सहकर्मियों के साथ सभ्य रहना व्यापार के लिए अच्छा क्यों है
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0:01 - 0:03आप कौन बनना चाहते हो ?
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0:03 - 0:05यह एक आसान सा सवाल है,
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0:05 - 0:07और आप जानो या नहीं,
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0:07 - 0:10आप अपने कर्मों से
इसका जवाब रोज़ दे रहे हैं। -
0:11 - 0:15क्योंकि इस एक सवाल पर आपकी व्यवसायी सफलता
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0:15 - 0:17सबसे ज़्यादा निर्धारित करेगी,
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0:18 - 0:21क्योंकि आपका दूसरों के साथ व्यवहार
बहुत मायने रखता है। -
0:22 - 0:27या तो आप लोगों का सम्मान करके,
उन्हें समझके, उनकी सराहना करके, -
0:27 - 0:30उनका हौसला बढ़ाते हो,
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0:31 - 0:37या आप उनका अपमान करके,
उनकी उपेक्षा करके -
0:37 - 0:40उन्हें हतोत्साह करते हो।
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0:40 - 0:44और आप क्या करते हो वह मायने रखता है।
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0:45 - 0:48मैंने लोगों पर कटुता के
प्रभाव के बारे में पढ़ा। -
0:48 - 0:49कटुता क्या है?
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0:49 - 0:51अनादर या असभ्यता।
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0:52 - 0:54इसमें बहुत तरह के बर्ताव हो सकते हैं,
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0:54 - 0:56किसी का अपनी बातों से अनादर करना,
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0:56 - 0:59या उनका इस तरह से मज़ाक उड़ाना
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0:59 - 1:01जिससे उन्हें ठेस पहुँचे,
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1:01 - 1:03या सभा में सन्देश लिखना।
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1:03 - 1:05जो किसी के लिए कटुता हो
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1:05 - 1:07वह किसी और के लिए
बहुत मामूली सी चीज़ हो सकती है। -
1:07 - 1:10सोचेंगे जब किसी को
मिलते वक़्त फोनसे संदेश भेजना । -
1:10 - 1:12हम में से किसी के लिए वह अशिष्ट होगा,
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1:12 - 1:15और किसी और के लिए काफ़ी मामूली।
-
1:15 - 1:17तो यह निर्भर करता है।
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1:17 - 1:22यह सब एक इंसान के नज़रिए पर है कि
उसे वह अनादर लगा या नहीं। -
1:23 - 1:26हम शायद अपनी तरफ़ से किसी को
वैसा महसूस न कराना चाहें, -
1:26 - 1:28लेकिन जब हम करते हैं,
उसके भी परिणाम होते हैं। -
1:30 - 1:3222 साल से भी पहले,
-
1:32 - 1:35मुझे याद है कि मैं एक अस्पताल
के कमरे में गई थी। -
1:36 - 1:42मैं बहुत दुखी थी क्योंकि मैं अपने
जोशीले, मज़बूत, बलवान पिता को -
1:42 - 1:46बिस्तर पर बुरी मरीज़ों वाली
हालत में देख रही थी। -
1:47 - 1:49उनकी यह हालत काम में तनाव की
वजह से थी। -
1:50 - 1:52पूरे एक दशक के लिए,
-
1:52 - 1:55उनके एक कटु स्वभाव के बॉस थे।
-
1:57 - 2:02और मुझे उस समय इस परिस्तिथि
की गंभीरता का ख्याल नहीं था। -
2:02 - 2:05लेकिन कुछ सालों बाद ही,
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2:05 - 2:08मैंने खुद कॉलेज के बाद अपनी पहली नौकरी में
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2:08 - 2:10कटुता का अनुभव किया।
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2:10 - 2:13पूरे एक साल रोज़ काम पर
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2:13 - 2:15मुझे अपने सहकर्मियों से सुनना पड़ता कि
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2:15 - 2:18"तुम बेवकूफ़ हो?
