गलत सूचना नस्लवाद और विदेशीजन भीति को कैसे जन्म देती है?
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0:00 - 0:04नमस्ते, मैं हरि श्रीनिवासन टेक ऑन फेक के
दूसरे संस्करण में आपका स्वागत करता हूं। -
0:04 - 0:08इस कड़ी में एक नजर डालते हैं बढ़ती हुई
विदेशीजन भीति (ज़ीनोफ़ोबिया) -
0:08 - 0:11और एशियाई मूल के लोगों के प्रति
बढ़ती नस्लीय घृणा पर। -
0:11 - 0:15इन सब का कारण है कोरोनावायरस
के विषय में गलत जानकारी। -
0:15 - 0:18चलिए जनवरी 2020 के अंत की ओर
मुड़कर देखें, -
0:18 - 0:22जब संपूर्ण विश्व कोविड-19 क्या है
यह जानने का प्रयास कर रहा था। -
0:22 - 0:25यूट्यूब पर एक वीडियो
फिर से उभर आया। -
0:25 - 0:27उसका शीर्षक था:
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0:27 - 0:30"क्या आप चमगादड़ का मांस और
शोरबा खाने से बीमार पड़ जाते हैं ?" -
0:30 - 0:34यह कई जगहों पर दिखाई दिया जैसे कि यहां
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0:34 - 0:35और यहाँ
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0:35 - 0:36और यहाँ भी।
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0:36 - 0:40टिप्पणी करने वालों ने सिर्फ़ वीडियो में
दिख रही महिला पर ही धावा नहीं बोला -
0:40 - 0:44बल्कि उन्होंने चीनी लोगों की हर बात
पर हमला किया: -
0:44 - 0:46उनके खान-पान, उनकी संस्कृति।
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0:47 - 0:50यह वीडियो चीन में फिल्माया भी नहीं गया था।
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0:50 - 0:53न ही इसे कोरोनावायरस के समय फिल्माया
गया था। -
0:54 - 0:58इसे तीन वर्ष पूर्व पलाऊ के पैसिफिक आइलैंड
में फिल्माया गया था। -
0:58 - 0:59यह कौन जानता है?
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0:59 - 1:03वह यात्रा व्लॉगर जिसने इसे बनाया,
वांग मेंग युन, -
1:03 - 1:07यह उदाहरण गलत जानकारी के एक बड़े स्वरूप
का हिस्सा है -
1:07 - 1:10जहां लोग बातों को मुद्दे से भटका देते हैं।
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1:10 - 1:11कोई भला ऐसा क्यों करेगा?
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1:11 - 1:16क्योंकि, ऐसा ऑनलाइन करने से
एक बड़ी प्रतिक्रिया मिलती है । -
1:16 - 1:21जितना अधिक भावुक और कड़वा पोस्ट होगा
उतने ज़्यादा लोग उसे पड़ेंगे हैं, -
1:21 - 1:23यानी अधिक टिप्पणियाँ।
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1:23 - 1:24यानी अधिक क्लिक।
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1:24 - 1:26इसका मतलब कभी-कभी अधिक विज्ञापन भी होता है।
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1:27 - 1:30दुर्भाग्य से
यात्रा व्लॉगर वांग मेंग यून के लिए, -
1:30 - 1:35यह विडीओ उसके और एशियाई लोग
खिलाफ हमलों के लिए ईंधन बन गया। -
1:35 - 1:39मुझे बहुत खेद है, लेकिन मुझे लगता है कि ये
एक बहुत ही नस्लवादी टिप्पणी है। -
1:39 - 1:40-हाँ? बहुत खूब।
-हाँ। -
1:40 - 1:42क्या कहा आपने?
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1:42 - 1:43मैंने कहा, आपने अपना कोरोनावायरस गिरा दिया।
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1:43 - 1:47पिछले कुछ महीनों में, लोग
एशियाई मूल के लोग बता रहे हैं -
1:47 - 1:51सोशल मीडिया पर उनकी कहानियां
किस तरह से उनका बहिष्कार किया गया है। -
1:51 - 1:52उन्हें निशाना बनाया गया है।
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1:52 - 1:55उन्हें नस्लीय रूप से प्रताड़ित किया गया है
और भेदभाव किया गया है। -
1:55 - 1:58हमने डॉ. रसेल ज्यूंग से बात की,
जिसने वेबसाइट विकसित करने में मदद की -
1:58 - 2:03जहां एशियाई अमेरिकी भेदभाव और
उत्पीड़न रिपोर्ट कर सकते हैं -
2:03 - 2:05और शारीरिक हमले जो
उन्होंने अनुभव किया होगा। -
2:06 - 2:11इसलिए जनवरी और फरवरी में समाचारों में
ज़ेनोफोबिक प्रतिक्रियाओं का हमने स्पाइक देखा -
2:11 - 2:15और हमने महसूस किया कि अस्ल ज़िंदगी में
यह नियमित रूप से हो रहा था -
2:15 - 2:20इसलिए मेरे सहयोगी संगठनों के साथ,
'चायनीज़ फ़ोर अफ़र्मटिव ऐक्शन' और 'ऐ३पीसीओएन' -
2:20 - 2:24के साथ एक वेबसाइट स्थापित किया,
जिसमें लोग घटनाओं की सूचना दें। -
2:25 - 2:28और जब से हमने खोला,
हमारे पास प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। -
2:28 - 2:30तो हर दिन १०० सौ से अधिक मामले।
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2:31 - 2:33क्या ऐसा सब जगह हो रहा था?
