
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7:42 - 7:44तो वह खुद में एक समस्या है
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7:44 - 7:51तो अब,
मैं अब अपने लीडर्स से कुछ कहना चाहूँगी। -
7:52 - 7:53यह दो तरफ़ जा सकता है।
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7:54 - 7:56या तो बुरी तरह से,
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7:56 - 7:58क्योंकि हमारे पास हज़ारों
नौजवान हैं -
7:58 - 8:01जो कि उभर रहे हैं,
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8:01 - 8:04और अगर उनके पास ज़िंदगी में
कुछ करने के लिए न रहे, -
8:04 - 8:06तो वे क्रांति पे उतर आ सकते हैं।
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8:06 - 8:07वे हिंसा का माध्यम अपनाएँगे।
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8:08 - 8:09और हम ऐसा बिलकुल नहीं चाहेंगे।
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8:09 - 8:10बिलकुल भी नहीं।
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8:11 - 8:12तो यह इस तरह से हो सकता है।
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8:12 - 8:14या फिर दूसरा रास्ता यह है,
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8:14 - 8:17कि यह सब शांतिपूर्वक, ऊर्वर्तापूर्वक,
और अच्छाई से हो सकता है, -
8:17 - 8:20और आप वह सब करें जो ज़रूरी है,
मुझसे भी आगे बढ़िए, -
8:20 - 8:23मुझ जैसे लोगों को हमारा काम करने दें,
हम वे सारी नौकरियाँ खड़ी करें, -
8:23 - 8:27और अफ़्रीका एक समृद्ध देश बनेगा
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8:27 - 8:30जिसके वह लायक है,
और हमेशा से होना चाहिए था। -
8:30 - 8:33यह संभव है, सब खुश होंगे,
ज़िंदगी बेहतर हो जाएगी। -
8:33 - 8:34दो रास्ते हैं --
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8:34 - 8:37या हिंसा अपनाओ
या शांतिपूर्वक, ऊर्वर्तापूर्वक रास्ता। -
8:38 - 8:39मुझे दूसरा वाला रास्ता चाहिए।
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8:39 - 8:41हमें कभी भी यह सोचना नहीं पड़ना चाहिए,
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8:41 - 8:44कि अगर हम वह रास्ता न अपनाएँ तो क्या होगा।
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8:44 - 8:45तो मेरी बात मानिए।
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8:45 - 8:46अब समय आ गया है।
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8:46 - 8:50एक ऐसा दृश्य -- समृद्धि,
खुशहाली, बढ़ते इंसान -- -
8:50 - 8:52अगर हम अपना काम करें तो सब ऐसा ही होगा।
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8:52 - 8:53धन्यवाद।
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8:53 - 8:55(तालियाँ)
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8:56 - 8:57धन्यवाद।
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8:57 - 8:58(तालियाँ)
- Title:
- अफ़्रीका में व्यवसाय शुरू करना मुश्कील क्यों है -- और उसे कैसे बदला जाए
- Speaker:
- मेगाट वेड
- Description:
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बहुत सी अफ्रीकन देश एक सरल कारण के लिए ग़रीब हैं, मेगाट वेड कहती हैं: सरकारों ने व्यवसाय बनाने और चलने के रास्ते में बहुत सारी अड़चनें खड़ी की हैं। इस आवेशपूर्ण टॉक में, वेड उनके महाद्वीप में व्यवसाय चलाने की चुनौतियों के बारे में बताती हैं और उपाय भी बताती हैं। साथ में वे लीडरों को अपना कर्तव्य निभाने के लिए भी प्रोत्साहित करती हैं।
- Video Language:
- English
- Team:
closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:12
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