ऐसे काम नहीं होता," -
2:18 - 2:22और, "तुमसे किसी ने नहीं पूछा।"
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2:23 - 2:26तो फिर मैंने वही किया जो कोई भी करता।
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2:26 - 2:30नौकरी छोड़कर, वापस कॉलेज जाकर इन सब
चीज़ों के प्रभाव पर पढ़ाई की। -
2:30 - 2:33वहाँ मैं क्रिस्टीन पिअरसन से मिली।
-
2:33 - 2:37और उनका एक सिद्धांत था, कि कैसे
छोटे कटु कर्म से -
2:37 - 2:39क्रोध और हिंसा जैसी
-
2:39 - 2:41बड़ी समस्याएँ भी कड़ी हो सकती हैं।
-
2:42 - 2:46हमारे मानने में कटु बर्ताव
का प्रभाव निष्पादन पर हो सकता है। -
2:46 - 2:50तो हमने इसका अन्वेषण करना शुरू किया,
और परिणाम से हमारे आँखें खुल गई। -
2:50 - 2:53हमने व्यापार पढ़े हुए लोगों
को सर्वेक्षण भेजे -
2:53 - 2:55जो अलग अलग जगहों में काम कर रहे थे।
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2:55 - 2:58हमने उनके अनुभवों पर
कुछ वाक्य लिखने को कहा -
2:58 - 3:01जहाँ उनके साथ बुरा या असभ्य बर्ताव हुआ,
-
3:01 - 3:04या किसी ने उनका अनादर किया,
-
3:04 - 3:07और कुछ सवाल उस बर्ताव को लेके
उनकी प्रतिक्रियाओं पर। -
3:09 - 3:12किसी ने हमें अपने बॉस के बारे में बताया
जो अशिष्ट किस्म की बातें करते जैसे, -
3:12 - 3:14"यह काम कोई बच्चा भी कर ले,"
-
3:15 - 3:19और दूसरे इंसान ने बताया कि उनके बॉस
सबके सामने किसी का काम फाड़ देते। -
3:20 - 3:24हमें पता चला कि कटु बर्ताव लोगों का
हौसला और भी कम कर देता है: -
3:24 - 3:2766 प्रतिशत लोगों ने काम में
मेहनत करना कम कर दिया, -
3:27 - 3:3080 प्रतिशत लोग सोच में पड़ जाते कि
इन चीज़ों का कारण क्या है, -
3:30 - 3:33और १२ प्रतिशत लोगों ने नौकरी छोड़ दी।
-
3:35 - 3:38इन परिणाम को छापने के बाद,
दो चीज़ें हुई। -
3:38 - 3:41एक, हमें संगठनों से फोन आने लगे।
-
3:42 - 3:43सिस्को ने हमारे परिणाम पढ़े,
-
3:43 - 3:48उनपर जाँच की और यह पाया कि
-
3:48 - 3:51कटु बर्ताव से उन्हें प्रति वर्ष
1.2 करोड़ डॉलर का नुक्सान हो रहा था। -
3:52 - 3:57दूसरी चीज़, कि हमें इस क्षेत्र से
और लोगों से सुनने को मिला -
3:57 - 4:01जिन्होंने हमसे पूछा कि सब यह चीज़ें
बता तो रहे हैं, लेकिन इसका क्या सबूत है? -
4:01 - 4:04क्या निष्पादन वाकई ख़राब होता है?
-
4:05 - 4:07मैं भी इस बारे में जानना चाहती थी।
-
4:07 - 4:11मैंने अमिर एरेज़ के साथ,
जिन्होंने कटुता का अनुभव किया है, -
4:11 - 4:14उनके साथ तुलना की जिन्होंने
ऐसा अनुभव नहीं किया है। -
4:14 - 4:18और हमने पाया कि जिन्होंने ऐसा
अनुभव किया है -
4:18 - 4:20उनका निष्पादन वाकई ख़राब हुआ है।
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4:22 - 4:24आप शायद सोच रहे होंगे
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4:24 - 4:27"हाँ, यह तो ज़ाहिर सी बात है।"
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4:28 - 4:32पर क्या अगर आपने कभी
ऐसा अनुभव न किया हो? -
4:32 - 4:34मगर देखा या सुना ज़रूर हो?