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2:33 - 2:35क्या यह हर उम्र, जाती के साथ हो रहा था?
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2:36 - 2:37सबसे बड़ी बात
जो हमने देखी -
2:37 - 2:41कि परेशान होने की संभावना महिलाओ में तीन गुना अधिक हैं
पुरुषों की तुलना में है। -
2:41 - 2:44और यह सिर्फ चीनी लोग नहीं हैं
जिन पर हमला हो रहा है, -
2:44 - 2:45कोई भी जो चीनी जैसा दिखता है।
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2:45 - 2:47तो यह नस्लीय प्रोफाइलिंग है।
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2:47 - 2:52मैं जो कुछ भी होता हुआ देख रहा हूं, जैसे किसी भी मामले में
जब एशियाई अमेरिकियों को नस्लवाद का सामना करना पड़ता है -
2:52 - 2:54या रंग के किसी भी व्यक्ति को नस्लवाद का सामना करना पड़ता है,
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2:54 - 2:55वहाँ हमेशा प्रतिरोध होता है।
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2:55 - 2:59मैं एशियाई अमेरिकियों के लिए चाहता हूँ
की वो अपनी कोशिश जारी रखे -
2:59 - 3:03और ज़ेनोफोबिक बयानों को चुनौती देने
और सरकार के साथ काम करे -
3:03 - 3:06रणनीतिक नीतियों को विकसित करने के लिए
और हमारे समुदायों की मदद करें। -
3:07 - 3:09सोशल मीडिया का उपयोग करें
लोग को जोड़ेने के लिए, तोड़ने के लिए नही। -
3:09 - 3:12अगली बार तक फर्जी खबर न फैलाएं।
इसे असली बनाए रखें! -
3:12 - 3:14मैं हूं हरि श्रीनिवासन
और यह टेक ऑन फेक है -
3:17 - 3:20यदि आप नस्लीय भेदभाव का शिकार है
या होते हुए देखते है -
3:20 - 3:23जो आपको लगता है
कोरोनावायरस से प्रेरित है -
3:23 - 3:25नीचे दिए गए विवरण में लिंक को देखें।
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3:25 - 3:28और यदि आपके पास कुछ है
जो आपने अपने सोशल मीडिया में देखा है, -
3:28 - 3:31वह सही नहीं है, और आप चाहते हैं
हमारी टीम उसे देखे। -
3:31 - 3:33कृपया इसे नीचे टिप्पणी में लिख दे।
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3:33 - 3:34धन्यवाद। फिर मिलेंगे।
- Title:
- गलत सूचना नस्लवाद और विदेशीजन भीति को कैसे जन्म देती है?
- Description:
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COVID-19 कहां से आया? शोधकर्ताओं के पास मजबूत सिद्धांत हैं, किन्तु उनमें से किसी में भी चमगादड़ के शोरबे का सेवन शामिल नहीं है। तो हाल ही में 2016 से चमगादड़ के शोरबा का सेवन करने वाली महिला का वीडियो वायरल क्यों हुआ? और इसने इंटरनेट पर इस तरह की कटु आलोचना को क्यों उकसाया? हम सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के डॉ. रसेल ज्यूंग के साथ बात करते हैं और बेहतर ढंग से समझने की कोशिश करते हैं कि संकट के समय गलत सूचना और विदेशीजन भीति एक साथ कैसे काम करते हैं। कोरोना वायरस से प्रेरित नस्लीय उत्पीड़न की घटनाओं की सूचना देने के लिए वेबसाइट है: https://bit.ly/2RnipbE
लाइक और सब्सक्राइब करना न भूलें: https://bit.ly/3dziPoH
टेक ऑन फेक उन नकली दावों की पोल खोलता जिन्हें आपने ऑनलाइन देखा या साझा किया है ताकि आपको यह दिखाया जा सके कि आपको कैसे सूचना प्राप्त करनी चाहिए। मेजबान हरि श्रीनिवासन सच्चाई को उजागर करने के लिए विश्वसनीय स्रोत खोजने के लिए शीर्षक से अधिक पढ़कर इंटरनेट की गलत सूचना की अंधी गली का अनुसरण करते हैं।
#TakeOnFake
- Video Language:
- English
- Team:
Amplifying Voices
- Project:
- Misinformation and Disinformation
- Duration:
- 03:35
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Ajay Singh Rawat edited Hindi subtitles for How Does Misinformation Lead to Racism and Xenophobia? | |
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