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4:35 - 4:36आप एक गवाह हैं।
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4:36 - 4:39हमने सोचा कि क्या इसका प्रभाव
गवाहों पर भी पड़ सकता है। -
4:40 - 4:41हमने उस पर भी अन्वेषण किया
-
4:41 - 4:45जहाँ पाँच सहपाठी किसी देर से आने वाले पर
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4:45 - 4:47प्रयोगकर्ता का दुश्व्यवहार देखते।
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4:48 - 4:50प्रयोगकर्ता कहते, "तुम कैसे आदमी हो?
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4:50 - 4:53देर से आते हो, गैरज़िम्मेदार हो।
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4:53 - 4:56तुम्हें ऐसे में कौन नौकरी पर रखेगा?"
-
4:57 - 4:59और एक छोटे समूह पर अनुसन्धान करने के लिए,
-
4:59 - 5:03हमने एक सहकर्मी के दुश्व्यवहार
के प्रभाव पर जाँच की। -
5:03 - 5:06हमने यह पाया,
-
5:06 - 5:09कि गवाहों का निष्पादन भी ख़राब होने लगा,
-
5:09 - 5:12और थोड़ा नहीं, बहुत ज़्यादा।
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5:14 - 5:16कटुता एक रोग है।
-
5:17 - 5:18वह फैलता है,
-
5:18 - 5:22और हम उसके आस पास रहकर भी
उससे प्रभावित होते हैं। -
5:23 - 5:25और वह सिर्फ़ काम तक सीमित नहीं है।
-
5:25 - 5:28हमें वह कहीं भी मिल सकता है--
-
5:28 - 5:32घर पे, ऑनलाइन, स्कूल में,
हमारे समुदायों में। -
5:33 - 5:38वह हमारे जज़्बात, उत्तेजना, निष्पादन
और हमारे व्यवहार को भी -
5:38 - 5:39प्रभावित करता है।
-
5:40 - 5:43वह हमारे ध्यान देने की और सोचने की
क्षमता को भी प्रभावित करता है। -
5:44 - 5:48और यह सिर्फ़ तब नहीं होता जब हम
उसे अनुभव करें -
5:48 - 5:49या उसके गवाही हो।
-
5:49 - 5:53यह तब भी हो सकता है जब हम कोई
कटु शब्द देखें या पढ़ें। -
5:54 - 5:56एक उदहारण देती हूँ।
-
5:57 - 6:01इसकी जाँच करने के लिए
हमने कुछ लोगों को एक वाक्य बनाने के लिए -
6:01 - 6:02चंद शब्द दिए।
-
6:03 - 6:04सब सोच समझकर।
-
6:05 - 6:10आधे सहपाठियों को कटु व्यवहार
उकसाने वाले 15 शब्द मिले: -
6:10 - 6:15अशिष्टता, टोकना, घृणित, परेशान करना।
-
6:15 - 6:18और आधे सहपाठियों को
दूसरे शब्दों की सूची मिली -
6:18 - 6:20जिनमें ऐसे व्यवहार उकसाने
वाले शब्द नहीं थे। -
6:21 - 6:24और हमें कुछ चौकाने वाली चीज़ें समझ आई,
-
6:24 - 6:26क्योंकि जिनको असभ्य किस्म के शब्द मिले
-
6:26 - 6:30उनकी सामने दी हुई जानकारी से
ध्यान भटकने की संभावना -
6:30 - 6:32पाँच गुना ज़्यादा थी।
-
6:33 - 6:35और जैसे जैसे हमने इस विषय पर और जाँच की,
-
6:35 - 6:38हमने पाया कि जो इस तरह के
असभ्य शब्दों को पढ़ते -
6:38 - 6:40उन्हें निर्णय लेने में ज़्यादा समय लगता,
-
6:40 - 6:42और अपने निर्णय समझने में भी,
-
6:42 - 6:44वे ज़्यादा ग़लतियाँ भी करते।
-
6:45 - 6:47यह एक बहुत बड़ी समस्या हो सकती है,
-
6:47 - 6:50खासकर जब जीवन-मृत्यु वाली स्तिथि हो।
-
6:51 - 6:55स्टीव, एक चिकित्सक ने एक डॉक्टर के बारे
में बताया जिनके साथ उन्होंने काम किया था -
6:55 - 6:56जो कि खासकर के अपने से छोटे औदे वाले
-
6:56 - 6:59या नर्सेज़ का कभी अच्छे से आदर न करते।
-
6:59 - 7:03लेकिन स्टीव ने एक विशेष वारदात
के बारे में बताया -
7:03 - 7:06जहाँ इस डॉक्टर ने चिकित्सक समूह
पर चिल्लाया। -
7:07 - 7:08उस बातचीत के बाद ही,
-
7:08 - 7:12उन लोगों ने मरीज़ को ग़लत दवाई दे दी।
-
7:13 - 7:17स्टीव ने कहा कि सही जानकारी बिलकुल
उनके सामने चार्ट पर दी गई थी, -
7:17 - 7:20मगर सब ने किसी तरह से उस पर
ठीक से ध्यान नहीं दिया। -
7:21 - 7:25उन्होंने कहा कि वे अनभिज्ञ
और ध्यानहीन से थे। -
7:26 - 7:27मामूली सी ग़लती थी, है न?
-
7:28 - 7:29लेकिन वह मरीज़, मर गया।
-
7:30 - 7:34इजराइल के शोधकर्ता ने यह बताया है कि
-
7:34 - 7:36ऐसे चिकित्सक समूह
जिनके साथ असभ्य बर्ताव होता है, -
7:36 - 7:39उसका प्रभाव उनके
-
7:39 - 7:42चिकित्सक प्रक्रियाओं पर पड़ता है।
-
7:43 - 7:46यह इसलिए होता था क्योंकि जिन लोगों
के साथ ऐसा बर्ताव होता था, -
7:46 - 7:48वे जानकारी आसानी से न बाँट पाते,
-
7:48 - 7:51और अपने सहपाठियों से मदद लेना भी बंद करते।
-
7:51 - 7:55और मैंने यह सिर्फ़ चिकित्सा के क्षेत्र में
ही नहीं, बाकी क्षेत्रों में भी देखा है। -
7:57 - 8:00अगर कटुता से इतन नुकसान होता है,
-
8:00 - 8:02तो हम ऐसा व्यवहार अब भी क्यों पाते हैं?
-
8:03 - 8:06मैं जिज्ञासु थी तो हमने इस पर
भी सर्वेक्षण किया। -
8:06 - 8:09सबसे पहला कारण है -- तनाव।
-
8:09 - 8:11लोग व्याकुल हो जाते हैं।
-
8:12 - 8:15दूसरा कारण यह है कि
-
8:15 - 8:17लोगों को लगता है कि
-
8:17 - 8:20उन्हें अच्छी तरह से पेश आने पर भी
संशयी महसूस होता है। -
8:20 - 8:23उन्हें लगता है कि ऐसे में
वे उतने बड़े लीडर नहीं लगेंगे। -
8:23 - 8:26उन्हें लगता है: क्या अच्छे आदमी
पीछे रह जाते हैं? -
8:26 - 8:29दूसरे शब्दों में: क्या क्रूर लोग
आगे बढ़ जाते हैं? -
8:29 - 8:30(हँसी)
-
8:31 - 8:33ऐसा सोचना आसान है,
-
8:33 - 8:36खासकर की जब हम ऐसे उदहारण
-
8:36 - 8:38अक्सर देखते हैं।
-
8:38 - 8:41खैर, पत्ते की बात यह है,
कि ऐसा सच नहीं है। -
8:42 - 8:46इस पर मॉर्गन मेककॉल और माइकल
लोम्बर्डो द्वारा अन्वेषण किया गया है, -
8:46 - 8:49जब हम रचनात्मक नेतृत्व केंद्र पर थे।
-
8:49 - 8:54उन्होंने पाया कि असफलता का सबसे बड़ा कारण
-
8:54 - 8:57एक असंवेदनशील, अपघर्षक
और अपमानित करने वाला व्यवहार था। -
8:58 - 9:03ऐसे कुछ चंद लोग होंगे जो इस व्यवहार के
बावजूद भी सफल होते होंगे। -
9:03 - 9:04मगर जल्द नहीं तो बादमें ही,
-
9:04 - 9:07अधिकतम कटु लोग अपनी ही
सफलता का नाश कर देते हैं। -
9:08 - 9:10जैसे कि बुरा व्यवहार करने वालों को
-
9:10 - 9:13इसका सबक तब मिलता है जब वे
खुद एक तकलीफ़ से गुज़रते हैं -
9:13 - 9:15या जब उन्हें किसी की ज़रूरत हो।
-
9:15 - 9:17लोग उनका साथ नहीं देंगे।
-
9:18 - 9:20लेकिन अच्छे लोगों का क्या?
-
9:20 - 9:21क्या अच्छाई भविष्य में मदद करती है?
-
9:21 - 9:23बिकुल करती है।
-
9:24 - 9:28और अच्छे से पेश आने का मतलब यह नहीं कि
आप बेकार नहीं हो। -
9:28 - 9:32किसी को नीचे न लाना और किसी का
प्रोत्साहन बढ़ाने में फ़र्क है। -
9:33 - 9:36सभ्यता से पेश आने का मतलब है
वह छोटी छोटी चीज़ें करना, -
9:36 - 9:39जैसे कि किसी के पास से गुज़रते वक़्त
मुस्कुराना और उन्हें हेलो बोलना, -
9:39 - 9:42जब कोई आपसे बात कर रहा हो
तो उसे ध्यान से सुनना। -
9:42 - 9:44आपके और किसी और के विचारों
-
9:44 - 9:49में अंतर हो सकता है, और आप चीज़ को
प्यार से, सम्मान देकर भी -
9:49 - 9:51व्यक्त कर सकते हैं।
-
9:51 - 9:53कुछ लोग इसको "मौलिक निर्मलता" कहते हैं,
-
9:53 - 9:55जब आप निजी तौर पर परवाह करते हैं,
-
9:55 - 9:57लेकिन सवाल सामने से।
-
9:58 - 10:00तो हाँ, सभ्यता आगे काम आती है।
-
10:00 - 10:03एक जैव प्राद्यौगिकी कंपनी में,
मैंने और मेरे सहकर्मियों ने पाया -
10:03 - 10:06कि जिन लोगों का सभ्य व्यव्हार था
-
10:06 - 10:08उनको लीडर की तरह देखने की संभावना
दो गुना ज़्यादा थी, -
10:08 - 10:10और उनका निष्पादन भी बेहतर था।
-
10:11 - 10:13सभ्यता क्यों काम आती है?
-
10:13 - 10:18क्योंकि लोग आपको महत्वपूर्ण और--
प्रभावशाली-- -
10:18 - 10:22दो अनोखी विशेषताओं के मेल से देखते हैं:
-
10:22 - 10:25नरम दिल और सक्षम, अनुकूल और होशियार।
-
10:25 - 10:30दूसरे शब्दों में, सभ्य होना सिर्फ़
दूसरों का प्रोत्साहन बढ़ाना नहीं है। -
10:30 - 10:31यह आपके बारे में है।
-
10:32 - 10:35अगर आप अच्छे हैं, आपको लीडर की तरह
देखा जाने की संभावना ज़्यादा है। -
10:35 - 10:39आप काम अच्छे से करेंगे, और दूसरों की नज़रों
में आप नरम दिल और सक्षम माने जाएँगे। -
10:40 - 10:43लेकिन अच्छाई कैसे काम आएगी
इसके पीछे और एक कहानी है, -
10:43 - 10:47और यह नेतृत्व के बारे में एक
बहुत एहेम सवाल खड़ा करती है: -
10:48 - 10:51लोग अपने लीडर से
सबसे ज़्यादा क्या चाहते हैं? -
10:52 - 10:56हमने पूरे दुनिया भर से
20,000 कर्मचारियों का डेटा लिया, -
10:56 - 10:58और जवाब आसान सा था:
-
10:59 - 11:00सम्मान।
-
11:01 - 11:04सम्मानित रूप का व्यवहार मिलना
-
11:04 - 11:06तरक्की और मान्यता,
-
11:06 - 11:08उपयोगी प्रतिक्रिया और
-
11:08 - 11:10सीखने के मौकों से ज़्यादा मायने रखता था।
-
11:11 - 11:14जिन्हें सम्मानित महसूस होता था वे
ज़्यादा स्वस्थ होते, -
11:14 - 11:16ध्यान केन्द्रित होते,
-
11:16 - 11:18संगठन के साथ रहने की
अधिक संभावना रखते, -
11:18 - 11:20और ज़्यादा प्रवृत्त रहते।
-
11:22 - 11:24तो शुरुआत कहाँ से की जाए?
-
11:24 - 11:28कैसे आप लोगों को प्रोत्साहित कर सकते हैं
और उनका सम्मान बढ़ा सकते हैं? -
11:28 - 11:31सबसे अच्छी बात यह है,
कि इसमें बहुत मेहनत नहीं लगती। -
11:32 - 11:35छोटी चीज़ों से भी बहुत फ़र्क पड़ता है।
-
11:35 - 11:38लोगों का शुक्रिया अदा करने से,
-
11:38 - 11:39उन्हें श्रेय देने से,
-
11:39 - 11:41ध्यान से सुनने से,
-
11:42 - 11:44विनम्रतापूर्वक सवाल पूछने से,
-
11:44 - 11:47दूसरों को देखकर मुस्कुराने से
-
11:47 - 11:48अच्छा प्रभाव पड़ता है।
-
11:49 - 11:53पैट्रिक क़ुइन्लेन, ओश्नर हेल्थ [सिस्टम]
के पुराने सीईओ -
11:53 - 11:56ने मुझे उनके 10-5 तरीके के प्रभाव बताए,
-
11:56 - 11:58कि अगर आप किसी से
10 फुट के दूरी के अंदर खड़े हैं, -
11:58 - 12:01आप उनकी आँखों में देखिए और मुस्कुराइए,
-
12:01 - 12:03और अगर पाँच फुट के अंदर,
-
12:03 - 12:04तो उन्हें हेलो बोलिए।
-
12:05 - 12:07उन्होंने बताया कि सभ्यता का प्रभाव फैला,
-
12:07 - 12:10मरीजों की संतुष्टता बढ़ी,
-
12:10 - 12:12और वे औरों को भी उनके बारे में बताते।
-
12:13 - 12:17सभ्यता और सम्मान से एक संगठन के निष्पादन
में उन्नति होती है। -
12:18 - 12:24जब मेरे दोस्त डग कोनेंट कैम्पबेल्स सूप
कंपनी के 2001 में सीईओ बने, -
12:24 - 12:27कंपनी की बाज़ारी हिस्सेदारी
आधे में घट गई थी। -
12:27 - 12:28बिक्री गिर रही थी,
-
12:28 - 12:31और बहुत से लोगों को निकला गया था।
-
12:31 - 12:35एक गैल्ल्प प्रबंधक ने कहा कि
यह सबसे कम प्रवृत्त संगठन था -
12:35 - 12:37जिनका उन्होंने सर्वेक्षण किया था।
-
12:37 - 12:40डग के पहले दिन पर उन्होंने देखा
-
12:40 - 12:44कि कंपनी का मुख्यालय तारों से घिरा हुआ था।
-
12:44 - 12:47पार्किंग एरिया में गार्ड टावर थे।
-
12:48 - 12:51उन्होंने कहा कि
पूरी जगह जेल जैसी लग रही थी। -
12:51 - 12:53विशालु सा लग रहा था।
-
12:55 - 12:58पाँच साल के अंदर डग ने सब कुछ बदल दिया।
-
12:58 - 13:02और नौ सालों के अंदर वे
नए रिकॉर्ड बनाने लगे। -
13:02 - 13:05उन्हें काम करने के लिए सर्वोत्तम जगह
होने के लिए, और अन्य पुरुस्कार मिले। -
13:05 - 13:07उन्होंने वह कैसे किया?
-
13:07 - 13:10एक दिन डग ने कर्मचारियों को कहा
-
13:10 - 13:13कि निष्पादन के लिए
वे उच्च मानक रखने वाले थे, -
13:13 - 13:15लेकिन वह सभ्यता से करना ज़रूरी था।
-
13:15 - 13:18उन्होंने वह करके दिखाया,
और सबसे अपेक्षा भी रखी। -
13:19 - 13:24डग के लिए वे मानकों में दृढ़ होते
-
13:24 - 13:25मगर लोगों के साथ नरम दिल।
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13:26 - 13:29उनके लिए यह रोज़ की बातों में होता,
-
13:29 - 13:33या कर्मचारियों के साथ रोज़ की बातचीत में,
-
13:33 - 13:37जो कि रास्ते में जाते हुए हो,
या भोजनालय, या मीटिंग में। -
13:37 - 13:40और जब वे इन सब में सफल होते,
-
13:40 - 13:42कर्मचारियों को अपना मूल्यवान महसूस होता।
-
13:43 - 13:47एक दूसरा तरीका जिससे वे कर्मचारियों को
मूल्यवान महसूस करवाते -
13:47 - 13:49और यह दिखाते की वे उनपर ध्यान देते हैं
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13:49 - 13:54यह था कि उन्होंने कर्मचारियों
30,000 से ज़्यादा हस्तलिखित पत्र भेजे। -
13:55 - 13:57और यह दूसरों के लिए उदहारण बन गया।
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13:58 - 14:02लीडर के पास रोज़ ऐसे 400 मौके होते हैं।
-
14:02 - 14:06और कुछ अच्छा करने में अधिकतर
दो मिनट से ज़्यादा नहीं लगते। -
14:06 - 14:10इन क्षणों में बस गौर करना ज़रूरी है।
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14:11 - 14:13सभ्यता से लोग प्रोत्साहित होते हैं।
-
14:13 - 14:16सभ्य होने से हम लोगों के निष्पादन
में उन्नति होने का -
14:16 - 14:18मौका देते हैं।
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14:19 - 14:22कटुता से लोगों के निष्पादन में
कमी होने लगती है, -
14:22 - 14:24अगर लोग़ कुछ बेहतरीन करना भी चाहें
-
14:24 - 14:26तो भी कटुता उनकी क्षमता में बाधा डालती है।
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14:27 - 14:31अनुसंधान करने से मुझे पता चला है कि
जब हमारे पास ज़्यादा सभ्य माहोल होते हैं, -
14:31 - 14:37हम ज़्यादा उत्पादक, रचनात्कम, सहायक,
खुश और स्वस्थ रहते हैं। -
14:37 - 14:39हम और बेहतर कर सकते हैं।
-
14:39 - 14:43हम दिमाग से और भी तेज़ हो सकते हैं,
-
14:43 - 14:46और हमारे कर्म ऐसे हो सकते हैं जो
दूसरों को काम में, घर में, -
14:46 - 14:49ऑनलाइन, स्कूल में,
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14:49 - 14:51समुदायों में
-
14:51 - 14:52प्रोत्साहित कर सकते हैं।
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14:53 - 14:55हर बातचीत करते हुए, सोचिए:
-
14:56 - 14:58आप क्या बनना चाहते हैं?
-
14:58 - 15:01आइए, हम इस कटुता के रोग को हटाएँ,
-
15:01 - 15:03और सभ्यता को फैलाएँ।
-
15:03 - 15:06क्योंकि, यह मायने रखता है।
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15:06 - 15:07धन्यवाद।
-
15:07 - 15:10(तालियाँ)
- Title:
- सहकर्मियों के साथ सभ्य रहना व्यापार के लिए अच्छा क्यों है
- Speaker:
- क्रिस्टीन पोरैथ
- Description:
-
क्या आप अपने व्यवसाय में आगे बढ़ना चाहते हैं? अपने सहकर्मियों के साथ सभ्यता से व्यवहार करके शुरुआत कीजिए, यह शोधकर्ता क्रिस्टीन पोरैथ का कहना हैं। इस वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित टॉक में वे हमें बताती हैं कि असभ्यता के क्या नुक्सान हैं, और कैसे छोटी चीज़ों में सम्मान देने से व्यवसायी सफलता में उन्नति हो सकती है -- और आपकी कंपनी की सफलता में भी।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 15:24
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for Why being respectful to your coworkers is good for business | ||
Abhinav Garule edited Hindi subtitles for Why being respectful to your coworkers is good for business | ||
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Gunjan Hariramani edited Hindi subtitles for Why being respectful to your coworkers is good for business | ||
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